सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Chandigarh ›   Administrative language of Chandigarh changed overnight on 31 october 1966

मातृभाषा दिवस: रातों रात बदली थी चंडीगढ़ की भाषा, 31 अक्तूबर 1966 की रात थी पंजाबी, सुबह हो गई अंग्रेजी

नीरज कुमार, संवाद न्यूज एजेंसी, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Mon, 19 Feb 2024 01:33 PM IST
विज्ञापन
सार

पंजाब संगीत नाटक अकादमी चंडीगढ़ के सचिव प्रीतम सिंह रूपाल का कहना है कि भाषाओं का आदर होना चाहिए। जिसने हमें लोरी दी है। गोद में खिलाते हुए मां ने जो शब्द बोले हैं। बच्चा जो मां के गर्भ में होता है। मां के सभी गुण उसे बच्चों में होते हैं। मां जो भी भाषा सिखाती है, बच्चे को वही बच्चा भाषा सीखना है।

Administrative language of Chandigarh changed overnight on 31 october 1966
चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड

विस्तार
Follow Us

पहले चंडीगढ़ की पहली और प्रशासकीय भाषा पंजाबी थी। 31 अक्तूबर 1966 की रात तक चंडीगढ़ की भाषा पंजाबी थी। जब चंडीगढ़ बना तो एक नवंबर 1966 को यहां पर अंग्रेजी कर दिया गया। यहां की भाषा रातों रात बदल दी गई। 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस है। लोगों का कहना है कि किसी भी प्रदेश और यूटी का पहली भाषा अंग्रेजी नहीं है लेकिन चंडीगढ़ में है। भाषा के जानकारों का कहना है कि सभी को अपनी भाषाओं का आदर करना चाहिए।
विज्ञापन
loader
Trending Videos


भाषा बदलना सदमे जैसा
चंडीगढ़ पंजाबी लेखक सभा के अध्यक्ष बलकार सिद्धू का कहना है कि सुबह आंख खुली तो यहां के लोगों को पता चला कि उनकी भाषा बदल गई है। यह लोगों के लिए सदमे के जैसा था। ऐसा नहीं होना चाहिए था लेकिन हुआ। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही थी कि 31 अक्तूबर 1966 की रात तक पंजाबी थी और 1 नवंबर 1966 को पंजाबी से बदलकर अंग्रेजी हो गई। चंडीगढ़ के 12 लाख की आबादी में एक भी शख्स की मातृभाषा अंग्रेजी नहीं है। 
विज्ञापन
विज्ञापन


भारत में जितने भी राज्य या यूटी हैं, वहां किसी की भी मातृभाषा अंग्रेजी नहीं है। स्थानीय भाषा ही पहली और सरकारी भाषा है लेकिन चंडीगढ़ को छोड़कर। यह गुलामी जैसा लगता है। उन्होंने कहा कि कुछ अफसरों ने यहां पर आकर ऐसा किया ताकि उनकी आपसी बात स्थानीय लोगों को समझ में न आए। सरकारी अफसर भी जब यहां पर आते हैं तो जिस प्रदेश में जाते हैं वहां की भाषा उन्हें सीखनी होती है। 

पीजीआई के डॉक्टर भी भाषा सीखते हैं ताकि मरीजों का इलाज बेहतरीन तरीके से हो सके लेकिन यहां के अफसर ऐसा नहीं करते। इसलिए चंडीगढ़ की भाषा पंजाबी न होकर अंग्रेजी कर दी गई। इसका बेहद दुख है पंजाबी को चंडीगढ़ में पहले और शासकीय भाषा बनाने के लिए लोग संघर्ष कर रहे हैं।

मातृभाषा का आदर होना ही चाहिए
पंजाब संगीत नाटक अकादमी चंडीगढ़ के सचिव प्रीतम सिंह रूपाल का कहना है कि भाषाओं का आदर होना चाहिए। जिसने हमें लोरी दी है। गोद में खिलाते हुए मां ने जो शब्द बोले हैं। बच्चा जो मां के गर्भ में होता है। मां के सभी गुण उसे बच्चों में होते हैं। मां जो भी भाषा सिखाती है, बच्चे को वही बच्चा भाषा सीखना है। इसलिए मातृभाषा से सभी को प्रेम करना चाहिए अपनी अपनी मातृभाषा का सभी का प्रेम होना ही चाहिए।

हमें हमारी मातृभाषा लौटा दीजिए
चंडीगढ़ पंजाबी मंच के चेयरमैन सिरी राम अर्श का कहना है कि आदमी का पहला उसूल होना चाहिए कि वह मातृभाषा से प्रेम करें। मां के दूध के साथ जो भाषा उसको मिलती है वह अंतिम सांस तक चलती है। पंजाबी जज्बाती इंसान होते हैं। पंजाबी अध्यात्म की अगुवाई भी करती है। अध्यात्म की शिक्षा भी हमें पंजाबी भाषा से ही मिलती है। पंजाबी भाषा में ही श्री गुरु ग्रंथ साहिब का सृजन हुआ है। चंडीगढ़ में पंजाबी भाषा को पहली भाषा और प्रशासकीय भाषा का दर्जा मिले। यह हमसे छीन लिया गया है। हमें इसे वापस किया जाए। जीत तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

व्यक्ति के संस्कारों का परिचय कराने वाली होती है मातृभाषा
चंडीगढ़ समूह गुरुद्वारा प्रबंधक संगठन के अध्यक्ष तारा सिंह का कहना है कि बच्चे अपनी मां के साथ अधिकतम समय व्यतीत करते हैं। मां जो भी बोलती है। वही वह सुनता है और समझता है। ऐसे में उसे उसकी भाषा में सिखाया जाए तो वह बहुत बेहतर तरीके से सीख और समझ सकता है। वह अपना और अपने समाज का जीवन स्तर सुधर सकता है। नई भाषा सीखने में बहुत समय लगता है। इसलिए चंडीगढ़ में पंजाबी भाषा को पहले और प्रशासकीय भाषा जो हमसे छीन लिया गया है उसे वापस किया जाए। मातृभाषा व्यक्ति के संस्कारों का परिचय कराने वाला होता है।

 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed