12-14 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू: कोरोना को मात देने का दिखा जज्बा... बच्चे अकेले पहुंचे टीका लगवाने
चिह्नित किए गए बच्चों को कॉर्बेवैक्स वैक्सीन लगाई जा रही है। पहली खुराक देने के 28वें दिन इसकी दूसरी खुराक लगाई जाएगी।

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चंडीगढ़ में कोरोना टीकाकरण अभियान के अंतर्गत बुधवार से 12-14 साल के बच्चों को टीके की खुराक लगनी शुरू हो गई। बच्चों में टीका लगवाने को लेकर खूब उत्साह नजर आया। जीएमसएच 16 में बनाए गए केंद्र पर सुबह 8.45 पर ही कई बच्चे पहुंच गए। उनमें से कई तो अकेले ही टीका लगवाने आए थे। निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुमन सिंह का कहना है कि व्यस्कों की तुलना में बच्चों का उत्साह काबिले तारीफ है। अगर यह रफ्तार और सोच कायम रही तो जल्द ही 45 हजार के लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।

डॉ. सुमन ने बताया कि चिह्नित किए गए बच्चों को कॉर्बेवैक्स वैक्सीन लगाई जा रही है। पहली खुराक देने के 28वें दिन इसकी दूसरी खुराक लगाई जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले शुरू किए गए 15 से 18 साल के बच्चों को कोवैक्सीन की खुराक लगाई जा रही है। अभियान के अन्तर्गत फिलहाल अस्पतालों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों व सुखना लेक पर ही केन्द्र बनाए गए हैं क्योंकि मौजूदा समय में स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं। इस संबंध में कुछ दिनों बाद स्कूल प्रबंधनों से वार्ता कर वहां भी टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
ऑनलाइन के साथ मौके पर भी होगा पंजीकरण
स्वास्थ्य निदेशक डॉ. सुमन सिंह ने बताया कि अभियान के इस चरण में ऑनलाइन के साथ ही मौके पर भी पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है। कोविन एप के माध्यम से पहले से बुकिंग कराई जा सकती है। जो ऐसा नहीं कर पाएंगे उनका टीकाकरण केन्द्रों पर पंजीकरण किया जाएगा। पंजीकरण के लिए उम्र के सत्यापन से जुड़ी आईडी दिखानी होगी। पोर्टल पर आईडी मान्य होने पर ही पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होगी।
अब 60 साल वाले सभी बुजुर्गों को लगेगा टीका
अभियान के अन्तर्गत 60 साल वाले बुजुर्गों पर टीका लगवाने के लिए बीमारी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब उन बुजुर्गों को भी प्रिकॉशन डोज लगाई जाएगी जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त नहीं हैं। इस वर्ग में शहर के 78 हजार बुजुर्ग शामिल हैं। इससे पहले 60 साल से ज्यादा उम्र वाले गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 15600 बुजुर्गों को प्रिकॉशन डोज लगाने का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है।
सरकार की ओर से तय किए गए टीके को ट्रायल की सफलता के बाद ही बच्चों को लगाने का निर्णय लिया गया है। इसलिए अभिभावक बिना किसी डर के अपने बच्चों को टीका लगवाए और संक्रमण से बचाव के लिए उन्हें सुरक्षा कवच प्रदान करें। - डॉ. मधु गुप्ता, कोरोना टीके के ट्रायल की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर पीजीआई