Market : बाजार में गिरावट, आगे भी जारी रहेंगे उतार-चढ़ाव, निवेशकों के लिए यह सतर्कता के साथ खरीदारी का सही समय
शेयर बाजारों में पूरे साल उतार-चढ़ाव जारी रहने का अनुमान है। निवेशकों के लिए यह सतर्कता के साथ खरीदारी करने का सही समय है। मौजूदा हालात में उन्हें अपनी गाढ़ी कमाई को ऐसे साधनों में लगाना चाहिए, जिनमें ठीक-ठाक रिटर्न मिलने की गुंजाइश हो। सुरक्षित निवेश के साथ बेहतर मुनाफे का पूरा गणित बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट-

विस्तार
केआर चौकसी के प्रबंध निदेशक देवेन चौकसी कहते हैं कि हमें निकट समय में बाजार की वापसी के बारे में बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं लग रही है। जिस तरह से पूरी दुनिया में ब्याज दरों के बढ़ने और महंगाई की वजह से बाजारों में गिरावट है, ऐसे में सुरक्षित निवेश ही समझदारी हो सकती है। निवेशक चाहें तो इस समय अगर शेयर बाजार में मुनाफे में हैं तो उसमें से निकासी कर लें। इसे फिर ऐसी जगह निवेश करें जहां डेट और इक्विटी दोनों का मिला-जुला साधन हो।

यानी डेट में ज्यादा हिस्सा हो और इक्विटी में कम हो। इसके लिए आप अगले कुछ समय तक के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कर सकते हैं या फिर चाहें तो शॉर्ट टर्म ड्यूरेशन फंड को चुन सकते हैं। इस तरह के कोई भी निवेश आप 6 महीने से ज्यादा के लिए न चुनें क्योंकि जब भी बाजार गिरता है तो वह वापसी जरूर करता है। इस समय काफी सारे अच्छी क्वालिटी वाले ऐसे शेयर हैं, जो 50 फीसदी सस्ते भाव पर हैं।
अच्छे शेयरों में करें निवेश
सीए विजय मंत्री ने कहा कि बाजारों में इस समय बहुत ज्यादा अस्थिरता है। यह केवल एक देश की बात नहीं है। सारे बाजार इसकी चपेट में हैं। इसके कई सारे कारण भी हैं, जिनका निकट समय में कोई हल नहीं है।
n निवेशकाें को इस समय मुनाफा वसूली भी करनी चाहिए। वे चाहें तो अच्छे शेयरों में निवेश कर सकते हैं, खासकर जो गिरावट में हैं। ऐसे काफी सारे शेयर हैं जो इस समय सस्ते भाव पर हैं।
सतर्कता बरतें निवेशक
डॉलर की मजबूती और बॉन्ड की ब्याज दरों के बढ़ने से विदेशी निवेशक बिकवाल बने हुए हैं। अमेरिका के फेडरल रिजर्व और कई देशों के केंद्रीय बैंकों की ब्याज दर में बढ़ोतरी करने की रणनीति से वैश्विक स्तर पर ब्याज दरें ऊपर जा रही हैं। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रुख अपनाना चाहिए। -वीके विजय कुमार, मुख्य निवेश रणनीतिकार, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेस
विदेशी निवेशक लगातार कर रहे निकासी
आंकड़े बताते हैं कि विदेशी निवेशक केवल भारतीय बाजार से ही पैसे नहीं निकाल रहे हैं, बल्कि वे बहुत सारे उभरते हुए बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं। खासतौर पर ताइवान, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन और थाईलैंड के साथ भारत जैसे बाजारों से।
- भारतीय बाजार से इस साल अब तक 2 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई है। विदेशी निवेशकों ने जून में 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचे हैं। आगे भी यही रुझान जारी रहेगा।
- इनके बेचने का प्रमुख कारण यह है कि दुनियाभर में ब्याज दरें बढ़ रही हैं। इसलिए वे शेयर बाजारों से पैसा निकालकर अब बैक एफडी में डाल रहे हैं, जहां ज्यादा मुनाफा मिल रहा है।
स्मॉल कैप भी बेहतर
निवेश को लेकर कभी भी यह धारणा गलत साबित हो सकती है कि केवल बड़े शेयर ही मुनाफा दे सकते हैं। आंकड़े बताते हैं कि लार्ज और मिडकैप की तरह स्मॉलकैप ने भी अच्छा रिटर्न दिया है।
- पिछले 10 वर्षों में 6 बार स्मॉलकैप के शेयरों ने दो अंकों से ज्यादा फायदा दिया है, जबकि चार बार घाटा दिया है।
वर्ष | रिटर्न |
2014 | 43% |
2015 | 10% |
2016 | 26% |
2017 | 40% |
2018 | -25% |
2019 | -2% |
2020 | 20% |
2021 | 41% |
2022 | -22% |