अफोर्डेबल हाउसिंग की बिक्री में स्थिरता, नहीं बिके 50 फीसदी मकानः प्रॉपटाइगर
भारत के नौ प्रमुख आवासीय बाजारों में अफोर्डेबल हाउसिंग की बिक्री में भी स्थिरता बनी हुई है। ऐसे में इस सेक्टर में काम कर रही कंपनियों में करीब 50 फीसदी अनसोल्ड हाउसिंग स्टॉक पड़ा हुआ है। प्रॉपर्टी सलाहकार कंपनी प्रॉपटाइगर द्वारा जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 के अंत में कुल बिकने वाला स्टॉक 7.75 लाख यूनिट था। इसमें से करीब 3.90 लाख यूनिट्स अफोर्डेबल हाउसिंग की थीं।
रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में सस्ती प्रॉपर्टी की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा घोषित विभिन्न उपायों का अभी तक प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन धीरे-धीरे सेगमेंट के लिए चीजें स्थिर होने लगी हैं। अनसोल्ड स्टॉक में 14 फीसदी की वार्षिक गिरावट आई है। 2018 के अंत में डेवलपर्स के पास 452,850 अफोर्डेबल हाउसिंग अनसोल्ड स्टॉक बचे थे। किफायती आवास की मांग को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से की गई प्रमुख घोषणाओं के बावजूद, श्रेणी में उपभोक्ता को बहुत जिज्ञासा नहीं हुई।
रिपोर्ट जारी करते हुए कंपनी के सीईओ ध्रुव अगरवला ने कहा कि 45 लाख रुपये तक की यूनिटों को भारत में अफोर्डेबल घरों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। पिछले साल जुलाई में केंद्र सरकार ने होम लोन ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए दो लाख रुपये से 3.5 लाख रुपये कर दी थी। हाल के बजट में भी इस स्कीम के तहत मिलने वाली छूट को एक साल आगे बढ़ाया गया है। बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग लोन के ब्याज पर अतिरिक्त 1.5 लाख रुपये के टैक्स लाभ को बढ़ाकर मार्च 2021 तक किया गया है।
इससे खरीददारों के पास प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए कई वजह मौजूद हो चुकी हैं। जो मांग में कमी और एक गंभीर लिक्विडिटी की समस्या से घिरे सेक्टर को गति प्रदान करने के लिए की गई है। अफोर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी दर को भी इसी इरादे से एक फीसदी तक लाया गया है। इसके बावजूद पिछले साल अक्टूबर से दिसंबर की अवधि के दौरान अफोर्डेबल श्रेणी में आवास की बिक्री में सालाना 24 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि इंवेंट्री में भी 14 फीसदी की गिरावट आई क्योंकि डेवलपर्स ने नई इंवेंट्री लाने के बजाय मौजूदा इंवेंट्री का स्टॉक ख़त्म करने पर ध्यान केंद्रित किया।
तीसरी तिमाही में अफोर्डेबल हाउसिंग में बिके 56 फीसदी घर
अक्टूबर-दिसंबर 2019 की अवधि में बेचे गए सभी घरों में से 56% घर 45 लाख रुपये के ब्रैकेट के भीतर की कीमत वाले थे। इसी तरह, तीन महीने की अवधि के दौरान लॉन्च किए गए नए प्रोजेक्ट इस सेगमेंट में थे। प्रॉपटाइगर ने जिन शहरों में सर्वेक्षण किया है उनमेें अहमदाबाद, बंगलूरू, चेन्नई, गुरुग्राम (भिवाड़ी, धारूहेड़ा और सोहना), हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई (नवी मुंबई और ठाणे), नोएडा (ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेसवे) और पुणे शामिल हैं।