सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Business ›   TDS will have to be given if you withdraw from small savings schemes

लघु बचत योजनाओं से निकासी करते हैं तो देना होगा टीडीएस

कालीचरण, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Kuldeep Singh Updated Mon, 26 Apr 2021 08:29 AM IST
सार

  • आयकर कानून की धारा 194एन के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति लघु योजनाओं से निकासी करता है और उसने पिछले 3 साल आइटीआर नहीं भरा है तो उसे 2 से 5 फ़ीसदी की दर से टीडीएस देना होगा

विज्ञापन
TDS will have to be given if you withdraw from small savings schemes
TDS
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों और स्थानीय पाबंदियों का असर फिर से कारोबारी गतिविधियों पर पड़ने लगा है। इसमें लोगों की कमाई भी प्रभावित हो रही है। आपात समय में लोग अपनी वित्तीय जरूरतें पूरा करने के लिए पीपीएफ और राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) जैसी लघु बचत योजनाओं से पैसे निकाल सकते हैं।

Trending Videos


हालांकि ध्यान रखने की बात है कि इन योजनाओं से निकासी पर आपको टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) देना पड़ेगा। दरअसल, आयकर विभाग ने टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए एक नियम जोड़ा है। आयकर कानून की धारा 194एन के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति लघु योजनाओं से निकासी करता है और उसने पिछले 3 साल आइटीआर नहीं भरा है तो उसे 2 से 5 फ़ीसदी की दर से टीडीएस देना होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन


5 प्रतिशत तक टीडीएस का करना पड़ सकता है भुगतान 

...तो नहीं लगेगा टीडीएस
टीडीएस के नए नियम बैंक और कोऑपरेटिव बैंक के साथ डाकघर पर लागू होते हैं। इसके तहत करदाता ने अगर पिछले तीन आकलन वर्ष में एक बार भी रिटर्न भरा है तो 1 साल में एक करोड़ रुपये तक की निकासी के लिए टीडीएस का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। एक करोड़ से अधिक की निकासी पर दो फीसदी टीडीएस देना होगा।

जानें क्या हैं नियम

  • अगर किसी करदाता ने पिछले 3 साल से आइटीआर नहीं भरा है और वह पीपीएफ सहित किसी भी डाकघर बचत योजना से 20 लाख रुपये से अधिक पैसा निकालता है तो धारा 194एन के तहत दो  फीसदी टीडीएस देना होगा।
  • निकासी अगर 20 लाख रुपये से एक करोड़ के बीच हो तो भी दो फीसदी के हिसाब से टीडीएस का भुगतान करना होगा। 
  • अगर निकासी की रकम 1 करोड़ रुपये से अधिक है तो करदाता को 5 फीसदी टीडीएस का भुगतान करना पड़ेगा।

बैंक एफडी... 40,000 से ज्यादा ब्याज तो टीडीएस

  • अगर आपको बैंक एफडी पर किसी एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपये से ज्यादा प्राप्त होता है तो टीडीएस जरूर कटेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है।
  • एफडी से होने वाली ब्याज आय पर 10 फीसदी टीडीएस लगता है। पर, अगर आपने पैन कार्ड नहीं दिया है तो टीडीएस काटने की दर बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगी। 
  • जिनकी कमाई छूट की लिमिट से ऊपर नहीं है तो वे वित्त वर्ष की शुरुआत में बैंक के पास फॉर्म 15जी/15एच जमा कर टीडीएस नहीं काटने को कह सकते हैं।

बचने के लिए हर साल भरे रिटर्न
लघु बचत योजनाओं के मामले में फॉर्म 15जी/15एच जमा कर भी टीडीएस कटौती से नहीं बच सकते हैं। दरअसल, यह एक प्रकार की घोषणा होती है कि आपकी कमाई छूट सीमा से कम है। 20 लाख रुपये से अधिक की नगद निकासी पर टीडीएस का भुगतान करना ही होगा। इससे बचने के लिए जरूरी है करदाता हर आकलन वर्ष में रिटर्न जरूर दाखिल करें।  - अतुल गर्ग, कर सलाहकार

विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Union Budget से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed