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ईपीएफओ: यूएएन से आयकर रिटर्न दाखिल करने के आदेश को 1 सितंबर तक बढ़ाया
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Kuldeep Singh
Updated Wed, 16 Jun 2021 04:38 AM IST
सार
- कर्मचारियों को आधार को पीएफ खातों या यूएएन से लिंक करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा
- श्रम मंत्रालय के आदेश के बाद ईपीएफओ ने आधार सत्यापन को अनिवार्य कर दिया
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income tax
- फोटो : Social Media
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विस्तार
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मंगलवार को आयकर सत्यापित यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ आयकर रिटर्न दाखिल करने के अपने आदेश को 1 सितंबर तक टाल दिया है।
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इसके साथ ही कर्मचारियों को आधार को पीएफ खातों या यूएएन से लिंक करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा। इसके पहले ईपीएफओ ने 1 जून तक की समय सीमा दी थी। श्रम मंत्रालय के आदेश के बाद ईपीएफओ ने आधार सत्यापन को अनिवार्य कर दिया था।
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बता दें कि देश में एक वित्त वर्ष के दौरान 2.5 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई टैक्स के दायरे में आती है। केवल नौकरीपेशा से ही नहीं, बल्कि अन्य स्रोतों से होने वाली कमाई पर भी टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। इनमें ब्याज से होने वाली कमाई, किसी अन्य कारोबार से प्राप्त आय और किसी तरह के निवेश से होने वाली आमदनी शामिल है।
हालांकि, आयकर कानून के तहत प्रोविडेंट फंड (पीएफ), एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) या नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के अलावा आय के पांच ऐसे स्रोत भी हैं जिनसे होने वाली कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
इसके अलावा, कृषि से प्राप्त आय भी टैक्स के दायरे में नहीं आती है। यानी किसान को खेती से चाहे जितनी भी कमाई हो, उसे इस पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।
आयकर वेबसाइट के वर्तमान संस्करण के साथ लाभ यह है कि यह कर नियमों, कर दाखिल, कर विवाद समाधान और कर रिफंड से संबंधित हर चीज के लिए एकल गंतव्य की तरह है। प्रौद्योगिकी जिस तरह से राह आसान बनाती है, उससे उपयोगकर्ता अपने कई वित्तीय लेनदेन के लिए डीआईवाई (डू इट योरसेल्फ-इसे स्वयं करें) दृष्टिकोण का पालन करने में सक्षम हैं। कर दाखिल करने की अंतिम सीमा भी कुछ ऐसी होगी, जिसे वे स्वयं प्रबंधित करने में सक्षम होंगे। पिछले कुछ वर्षों में टैक्स रिटर्न फॉर्म पहले से ही सरल हो गए हैं और जिस तरह से व्यक्तियों के आयकर का आकलन किया जाता है, वह भी आसान हो रहा है।