2018-19 के लिए आयकर विभाग ने जारी किए आईटीआर फॉर्म, मांगी जा रही है यह जानकारी
आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म जारी कर दिए हैं। विभाग ने करदाताओं की सुविधा के लिए फॉर्म एक से लेकर के चार को जारी कर दिया है। इसके अलावा विभाग ने करदाताओं से अबकी बार भारत में प्रवास के दिन, किरायेदार का पैन नंबर देना और प्रॉपर्टी की डिटेल्स शामिल हैं।
आईटीआर-1 में देनी होगी यह जानकारी
आईटीआर-1 फॉर्म उन लोगों को दाखिल करना होता है, जिनकी सालाना आय वेतन से 50 लाख रुपये है, एक घर है और उनको ब्याज से भी आय प्राप्त होती है। इस फॉर्म का इस्तेमाल वो लोग नहीं कर सकते हैं, जो किसी कंपनी में निदेशक हैं या फिर उन्होंने इक्विटी शेयरों में निवेश किया है।
इस आईटीआर फॉर्म में जिन लोगों के पास घर है तो फिर उनको यह जानकारी देनी होगी कि वो खुद के प्रयोग के लिए है या फिर किराये पर है। इसके अलावा कमाई के अन्य स्त्रोतों के बारे में भी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा पिछले साल की तरह इस बार भी वेतन का ब्रेकअप और सभी तरह के भत्तों के बारे में जानकारी देनी होगी।
आईटीआर-2 में बतानी होगी प्रवास की जानकारी
आईटीआर-2 आम करदाता और अविभाजित हिंदू परिवार को दाखिल करना होता है। यह उन लोगों पर लागू होता है, जिनकी आय किसी तरह के व्यापार में हुए लाभ से नहीं होती है। इस बार के आईटीआर-2 फॉर्म में लोगों को भारत में अपने प्रवास के बारे में बताना होगा।
इसमें 60 दिन से लेकर पिछले चार सालों में 365 दिन तक का प्रवास शामिल है। इसके अलावा अगर कोई करदाता किसी ऐसी कंपनी के शेयर लिए हुए है, जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं है तो फिर उस कंपनी का नाम, पैन और शेयरों की संख्या के बारे में बताना होगा।
यह फॉर्म भी किए जारी
इसी तरह विभाग ने आईटीआर-3 और आईटीआर-4 को भी जारी कर दिया है। हालांकि इन दोनों फॉर्म में किसी तरह की कोई नई जानकारी देने के लिए नहीं कहा गया है।
आईटीआर में जरूर दें यह जानकारी
अगर आपने गलत रिटर्न फाइल की है या कोई जानकारी छिपाई है तो याद रखें आयकर विभाग आपकी रिटर्न रिजेक्ट भी कर सकता है। साथ ही जिस मद में आपको छूट मिले उसका फायदा उठाने से न चूकें। जैसे, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, नेशनल सेविंग स्कीम और फंड आदि।
बिजनेसमैन, सरकारी कर्मचारी या प्राइवेट फर्म आईटीआर फाइल करते समय सालाना इनकम, देशी-विदेशी बैंक खातों की जानकारी, देश-विदेश में मौजूद संपत्ति, एफडी पर मिलने वाला ब्याज, कृषि से होने वाली आय, साल में किए विदेशी टूर आदि की जानकारी आयकर विभाग से छिपाने से बचें।
ऐसी किसी भी संपति, आय या खातों की जानकारी न देने पर विभाग सौ प्रतिशत तक जुर्माना लगा सकता है। वहीं रिटर्न फाइल करते समय टैक्स सेविंग बॉन्ड, नेशनल सेविंग स्कीम, पीएफ, होम लोन पर चुकाने वाले ब्याज की भी जानकारी दें ताकि आप उसका फायदा उठा सकें।