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अगर दंगे, आगजनी में आपकी गाड़ी को पहुंचा है नुकसान तो बीमा क्लेम का यह है तरीका

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला Published by: paliwal पालीवाल Updated Wed, 26 Feb 2020 08:49 PM IST
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this is how you will claim insurance  when riots or fire damage to your vehicle or property
insurance cover - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स--रोहित झा
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नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में देश में जगह-जगह प्रदर्शन और आगजनी हो रही है। कई शहरों में हिंसक हो चुके विरोध प्रदर्शन के दौरान गाड़ियों, बसों, बाइक और अन्य सरकारी व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। हाल ही में दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में दंगाईयों ने कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन लोगों की गाड़ियों और दोपहिया वाहनों को नुकसान पहुंचा है, उसकी क्या बीमा कवर में भरपाई होगी। नियमों के मुताबिक कर्फ्यू, हिंसा और आगजनी पर बीमा क्लेम मिलता है। हालांकि अगर कोई वाहन मालिक गाड़ी लेकर के प्रदर्शन करने जाता है, तो नुकसान होने पर उसे किसी तरह का कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।  

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नियमों में किया गया है बदलाव

दंगे में तोड़फोड़ से नुकसान होने पर भी आप वाहन, घर और दुकान में हुए नुकसान के बीमा का क्लेम कर सकेंगे। बीमा नियामक ने नियमों में बदलाव कर कंपनियों को अलग से बीमा कवर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। 1 सितंबर, 2019 से लागू हुए इस नियम के बाद उपभोक्ताओं के लिए ऑन डैमेज (ओडी) बीमा कराना सस्ता और आसान हो गया है। भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (इरडा) ने पूर्व के आदेशों में बदलाव करते हुए उपभोक्ताओं को एकमुश्त बीमा पॉलिसी खरीदने से छूट दे दी है। 

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हालांकि सरकारी गाड़ियों या फिर सरकार द्वारा किसी सरकारी कार्य के लिए गए निजी वाहनों को ऐसे में नुकसान होने पर किसी तरह का क्लेम नहीं मिलता है। यहां तक की सरकारी बसों में आग लगाने के बाद उसे नुकसान पहुंचाने या फिर शीशे तोड़ने पर भी कोई क्लेम नहीं दिया जाता है।  

पॉलिसी बाजार के मुताबिक, अब साधारण बीमा कंपनियां भी वाहनों को भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं, तोड़फोड़ और दंगे जैसी घटनाओं से होने वाले नुकसान के लिए भी बीमा कवर मुहैया कराएंगी। यह पॉलिसी नए व पुराने दोनों तरह के वाहनों पर लागू हो सकेगी। इसमें कार या बड़े वाहनों के अलावा दोपहिया भी शामिल होंगे। इरडा के अनुसार, बीमाधारक की मांग पर कंपनियां चोरी या आग जैसी घटनाओं से होने वाले नुकसान को भी इस ओडी पॉलिसी में शामिल कर सकेंगी।

पुलिस की होती है बड़ी भूमिका

एक वरिष्ठ बीमा अधिकारी ने बताया कि क्लेम लेने में पुलिस की बड़ी भूमिका होगी। पुलिस किस धारा में मुकदमा दर्ज करेगी, इसका बीमा क्लेम पर बड़ा असर पड़ेगा। सर्वेयर पुलिस से जानकारी लेगा कि जो नुकसान हुआ है, उसको किस धारा में दर्ज किया गया है। हर बीमा कंपनी का क्लेम देने का प्रोसेस अलग है। ऐसे में आपको अपनी कंपनी से क्लेम के बारे में पूछना होगा। 

प्रदर्शन में शामिल होने वालों को नहीं मिलेगा क्लेम

हालांकि अगर कोई व्यक्ति विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेता है और उस दौरान उसके वाहन को नुकसान पहुंचता है, तो फिर बीमा कंपनी किसी तरह का कोई क्लेम नहीं देगी। इसमें यह माना जाएगा कि आप जानबूझकर के धरना, विरोध प्रदर्शन में भाग लेने गए हैं, जहां पर संभावना है कि गाड़ी को नुकसान हो सकता है। 

इतने दिन में पूरा होगा क्लेम

इंश्योरेंस पंडित के निदेशक अखिल ने बताया कि कंपनियां ऐसे मामलों में 45 से 90 दिनों में क्लेम प्रोसेस को पूरा करेगी। इसके लिए सर्वेयर के आने तक गाड़ी की स्थिति में किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं करें। आमतौर पर सर्वेयर 24 से 48 घंटे में अपना सर्वे कर लेते हैं। जिस जगह पर गाड़ी खड़ी है, उसे सर्वेयर के फोटो लेने के बाद ही गैराज में सही होने के लिए भेंजे। अगर गाड़ी 75 फीसदी से ज्यादा जल गई है तो फिर बीमा कंपनी वाहन की पूरी बीमित कीमत (इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू) देगी। इसके साथ ही वाहन को जब्त करके उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराया जाएगा। 

कैसे करें बीमा कवर का दावा

1- किसी दुर्घटना के होने पर सबसे पहले इससे हुए नुकसान के बारे में पॉलिसी देने वाली कंपनी को सूचित करना चाहिए। अगर दुर्घटना कोई प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकम्प आदि के अलावा आग लगना, चोरी, डकैती आदि है तो फिर सबसे पहले इसकी सूचना नजदीक के पुलिस स्टेशन में दें और FIR दर्ज कराएं।

2- पॉलिसी देने वाली अपने क्लेम से संबंधित फॉर्म को प्राप्त करें और ध्यानपूर्वक पढ़कर सही-सही भरें।

3- अपनी क्लेम की एप्लिकेशन के सात क्लेम से जुड़े सभी जरूरी कागज अवश्य जमा करें। इन कागजों में पुलिस रिपोर्ट, अन्य जरूरी कागज आते हैं।

4- पॉलिसी देने वाली कंपनी की ओर से किसी व्यक्ति की नियुक्ति की जाएगी, जो आपके नुकसान के बारे में पता करेगा। यदि इसमें डॉक्टर से जुड़ा कोई मामला है तो फिर किसी डॉक्टर के पैनल की नियुक्ति भी की जा सकती है।

5- पॉलिसी देने वाली कंपनी अन्तिम रूप से दावे का निपटान करेगी और बीमाधारक को सारा भुगतान करेगी।

मोटर वाहन बीमा में इन नियमों का करना होगा पालन

मोटर बीमा मोटर बीमा बीमाकर्ता के वाहन को होने वाली क्षति की भरपाई करता है। इस पॉलिसी के तहत आग, चोरी, दंगा, हड़ताल, भूकम्प, बाढ़, तूफान, बर्फबारी, सड़क सफर आदि के दौरान वाहन को होने वाली क्षतियों को कवर करता है। 

संपत्ति बीमा संपत्ति बीमा से घर, मशीनों, स्टॉक आदि को बीमित किया जाता है। इस बीमा पॉलिसी से समुद्र, वायु, रेलवे, सड़कों तथा कोरियर से परिवहन किए जाने वाले माल को भी बीमित कराया जा सकता है। इस बीमा पॉलिसी में आमतौर पर दो तरीके से संपत्ति का मूल्य तय किया जाता है, बाजार मूल्य और रीइस्टेटमेंट वैल्यू।

एक विस्तृत कार बीमा योजना के अंतर्गत आता हैः 

1. प्राकृतिक आपदा के कारण क्षति या बर्बादी :
आपके नियंत्रण के बार की घटनाएँ जैसे- बिजली कड़कना, भूकंप, बाढ़, तूफान, चक्रवात, आँधी, भू-स्खलन इत्यादि। 

2. मानव निर्मित आपदा के कारण क्षति या बर्बादी : 
मानव निर्मित आपदा जैसे- डकैती, चोरी, दंगा, हड़ताल, आतंकवादी गतिविधि, तथा सड़क, रेल या जल परिवहन के समय कोई क्षति। 

3. व्यक्तिगत दुर्घटना कवर : 
स्थायी अशक्तता या दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के समय यह आपके परिवार का भविष्य सुरक्षित करता है। यात्रा, कार से सवारी करते समय या निकलते समय ड्राइवर द्वारा किये जाने वाले किसी क्षति के लिए आप दो लाख तक प्राप्त कर सकते हैं। कुछ कंपनियाँ सह-यात्री को भी वैकल्पिक दुर्घटना राशी उपलब्ध कराती है। 

4. तीसरी पार्टी की विधिक दायित्व : 
कानून द्वारा अनिवार्य, यह नीति आपको आकस्मिक क्षति जिसके परिणामस्वरूप तीसरी पार्टी की स्थायी जख्म या मृत्यु हो जाती है, के विरुद्ध विधिक दायित्व की रक्षा करती है। यह आस-पास की संपत्ति की क्षति को भी कवर करता है। 

मोटर बीमा क्या कवर नहीं करती है? 

  • जब आप किसी दूसरे व्यक्ति के कार को चला रहे होते हैं। 
  • आपके कार को जब बीमा नहीं किया गया कोई व्यक्ति आपके कार को चला रहा होता है।  
  • जब किसी गाड़ी मालिक के एल्कोहॉल या ड्रग के प्रभाव में होने के कारण क्षति होता है। 
  • किसी ड्राइवर के पार मान्य लाइसेंस नहीं होने या ड्राइविंग करने का प्राधिकार खो जाने पर  
  • युद्ध के कारण गाड़ी के खो जाने या क्षति होने की स्थिति में 
  • विद्रोह या नाभिकीय जोखिम
  • आपके कार में यांत्रिक या विद्युतीय विघटन, रेडियो प्लेयर, 
  • सामान्य अपघर्षण और गाड़ी की सामान्य रंगहीनता के अतिरिक्त जो सीमित कार्य करने की की वजह से होती है।
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