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काम की खबर: नजदीक आ रही आईटीआर फाइल करने से की अंतिम तारीख, इन बातों पर नहीं दिया ध्यान तो होगा नुकसान
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Fri, 10 Dec 2021 05:34 PM IST
सार
Income Tax Return Filing: आयकर रिटर्न फाइन करने की अंतिम तिथि पास आ रही है। इसके लिए 31 दिसंबर की डेडलाइन रखी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि रिटर्न फाइल करने के दौरान सभी ट्रांजैक्शन से संबंधित जानकारियां जरूर दर्ज करनी चाहिए। इन्हें छिपाने पर आयकर विभाग आप पर नोटिस भेजने के साथ जुर्माना भी लगा सकता है।
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- फोटो : पिक्साबे
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विस्तार
आयकर रिटर्न फाइन करने की अंतिम तिथि पास आ रही है। इसके लिए 31 दिसंबर की डेडलाइन रखी गई है। ऐसे में आपने अगर इसे अब तक फाइल नहीं किया है तो जल्द से जल्द कर लें। लेकिन इससे पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। सबसे बड़ी बात यह है कि आपको सभी तरह के ट्रांजैक्शन की पूरी डिटेल देनी होगी, ऐसा नहीं करने पर आपके लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।
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जानकारी छिपाना पड़ सकता है भारी
गौरतलब है कि आईटीआर में अपनी पूरी साल की कमाई का ब्योरा देना होता है। इसमें सभी तरह के आर्थिक लेन-देन शामिल होते हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान सभी ट्रांजैक्शन से संबंधित जानकारियां जरूर दर्ज करनी चाहिए। इन्हें छिपाने पर आयकर विभाग आप पर नोटिस भेजने के साथ जुर्माना भी लगा सकता है।
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संपत्ति खरीदने की जानकारी
ध्यान रहे कि अगर आपने वित्त वर्ष के दौरान कोई संपत्ति खरीदी है और उसकी कीमत 30 लाख रुपये या उससे अधिक है तो उसके बारे में पूरी जानकारी देना जरूरी है। इस जानकारी को छिपाने की कोशिश करना आपके ऊपर भारी पड़ सकता है।
बैंक से हुए लेन-देन का ब्योरा
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान बैंक के साथ किए गए सभी ट्रांजैक्शन की जानकारी मुहैया करना आवश्यक है। क्योंकि ये ब्योरा पहले से ही आयकर विभाग के पास मौजूद होता है। इसमें एफडी या शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और बॉन्ड की खरीद से जुड़ी जानकारी जरूर दर्ज करें।
आपको मिले बड़े उपहार की जानकारी
आपको ध्यान देना होगा कि आयकर रिटर्न भरते समय आपको मिले उपहार की जानकारी भी देनी होगी। आयकर नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50,000 रुपये से अधिक कीमत के उपहार मिले हैं तो इस पर टैक्स का भुगतान करना होगा।
फॉर्म-26एएस से करें आय का मिलान
फॉर्म-26एएस या टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट आपकी कमाई पर काटे गए टीडीएस के भुगतान की सभी जानकारियां देता है। इसलिए रिफंड क्लेम करने से पहले इसकी जरूर जांच करें। साथ ही करदाताओं को आईटीआर भरने से फॉर्म-26एएस और फॉर्म 16/16ए से अपनी आय का मिलान करना चाहिए।
क्रेडिट कार्ड से हुए खर्चे की जानकारी
हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में क्रेडिट कार्ड के जरिए खरीदारी में इजाफा हुआ है। इस खरीदारी के बाद कई लोग नकद में क्रेडिट कार्ड का बिल जमा करते हैं। ऐसे में आईटीआर में आपको इसकी जानकारी देनी होगी। क्रेडिट कार्ड का बिल अगर 1 लाख रुपये से अधिक है और आप उसका भुगतान कैश में कर रहे हैं, तो आयकर विभाग को यह बात जरूर बताएं।
बचत खाते के बारे में बताएं
आपके बैंक खाते की वैसे तो हर जानकारी सरकार के पास रहती है। फिर भी आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि आईटीआर फाइल करते समय आप बचत खाते की पूरी जानकारी दें। अगर आप अपने सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करते हैं तो रिटर्न फाइल करते वक्त यह बताना जरूरी है।