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ADGP Suicide: IPS प्रकरण से सैनी सरकार की पहली वर्षगांठ का जश्न पड़ा ठंडा, बिहार चुनाव में भी पड़ सकता है असर

आशीष वर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 14 Oct 2025 11:43 AM IST
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सार

आईपीएस वाई पूरण प्रकरण से सैनी सरकार की पहली वर्षगांठ का जश्न ठंडा पड़ गया है। इसका असर बिहार चुनाव में भी पड़ सकता है। पीएम मोदी इस रैली के माध्यम के सैनी की पीठ थपथपाने के साथ बिहार चुनाव को साधने वाले थे। एक हफ्ते से भाजपा रैली की तैयारियों में जुटी थी।

ADGP Suicide IPS case dampens Saini government first anniversary celebration likely to impact Bihar elections
ADGP Suicide - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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दिवंगत आईपीएस वाई पूरण के शव का सातवें दिन भी पोस्टमार्टम नहीं होने से यह मुद्दा गरमा गया है। इस प्रकरण से न सिर्फ राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ का जश्न ठंडा पड़ गया है बल्कि पीएम मोदी की 17 अक्तूबर को सोनीपत में होने वाली रैली भी स्थगित कर दी गई है। 


रैली की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह व उनकी टीम पिछले एक हफ्ते से जोर-शोर तैयारी कर रही थी। खुद सीएम इस रैली का न्यौता पीएम मोदी को देकर आए थे। यह रैली न सिर्फ सीएम सैनी के लिए महत्वपूर्ण थी बल्कि पीएम मोदी भी इस रैली के जरिये बिहार चुनाव को साधने की तैयारी में थे। 
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वह रैली से बताने वाले थे कि हरियाणा की भाजपा सरकार जो कहती थी, वह करके दिखाती है। सैनी सरकार का एक साल का ब्यौरा वह रैली के माध्यम से रखने वाले थे। मगर वाई पूरण आत्महत्या के मामले से सरकार का जश्न फीका पड़ गया है।

पीएम मोदी के रैली के स्थगन की जानकारी उस समय आई जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी व प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के साथ सोनीपत में रैली की तैयारियों का जायजा ले रहे थे। उसके बाद उन्होंने न सिर्फ अपना दिल्ली दौरा रद्द किया बल्कि नूंह में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया है। 
 

हाईकमान भी पूरे प्रकरण में हरियाणा सरकार के रवैये से संतुष्ट नहीं
भाजपा यह रैली अपनी सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य पर करने जा रही थी। हालांकि हरियाणा सरकार पिछले चार दिन से वाई पूरण की पत्नी अमनीत कुमार व उनके परिजन को मनाने की पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है। वहीं, हाईकमान भी इस पूरे प्रकरण में हरियाणा सरकार के रवैये से संतुष्ट नहीं है।

राहुल गांधी के दौरे से कहीं यह मामला रोहित वेमुला जैसा न बन जाए
राहुल गांधी के वाई पूरण कुमार के घर पर आने की सूचना के बाद इस पूरे मामले में हलचल बढ़ गई है। राहुल गांधी मंगलवार शाम को चंडीगढ़ पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि उनके आने के बाद यह मामला राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र बिंदु पर छा सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि कहीं यह मामला हैदराबाद विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र रोहित वेमुला जैसा न बन जाए।

यह मामला इतना उठा कि केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप देना पड़ा था। वेमुला ने कथित तौर जातिगत भेदभाव की वजह से आत्महत्या कर दी थी। यह मामला कितना गंभीर है, इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा 48 घंटे में दूसरी बार वाई पूरण के घर पहुंचे हैं। मंगलवार को भी वह राहुल गांधी के चंडीगढ़ आ सकते हैं।

बिहार चुनाव में भी पड़ सकता है असर
इस मामले का असर बिहार चुनाव में भी देखा जा सकता है। बिहार में चुनावी ताल ठोक रहे राजनीतिक दल भी इस मामले को उठा रहे हैं। एनडीए के सहयोगी व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी मंगलवार को चंडीगढ़ पहुुंच रह हैं। यदि यह मामला एक दो दिन में नहीं सुलझा तो इसका असर बिहार चुनाव में भी देखा जा सकता है।

साक्ष्य बचाने के लिए पुलिस परिवार की अनुमति के बिना भी करा सकती है पोस्टमार्टम
वाई पूरन कुमार के मामले में सातवें दिन भी परिवार पोस्टमार्टम के लिए सहमत नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में साक्ष्यों के नष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जब किसी की मौत मेडिको-लीगल केस (एमएलसी) के तहत होती है तो जांच एजेंसी या पुलिस मृतक के परिजनों की अनुमति के बिना भी पोस्टमार्टम करा सकती है।
 

चंडीगढ़ पुलिस के सेवानिवृत्त डीएसपी जगबीर सिंह ने बताया कि पुलिस मानवता के आधार पर परिवार को सहमत करने की कोशिश करे ये अलग बात है लेकिन साक्ष्य नष्ट होने की परिस्थिति में सीआरपीसी की धारा 174 और 175 के तहत उसके पास बिना अनुमति पोस्टमार्टम करवाने का अधिकार है।

इसके लिए पुलिस को मजिस्ट्रेट से आदेश लेने के लेकर उनकी उपस्थिति में प्रक्रिया पूरी करनी होगी। पूरन कुमार के मामले में कई अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज हो चुकी है इसलिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 194 के तहत पोस्टमार्टम जरूरी है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि मौत वास्तव में आत्महत्या थी या किसी अन्य कारण से हुई। 
 
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