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अगर नहीं है फॉर्म 16 तो भी फाइल कर सकेंगे ITR, अपनाना होगा ये प्रोसेस

amarujala.com- Written By: अनंत पालीवाल Updated Mon, 03 Jul 2017 05:41 PM IST
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if not having form 16 than also you can file income tax return
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जुलाई का महीना शुरू हो चुका है। इस माह की आखिरी तारीख, यानी 31 जुलाई तक सभी सैलरी क्लास के लोगों को अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा। रिटर्न भरने के लिए सभी सैलरी क्लास लोगों को फॉर्म 16 की जरुरत पड़ती है।
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ऐसे में अगर आपको कंपनी ने फॉर्म 16 अभी तक नहीं दिया है तो भी परेशान होने की जरुरत नहीं है। आप बिना फॉर्म 16 के भी अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास सैलरी स्लिप, फॉर्म 26एएस, टीडीएस सर्टिफिकेट सहित अन्य डॉक्यूमेंट्स की कॉपी होनी चाहिए।
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कर्मचारियों को फॉर्म 16 देना जरूरी
इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक कंपनियों को अपने कर्मचारियों को हर हाल में फॉर्म 16 देना होता है। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट हर साल इसको जारी करने के लिए समय सीमा देता है, जिससे कर्मचारियों को समय पर उनका फॉर्म मिल जाए।

लेकिन इसके बावजूद कई कंपनियों का एचआर डिपार्टमेंट समय से फॉर्म 16 नहीं दे पाता है। ऐसी कंपनियों पर नियम के हिसाब से 100 रुपए प्रतिदिन फाइन देना होता है। यह भी हो सकता है कि कंपनी किसी तरह की दिक्कतों का सामना कर रही हो जिसके कारम वो समय पर आपको फॉर्म 16 न दे पाई हो।

ऐसे में आप खुद ही रिटर्न फाइल करने के लिए आपको ऊपर बताए गए डॉक्यूमेंट्स को कलेक्ट करके  टैक्स कैलकुलेट करना होगा और रिटर्न फाइल कर देना होगा।    

टैक्सेबल इनकम को पता करने के लिए सैलरी स्लिप का करें इस्तेमाल

if not having form 16 than also you can file income tax return

फॉर्म 16 के आभाव में सैलरी स्लिप की मदद से आप अपनी टैक्सेबल इनकम का आसानी से पता कर सकते हैं। सैलरी स्लिप में मौजूद एचआरए, एलटीए के अलावा पार्ट बी में मिलने वाले अन्य इन्वेस्टमेंट को डिडक्ट करके टैक्सेबल इनकम का पता कर सकते हैं।

अगर आप आईटीआर 2, 2ए या फिर आईटीआर 4 भर रहे हैं तो कंपनी की तरफ से मिले अप्वाइंटमेंट लेटर में लिखे सीटीसी ब्रेकअप को ध्यान से देंखे। इसके अलावा बैंक से मिले टीडीएस सर्टिफिकेट, रेंटल इनकम, कैपिटल गेन, 50 हजार रुपए से ऊपर के अमाउंट की कैश गिफ्ट और डिविडेंड इनकम को भी इसमें शामिल करें।

फॉर्म 26एएस से क्रॉसचेक करें टीडीएस
इनकम टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे लोगों को रिटर्न फाइल करने से पहले अपने टीडीएस को क्रॉसचैक करना चाहिए। इसके लिए फॉर्म 26एएस में सभी सोर्स से मिले टीडीएस के बारे में जानकारी होती है।

अगर आपको फॉर्म 26एएस और आईटीआर फॉर्म में सबमिट किए गए टीडीएस में जरा सा भी अंतर हुआ, तो आईटी डिपार्टमेंट आपको नोटिस भेज सकता है। इसके अलावा सेक्शन 80सी में जमा किए गए इन्वेस्टमेंट प्रूफ जैसे कि इन्श्योरेंस प्रीमियम, पीपीएफ, एनपीएस, बच्चों की ट्यूशन फीस और ईपीएफ को भी शामिल करें। इससे आपका आईटीआर फॉर्म बिना फॉर्म 16 के जमा हो जाएगा। 

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