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चंडीगढ़ मेयर चुनाव: आप-कांग्रेस फिर साथ आए तो भाजपा की राह होगी मुश्किल, दिल्ली दरबार के संपर्क में कई पार्षद

प्रवीण राय, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Mon, 22 Dec 2025 12:50 PM IST
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सार

चंडीगढ़ निगम में इस समय आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद हैं जबकि कांग्रेस के 6 पार्षद और एक सांसद का वोट भी विपक्षी खेमे में शामिल है। इस तरह आप कांग्रेस गठबंधन के पास कुल 20 वोट बनते हैं जो मेयर चुनाव में जीत के लिए जरूरी 19 के आंकड़े से ज्यादा हैं। 

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चंडीगढ़ नगर निगम - फोटो : फाइल
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विस्तार
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चंडीगढ़ में नगर निगम मेयर चुनाव को लेकर राजनीति फिर गरमा गई है। आप और कांग्रेस गठबंधन एक बार फिर से साथ आ सकता है। यह चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि दिसंबर 2026 में निगम के आम चुनाव प्रस्तावित हैं और मेयर का पद राजनीतिक तौर पर बड़ा संदेश देने वाला माना जाता है। इसी को देखते हुए आम आदमी पार्टी इस बार मेयर पद पर पूरी मजबूती के साथ उतरने की तैयारी में है।
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चंडीगढ़ निगम में इस समय आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद हैं जबकि कांग्रेस के 6 पार्षद और एक सांसद का वोट भी विपक्षी खेमे में शामिल है। इस तरह आप कांग्रेस गठबंधन के पास कुल 20 वोट बनते हैं जो मेयर चुनाव में जीत के लिए जरूरी 19 के आंकड़े से ज्यादा हैं। 
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ऐसे में यदि गठबंधन कायम रहता है तो मेयर की कुर्सी भाजपा की पहुंच से बाहर रह सकती है। हालांकि इस बीच यह भी चर्चा है कि पार्टी के कई पार्षद भाजपा नेतृत्व के संपर्क में है। ऐसे में उनको पार्टी छोड़ने से रोकना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। क्योंकि भाजपा के नेताओं का दावा है कि उनके संपर्क में कई नेता है।

पार्टी हाईकमान में जल्द होगी बैठक

सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच मेयर चुनाव को लेकर अंदरखाने तालमेल की कोशिशें तेज हो गई हैं। दोनों दल यह संदेश देना चाहते हैं कि भाजपा की रणनीतियों को इस बार कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार मेयर चुनाव में हाथ उठाकर वोटिंग होगी जिससे क्रॉस वोटिंग की संभावना बेहद कम हो जाएगी।

आम आदमी पार्टी के कई पार्षद मेयर पद की दावेदारी को लेकर सक्रिय हो गए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कुछ पार्षद सीधे तौर पर दिल्ली नेतृत्व के संपर्क में हैं। मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और पंजाब के वरिष्ठ नेताओं से लगातार संवाद किया जा रहा है ताकि पार्टी हाईकमान से समर्थन हासिल किया जा सके। इसके अलावा संगठन स्तर पर भी अपनी पकड़ मजबूत दिखाने की कोशिशें चल रही हैं। सूत्रों के अनुसार योगेश ढींगरा, रामचन्द्र यादव, दमनप्रीत सिंह, अंजू कात्याल समेत कई लोग अपनी दावेदारी कर रहे है।

पार्टी और निगम में सक्रिय रहने वाले को प्राथमिकता

आप के भीतर यह चर्चा भी है कि इस बार मेयर उम्मीदवार ऐसा हो जो न सिर्फ निगम में सक्रिय रहा हो बल्कि आम जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाता रहा हो। पार्टी यह भी चाहती है कि मेयर चुनाव के जरिए 2026 के निगम चुनाव के लिए मजबूत आधार तैयार किया जाए। हालांकि कांग्रेस और आप में एक वर्ग ऐसा है जो गठबंधन नहीं चाहता है। लेकिन दोनों ही दल में वरिष्ठ नेता मौजूदा मेयर चुनाव तक गठबंधन जारी रखना चाहते है। खुद सांसद मनीष तिवारी लगातार गठबंधन का समर्थन करते आए है। ऐसे में गठबंधन का समर्थन न करने वाले नेताओं को मनाना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

एक-एक नेता से बात होगी

पार्टी अध्यक्ष विजयपाल सिंह का कहना है कि अध्यक्ष पद का चयन पार्टी हाईकमान के द्वारा होगा। गठबंधन के सवाल पर उनका कहना है कि यह भी वहां से तय होगा। हालांकि अगर गठबंधन होता है तो हमारी मांग मेयर को लेकर रहेगी। उसके अलावा सीनियर डिप्टी मेयर या डिप्टी मेयर में भी एक पद पर बात की जा सकती है। उनका कहना है कि जो भी पार्षद मेयर के लिए दावेदारी करेगा उससे अलग से बात की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि उसने पूरे साल पार्टी और नगर निगम के स्तर पर कैसा काम किया है। इसके अलावा उसकी निजी छवि कैसी यह सब बिंदु देखा जाएगा। बाकी दिल्ली के नेताओं के संपर्क के सवाल पर उन्होंने कहा उनकी पार्टी पूरी तरह लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चलती है। कोई नेता किसी से भी मिलकर अपनी बात रख सकता है।
 
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