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जीएमसीएच-32 चंडीगढ़ में व्यवस्था बदलने से मुश्किल में मरीज व स्टाफ, सुरक्षाकर्मियों से नोकझोंक
अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: पंचकुला ब्यूरो
Updated Thu, 15 Oct 2020 01:41 PM IST
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जीएमसीएच 32 में मरीज
- फोटो : अमर उजाला
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चंडीगढ़ जीएमसीएच-32 में ट्रामा सेंटर के निर्माण के लिए इमरजेंसी को प्रथम तल से भूमि तल पर स्थानांतरित करने और प्रवेश द्वार बंद को करने से मरीजों व कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इमरजेंसी की जगह बदलने से पार्किंग और प्रवेश द्वार से प्रवेश करने को लेकर मरीजों और तीमारदारों की दिनभर सुरक्षाकर्मियों से सुनी होती रही।
बता दें कि ट्रामा सेंटर के निर्माण के चलते अस्पताल के गेट नंबर 1 और 3 से प्रवेश बंद कर दिया गया है। ऐसे में मरीजों के साथ कर्मचारियों को भी गेट नंबर 2 से प्रवेश करना पड़ रहा है जबकि बाहर निकलने के लिए उन्हें नई बिल्डिंग के पास स्थित गेट नंबर 4 तक जाना पड़ रहा है।
मरीजों और तीमारदारों का कहना है कि गेट पर मरीज को एंबुलेंस से उतारने के बाद एक बार वाहन चली जा रही है तो दोबारा वाहन को तलाशने में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि गेट नंबर 1 के बंद हो जाने के कारण स्टाफ पार्किंग में वाहन खड़ा करने में काफी परेशानी हो रही है।
इसे लेकर अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ रवि गुप्ता का कहना है कि इमरजेंसी का स्थान बदलने व ट्रामा सेंटर के निर्माण को देखते हुए प्रवेश द्वार को बंद करने के कारण कुछ परेशानी हो रही है। जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा।
इमरजेंसी में मरीजों की कतार, सामाजिक दूरी का ख्याल नहीं
इमरजेंसी के प्रथम तल से भूमि तल पर स्थानांतरित होने से ओपीडी में आने वाले मरीजों को इमरजेंसी वाले मरीजों के पास ही रुकना पड़ रहा है। ऐसे में वहां भीड़ एकत्रित होने लगी है। इससे सामाजिक दूरी के नियम की अनदेखी हो रही है। इमरजेंसी में आए गंभीर मरीजों को ओपीडी के मरीजों के साथ ही इंतजार करना पड़ रहा है।
ओपीडी में आए मरीजों का कहना है कि ओपीडी में डॉक्टर नहीं मिलते। वहां से इमरजेंसी में भेजा जा रहा है। इमरजेंसी में मेडिकल ऑफिसर के पास जाओ तो पता चलता है कि वह गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
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बता दें कि ट्रामा सेंटर के निर्माण के चलते अस्पताल के गेट नंबर 1 और 3 से प्रवेश बंद कर दिया गया है। ऐसे में मरीजों के साथ कर्मचारियों को भी गेट नंबर 2 से प्रवेश करना पड़ रहा है जबकि बाहर निकलने के लिए उन्हें नई बिल्डिंग के पास स्थित गेट नंबर 4 तक जाना पड़ रहा है।
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मरीजों और तीमारदारों का कहना है कि गेट पर मरीज को एंबुलेंस से उतारने के बाद एक बार वाहन चली जा रही है तो दोबारा वाहन को तलाशने में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि गेट नंबर 1 के बंद हो जाने के कारण स्टाफ पार्किंग में वाहन खड़ा करने में काफी परेशानी हो रही है।
इसे लेकर अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ रवि गुप्ता का कहना है कि इमरजेंसी का स्थान बदलने व ट्रामा सेंटर के निर्माण को देखते हुए प्रवेश द्वार को बंद करने के कारण कुछ परेशानी हो रही है। जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा।
इमरजेंसी में मरीजों की कतार, सामाजिक दूरी का ख्याल नहीं
इमरजेंसी के प्रथम तल से भूमि तल पर स्थानांतरित होने से ओपीडी में आने वाले मरीजों को इमरजेंसी वाले मरीजों के पास ही रुकना पड़ रहा है। ऐसे में वहां भीड़ एकत्रित होने लगी है। इससे सामाजिक दूरी के नियम की अनदेखी हो रही है। इमरजेंसी में आए गंभीर मरीजों को ओपीडी के मरीजों के साथ ही इंतजार करना पड़ रहा है।
ओपीडी में आए मरीजों का कहना है कि ओपीडी में डॉक्टर नहीं मिलते। वहां से इमरजेंसी में भेजा जा रहा है। इमरजेंसी में मेडिकल ऑफिसर के पास जाओ तो पता चलता है कि वह गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।