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Loksabha Election: चुनाव से पहले भाजपा ने बदली अपनी रणनीति, अब मिशन मेरिट से नैया पार लगने की आस

सोमदत्त शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Thu, 16 May 2024 02:59 PM IST
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सार

भाजपा हाईकमान की ओर से कराए गए सर्वे के बाद हरियाणा में नौकरियों के मुद्दे को चुना गया है। रणनीति के तहत अब हरियाणा में भाजपा के स्टार प्रचारक मनोहर लाल और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुलकर नौकरियों के मुद्दों पर बोल रहे हैं। इनके अलावा दसों प्रत्यशियों, विधायकों, मंत्रियों और अन्य नेताओं को भी इसी मुद्दे पर फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं।

BJP come to local level issues in Haryana for loksabha election
मनोहर लाल को हल सौंपते ऐलनाबाद के कार्यकर्ता। - फोटो : फाइल

विस्तार
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हरियाणा लोकसभा की अधिकतर सीटों को जीतने के लिए भाजपा ने मतदान से चंद दिन पहले अपनी रणनीति बदल दी है। राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के केंद्रीय मुद्दों के यहां कमजोर पड़ने के बाद अब भाजपा स्थानीय स्तर के मुद्दों पर आ गई है।

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प्रचार को धार देने के लिए स्थानीय मुद्दों में खासकर पिछले नौ साल में बिना पर्ची और खर्ची के युवाओं को दी गई नौकरियों को भाजपा ने प्रमुख मुद्दा बनाया है। इसी मुद्दे को हथियार बनाकर भाजपा जहां अब कांग्रेस पर हमलावर हो गई है, वहीं लाखों उन युवाओं जिनको नौकरियां मिली है और लाखों वे युवा जिनको नौकरी की आस है और उनके परिवारों को साधने की कोशिश की जा रही है। अगले एक सप्ताह में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता उन सभी 1.30 लाख युवाओं के घर दस्तक देने वाले हैं, जिनकी इस सरकार में सरकारी नौकरियां लगी हैं। सरकार के पास सभी युवाओं और उनके परिवार का पूरा डाटा है।
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इस खास अभियान के पीछे मकसद साफ है कि जिन युवाओं को बिना पर्ची और खर्ची के नौकरियां मिली हैं, उनको याद दिलाना है कि उनको नौकरियां भाजपा के मिशन मेरिट से मिली है। वहीं, जिन युवाओं और परिवारों में नौकरयां नहीं मिल पाई हैं, उनको संदेश देना कि बिना पहचान और सिफारिश के नौकरियां भाजपा ही दे सकती है।

दूसरा, भाजपा नेताओं का मानना है कि घर में एक सरकारी नौकरी मिलने से कम से कम उसके परिवार व रिश्तेदारी के 10 वोट प्रभावित होते हैं। इसलिए भाजपा इस अभियान के जरिये 13 लाख से अधिक मतदाताओं को साधने की कोशिश में है। इनके अलावा हरियाणा कौशल रोजगार निगम में लगे एक लाख से अधिक कर्मचारियों के घर भी दस्तक देने की योजना है। अगर भाजपा इन मतदाताओं का साधने में कामयाब रहती है तो यह एंटी इंकमबेंसी का बड़ा तोड़ होगा। इनमें नई नियुक्तियां पाने वाले 13 हजार 133 युवा और ठेके पर काम कर रहे 1 लाख पांच हजार 747 युवा भी शामिल हैं।

रैलियों में पूछ रहे मनोहर, पहले नौकरियां बिकती थी या नहीं
रणनीति के तहत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भाषण के मुद्दे अचानक से बदल गए हैं। मनोहर लाल सीधे नौकरियों के मुद्दे पर आ रहे हैं। रैलियों में वह सीधे जनता से पूछने लगे हैं कि पहले हरियाणा में नौकरियां बिकती थीं या नहीं। रेट भी बंधे हुए थे। क्लर्क से लेकर ऊपर के लेवल तक रेट तय थे। मनोहर लाल ने कहा कि पहले नौकरी के लिए युवा पिता की जमीन बिकवा देते थे। असंध के बल्ला और हिसार में हुई रैली में मनोहर लाल ने कहा कि हमने 1.30 लाख नौकरियां दीं, एक भी पैसा नहीं लगा। मनोहर बोले बेशक वह आज मुख्यमंत्री नहीं हैं, मगर यदि किसी ने पैसा लिया है तो बता देना गर्दन पकड़ कर पैसा वापस दिलवाएंगे।

हरियाणा में रोजगार बड़ा मुद्दा
हरियाणा में शुरू से सरकारी नौकरी बड़ा मुद्दा रही है और इसे रुतबे के सिंबल पर देखा जाता है। हालांकि, बेरोजगारी दर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। जब से हरियाणा बना तभी से नौकरियों को लेकर आरोप लगते रहे हैं कि पार्टियों के कार्यकर्ताओं और नेताओं के जानकारों को नौकरियां दी गई हैं। किसी भी सूरत में हरियाणवी सरकारी नौकरी चाहता है। खासकर युवा सरकारी नौकरियों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहे हैं। एक तो हरियाणा के युवा विदेशों में पलायन कर रहे हैं, दूसरा अन्य राज्यों में नौकरियों को लेकर भी प्रदेश के युवा पीछे नहीं हट रहे हैं। ये बात अलग है कि बाहरी राज्यों में पेपर लीक मामलों में भी हरियाणा के युवा पकड़े जा रहे हैं। कांग्रेस सरकार पर क्षेत्रवाद और जातिवाद के हिसाब से नौकरियां देने के आरोप लगते रहे हैं। मनोहर लाल के सीएम बनने के बाद मिशन मेरिट का नारा दिया गया। अब इस मिशन मेरिट के आधार पर भाजपा हरियाणा को फिर से फतह करने की तैयारी में हैं।

60 हजार और नौकरियां हैं लंबित, चेयरमैन किया नियुक्त
एक दिन पहले हरियाणा सरकार ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष के तौर पर हिम्मत सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है। यह नियुक्ति भी लंबित पड़ी नौकरियों की प्रक्रिया को तेज करने के लिए ही की गई है, ताकि युवाओं को संदेश दिया जा सके कि आचार संहिता के बाद शेष भर्तियों के परिणाम भी जारी किए जाएंगे। अभी आयोग के पास 60 हजार पदों पर भर्ती लंबित है। इनमें ग्रुप सी और ग्रुप डी के पद इनमें शामिल हैं। 

सभी को पता है कि पहले नौकरियां कैसे क्षेत्र और जाति को देखकर मिलती थी। हमने इस व्यवस्था को बदला है। हिसार से कांग्रेस के प्रत्याशी ने तो अभी से कहना शुरू कर दिया है कि हम अपने लोगों को नौकरियां देंगे, लेकिन किसी भी कांग्रेस के नेता ने इसका खंडन नहीं किया है। इसका मतलब क्या है। हमने जिन घरों में नौकरी नहीं थी, उनको अतिरिक्त नंबर दिए और नौकरियां दी। मिशन मेरिट जारी रहेगा। -मनोहर लाल, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा

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