Money : बूस्टर एसआईपी और वैल्यू फंड रिटर्न के लिहाज से बेहतर साधन, जानें इक्विटी फंड में निवेश का गणित
अभी तक फंड उद्योग ने बूस्टर एसआईपी पर बहुत फोकस नहीं किया है। पर अब इसे धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है। हाल में फंड उद्योग ने पहला बूस्टर एसआईपी लॉन्च कर दिया है। अगर 2019 में निवेश का आधार मानकर इसका रिटर्न देखा जाए तो निवेशकों को सालाना 21.4% चक्रवृद्धि ब्याज की दर से फायदा मिला है। जबकि सामान्य एसआईपी में इसी अवधि में 18.3% का फायदा मिला है।

विस्तार
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद म्यूचुअल फंड की इक्विटी फंड योजनाओं में पिछले महीने 18 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम आई। इससे पता चलता है कि निवेशक सुरक्षित और बेहतर रिटर्न के लिए इन योजनाओं पर भरोसा जता रहे हैं। वैल्यू और बूस्टर एसआईपी जैसे इक्विटी फंड में निवेश का गणित बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट-

किस्त की तरह ही हर महीने जमा होती है एक तय रकम
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के उत्पाद एवं रणनीति प्रमुख चिंतन हरिया कहते हैं कि म्यूचुअल फंड उद्योग में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) को अधिकतर लोग जानते हैं। इसमें किसी कर्ज के किस्त की तरह हर महीने एक तय रकम जमा की जाती है। पर अब बूस्टर एसआईपी भी आ रहा है। सामान्य एसआईपी की तुलना में इसमें ज्यादा रिटर्न मिलता है। इस फीचर के जरिये जब बाजार महंगा हो जाता है तो जो मूल किस्त है, उसकी एक छोटी सी रकम का निवेश किया जाता है।
इसके विपरीत, जब मूल्यांकन सस्ता हो जाता है तो यह निवेश को ज्यादा बढ़ा देता है। उदाहरण के लिए, यदि मूल किस्त 10,000 रुपये है तो यह बाजार की स्थितियों के आधार पर कहीं भी 100 रुपये से एक लाख रुपये के बीच निवेश करता है। बूस्टर एसआईपी डायनैमिक किस्त के माध्यम से लक्षित योजना में निवेश को भी पीछे छोड़कर रुपये की लागत औसत मूल्य का फायदा उठाता है। यह इनहाउस इक्विटी वैल्यूएशन इंडेक्स पर आधारित है।
शेयरों का चुनाव
- वैल्यू फंड उन कंपनियों के शेयरों को बहुत ही चतुराई से चुनता है, जिनका मूल्य उनके संभावित मूल्य से कम रहता है।
- मूल्य में कमी के कई कारण हो सकते हैं। इसमें बाजार में भारी गिरावट और चक्रीय बदलाव भी हो सकते हैं।
- हालांकि, इन सबके बावजूद न तो प्रबंधन में कोई बदलाव होता है और न ही कंपनी में बुनियादी स्तर पर कोई बदलाव होता है।
निवेशक को होता है बड़ा फायदा
नियमित निवेश के अनुशासनात्मक नजरिये से निवेशकों को बड़ा फायदा होता है क्योंकि उसे बाजार को सक्रिय रूप से ट्रैक करने की जरूरत नहीं होती है।
- बूस्टर एसआईपी इक्विटी और डेट में निवेश करता है। यह सुविधा निवेशकों को बाजार की डांवाडोल स्थितियों से अधिक लाभ उठाने में मदद करती है।
- उन लोगों की भी मदद करती है, जो लंबी अवधि में निवेश करने के लिए तैयार रहते हैं।
बूस्टर एसआईपी की शुरुआत
अभी तक फंड उद्योग ने बूस्टर एसआईपी पर बहुत फोकस नहीं किया है। पर अब इसे धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है। हाल में फंड उद्योग ने पहला बूस्टर एसआईपी लॉन्च कर दिया है।
- अगर 2019 में निवेश का आधार मानकर इसका रिटर्न देखा जाए तो निवेशकों को सालाना 21.4% चक्रवृद्धि ब्याज की दर से फायदा मिला है। जबकि सामान्य एसआईपी में इसी अवधि में 18.3% का फायदा मिला है।
जहां निवेश सुरक्षित, वहीं लगाएं पैसा
जानकारों का कहना है कि बाजार में फिलहाल तेजी की उम्मीद निकट समय में कम है। ऐसे में इस उतार-चढ़ाव की स्थिति में निवेशकों को बूस्टर एसआईपी या फिर वैल्यू डिस्कवरी फंड का रास्ता अपनाना चाहिए।
- दुनियाभर के बाजारों में गिरावट है। चतुराई इसी में है कि जहां निवेश सुरक्षित हो और औसत रिटर्न मिले, वहीं पर पैसा लगाया जाए।
- वैल्यू डिस्कवरी फंड तब निवेश करते हैं जब उनको डिस्काउंट पर निवेश का अवसर मिलता है, जो इस समय बाजारों में उपलब्ध है।
कंपनी की हर बारीक जानकारी रखें
एक आम निवेशक को कंपनी के बारे में हर बारीक विवरण पर नजर रखनी चाहिए। लंबे समय के वित्तीय लक्ष्यों को पाने के लिए वैल्यू डिस्कवरी फंड एक बेहतर फंड है क्योंकि यह फंड इक्विटी में निवेश के लिए जिस रणनीति का पालन करता है, वह बहुत ही अनोखा है। इसका मतलब है कि यह फंड किसी भी शेयर को तब खरीदता है, जब इसका मूल्य एकदम निचले स्तर पर आ जाता है। इससे ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। इस फंड रणनीति का पालन करने पर आपको बेहतर मुनाफा मिल सकता है। -अतुलेश जैन, प्रमोटर, डब्ल्यूसीएफए फिनसर्व