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RBI ने किया निराशः कार, होम लोन की EMI में नहीं होगा बदलाव

amarujala.com- Presented by: अनंत पालीवाल Updated Wed, 07 Jun 2017 03:04 PM IST
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rbi to announce repo rate policy today
उर्जित पटेल
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान कर दिया है। आरबीआई ने तमाम पूर्वानुमानों को सही ठहराते हुए ब्याज दरों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है। इससे होम लोन और कार खरीदने वालों को निराशा हाथ लगी है। 

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आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में गठित मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट और रिवर्मेंस रेपो रेट की दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। अब रेपो रेट 6.25 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी रहेगा।  पटेल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि महंगाई नवंबर 2016 से काफी नीचे चली गई है। बैंकों को राहत देते हुए पटेल ने कहा कि आरबीआई ने एसएलआऱ को घटा दिया है। आरबीआई ने कहा कि उसने एसएलआर को इसलिए घटाया है ताकि बैंकों में तरलता रहे। 
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किसानों को कर्ज माफी के राज्य सरकारों द्वारा ऐलान करने के बाद बैंकों की ग्रोथ पर असर पड़ेगा। इसलिए बैंकों की माली हालत सही रहे इस पर गौर करना चाहिए। 

आरबीआई को लगता है कि वित्त वर्ष के दूसरी छमाही में महंगाई दर के 3.5-4.5 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं पहली छमाही में इसके 2-3.5 फीसदी रहने की आशंका है।

1 जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी और मानसून की चाल को देखते हुए ऐसा होना मुश्किल है। फिलहाल रिजर्व बैंक वेट एंड वॉच की रणनीति पर काम करेगा। मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक अभी भी आरबीआई के पास नोटबंदी के बाद 60 बिलियन डॉलर की लिक्विडीटी मौजूद है।

इसके साथ ही महंगाई दर में कमी, पिछले दो सालों में विकास दर का निचले स्तर पर होना और 1992 के बाद लोन की डिमांड में कमी होना भी इसके प्रमुख कारणों में शामिल है।

अभी भी आ रही है पुराने नोट

आरबीआई के पास पिछले साल नवंबर में बंद हुए 500 और 1000 के नोट अभी भी आ रहे हैं, जिनको खपाना मुश्किल होता जा रहा है। नोटबंदी के समय आरबीआई को भी नहीं पता था कि इतने महीने बीत जाने के बाद भी बैंकों से पुराने नोट मिलते रहेंगे।

हालांकि यह वो नोट हैं जिन्हें पुलिस, आयकर विभाग और ईडी छापेमारी के दौरान जब्त कर रहे हैं। इन एजेंसियों द्वारा कार्रवाई होने के बाद  बैंकों के जरिए ये नोट आरबीआई के पास पहुंच रहे हैं। 

मानसून का अनुमान भी बनेगा वजह

मौसम विभाग ने कहा है कि देश में अब पहले के अनुमान से ज्यादा बारिश होगी। जून से सितंबर के दौरान औसतन 98 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। अप्रैल में अंदाजा लगाया गया था कि देश में 96 फीसदी बारिश होगी। बहरहाल, इस बार बादल सबसे ज्यादा मध्य भारत को भिगोएंगे। यहां सौ फीसदी बारिश होने की संभावना है।

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश ने कहा कि लंबी अवधि के दौरान देश में औसतन 98 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। अल नीनो का प्रभाव कम होने के चलते ऐसा हुआ है। लंबी अवधि में जुलाई में 96 फीसदी बारिश होगी।

वहीं अगस्त में 99 फीसदी तक बारिश हो सकती है। रमेश के मुताबिक, लंबी अवधि के दौरान मध्य भारत में 100 फीसदी, पश्चिमोत्तर और पूर्वोत्तर भारत में 96 और दक्षिणी प्रायद्वीप में 99 फीसदी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार 96 से 100 फीसदी बारिश को सामान्य माना जाता है। वहीं 100 से 104 फीसदी बारिश को सामान्य से ऊपर माना जाता है।

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