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विशेषज्ञों की राय: आखिरी विकल्प हो तभी पीएफ खाते से निकालें पैसे, लंबी अवधि में होगा बड़ा नुकसान
कालीचरण, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 07 Jun 2021 08:18 AM IST
सार
- पीएफ खाते में कुल जमा का 75 फीसदी या तीन महीने के वेतन के बराबर निकाल सकते हैं रकम
- 7.68 लाख की लगेगी चपत एक लाख रुपये निकालने पर 25 साल में
- 8.50 फीसदी ब्याज मिलता है ईपीएफ जमा पर वर्तमान में
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
महामारी की दूसरी लहर के बीच ईपीएफओ ने अपने 6 करोड़ खाताधारकों को राहत देते हुए पीएफ खाते से दूसरी बार अग्रिम निकासी की सुविधा दी है। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के खाताधारक अपने खाते में जमा राशि का 75 फीसदी या तीन महीने के मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते के बराबर रकम (दोनों में जो कम हो) निकाल सकते हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने महामारी को देखते हुए भले ही दूसरी बार यह सुविधा दी है, लेकिन इसका इस्तेमाल आखिरी विकल्प के रूप में ही किया जाना चाहिए। पीएफ खाते से निकासी पर लंबी अवधि में बड़ा नुकसान हो सकता है। संकट की इस घड़ी में अगर अपने पीएफ खाते से एक लाख रुपये निकालते हैं तो 8.50 फीसदी की सालाना ब्याज दर के हिसाब से 30 साल में आपकी रिटायरमेंट राशि 11.55 लाख रुपये कम हो जाएगी। अगर रिटायरमेंट के 25 साल बचे हैं तो 7.68 लाख और 20 साल बचे हैं तो 5.11 लाख रुपये की चपत लग सकती है। खाते से जितनी ज्यादा निकासी करेंगे, रिटायरमेंट की रकम उसी हिसाब से घटती जाएगी।
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ऐसे समझें निकासी का गणित
मान लीजिए, 31 मार्च 2021 तक आपके खाते में 10 लाख रुपये है और आपका बेसिक वेतन 50,000 रुपये है। ऐसे में आप तीन महीने के वेतन के बराबर राशि यानी 1.5 लाख रुपये निकाल सकते हैं। इसके अलावा, अगर खाते में जमा कुल रकम 2 लाख रुपये है और आपका बेसिक मासिक वेतन 51,000 रुपये है, तब भी आप 1.5 लाख रुपये ही निकाल सकते हैं। यहां तीन महीने का कुल मासिक वेतन 1.53 लाख रुपये होगा, जबकि कुल जमा यानी 2 लाख रुपये का 75 फीसदी 1.5 लाख रुपये बनेगा। इन दोनों में से जो भी कम हो, वही रकम यानी 1.5 लाख रुपये ही निकाल सकते हैं।
निकासी एक लाख, चपत 11.55 लाख रुपये
साल नुकसान (रुपये में)
5 1,50,365.67
10 2,26,098.34
15 3,39,974.29
20 5,11,204.61
25 7,68,676.24
30 11,55,825.65
(गणना : सालाना 8.5 फीसदी ब्याज पर)
नुकसान से बचने को करें वॉलिंटरी योगदान
विशेषज्ञों का कहना है कि पीएफ से निकासी समझदारी भरा फैसला नहीं है। अगर निकासी ही आखिरी विकल्प है और आप नुकसान भी नहीं उठाना चाहते हैं तो पीएफ खाते में वॉलिंटरी योगदान करना चाहिए। ऐसा करने से थोड़े समय में उस रकम की भरपाई हो जाएगी, जितनी आपने निकाली है।
...तो लंबी अवधि में होगा बड़ा नुकसान
पीएफ खाते से निकासी आखिरी विकल्प होना चाहिए वर्ना लंबी अवधि में बड़ा नुकसान हो सकता है। इसका असर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि पर पड़ेगा। ऐसे में बेहतर होगा कि संकट में वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए अन्य विकल्पों का चुनाव करें। मसलन, किसी जानकार से कर्ज लेना, पर्सनल लोन लेना, क्रेडिट कार्ड से निकासी, गोल्ड लोन और टॉप-अप होम लोन आदि विकल्प अपनाकर पीएफ खाते से निकासी से बच सकते हैं। -बलवंत जैन, निवेश एवं टैक्स सलाहकार