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कोरोना ने बदली कार्य शैली... चंडीगढ़ में बेपटरी हुई जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं, कुछ अच्छी पहल भी हुई

अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: खुशबू गोयल Updated Sat, 29 Aug 2020 12:21 PM IST
सार

  • जीएमएसएच में सामान्य मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज
  • टेली कंसल्टेशन सुविधा से स्थिति संभालने की कोशिश
  • गाइनी और पीडियाट्रिक ओपीडी बिना बाधा चल रही

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Coronavirus, Medical Services not Available to Patients in Chandigarh
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Pixabay
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विस्तार
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कोरोना के चलते चंडीगढ़ के अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है। लॉकडाउन के दौरान बंद ओपीडी खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में महिलाओं और बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए गाइनी और पीडियाट्रिक की ओपीडी का संचालन किया जा रहा है।
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जीएमएसएच-16 में कई व्यवस्था प्रभावित हुई है, लेकिन मरीजों की सहायता के लिए कई सराहनीय कदम भी उठाए गए हैं। हर जगह सैनिटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क की जांच की जा रही है। अस्पताल के सुरक्षा गार्ड अपनी ड्यूटी करने के साथ आने-जाने वाले लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के फायदे बता रहे हैं।
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ट्रेंड स्टाफ लोगों को जागरूक करने में जुटा
ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रशासन ने लोगों को जागरूक करने की अच्छी व्यवस्था की है। कोरोना के संदिग्ध मरीजों को अस्पताल के सैंपल कलेक्शन सेंटर पर ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेंड स्टाफ संदिग्ध मरीजों को पॉजिटिव और निगेटिव दोनों स्थिति के बारे में बता रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य अस्पताल आने वाले लोगों को कोरोना से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराना है।

कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते हुए अन्य मरीजों के इलाज की व्यवस्था पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है। टेलीकंसल्टेशन के जरिये फोन पर परामर्श देने के साथ पीडियाट्रिक और गाइनी डिपार्टमेंट में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन क मरीज देखे जा रहे हैं।
-डॉ. वीके नागपाल, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, जीएमएसएच 16 चंडीगढ़

टेली कंसल्टेशन ने संभाली व्यवस्था

अस्पताल की ओपीडी बंद होने के बाद पीजीआई की तर्ज पर जीएमएसएच 16 ने भी महत्वपूर्ण विभागों में टेली कंसल्टेशन सर्विस शुरू की है। इसमें आई, ईएनटी, मेडिसिन, सर्जरी, डेंटल, साइकेट्रिक और स्किन के विशेषज्ञ मरीजों को फोन पर परामर्श दे रहे हैं। इस सुविधा के अंतर्गत प्रतिदिन तीन से चार सौ मरीजों को इलाज उपलब्ध हो रहा है।

इमरजेंसी की स्थिति ज्यादा खराब
इमरजेंसी पर मरीजों का दबाव बढ़ने से व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। इमरजेंसी में गंभीर मरीजों के साथ कोरोना के संदिग्ध मरीजों के आने से वहां अतिरिक्त दबाव है। कर्मचारियों और डॉक्टरों को संक्रमण के खतरे के बीच ड्यूटी करनी पड़ रही है। ऐसी स्थिति से बचाव के लिए अस्पताल प्रशासन ने 6 मंजिल के इनडोर में 2 फ्लोर खाली कराकर वहां अन्य डिपार्टमेंट के मरीजों के लिए रिजर्व कर दिया है।

महिलाओं और बच्चों की सेहत का खास ख्याल
कोविड के दौरान अस्पताल की गाइनी और पीडियाट्रिक ओपीडी सेवा लगातार बहाल रखी गई है। शुरुआती दौर में संक्रमण के कारण इस सेवा में कई तरह की बाधाएं आईं, लेकिन व्यवस्था को संभालते हुए गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इलाज देने का क्रम जारी रखा गया। अस्पताल के गाइनी डिपार्टमेंट के डॉक्टरों व स्टाफ की मेहनत और सूझबूझ के बल पर अब तक वहां डेढ़ दर्जन कोरोना पॉजिटिव गर्भवतियों की सफल डिलीवरी कराई जा चुकी है।

जनता ने कहा...

कोरोना के चलते मरीजों को न तो समय पर इलाज मिल पा रहा है और न ही दवाइयां। ऐसी स्थिति में प्रशासन को मरीजों की बेहतरी के लिए उचित उपाय करने की जरूरत है ताकि कोरोना के साथ अन्य बीमारियों पर काबू पाया जा सके।
- किरण देवी, रामदरबार

कोरोना के साथ अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज पर फोकस करने की जरूरत है, ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिल सके। जीएमएसएच 16 और पीजीआई की टेली कंसल्टेशन में इसे लेकर बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं।
- कप्तान सिंह, हल्लोमाजरा

कोरोना के दौरान अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग, स्क्रीनिंग और से सैनिटाइजेशन की व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। अभी भी वहां सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों की अनदेखी की जा रही है, जिस कारण कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
 - दलबीर सिंह, हल्लोमाजरा

अस्पतालों की टेलीकंसल्टेशन सर्विस में जारी नंबर लगते ही नहीं। इससे मरीज परेशानी हो रहे हैं। जीएमएसएच 16 के अस्पताल प्रशासन को इसमें सुधार करने की जरूरत है। क्योंकि इस समय टेली कंसल्टेशन ही अन्य मरीजों के लिए राहत का माध्यम बना हुआ है।
- तारा शंकर तिवारी, कॉलोनी नंबर 4

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