{"_id":"5bcabc34bdec2269651f2020","slug":"dalbir-singh-who-was-playing-role-of-ravana-killed-in-amritsar-train-accident","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"अमृतसर ट्रेन हादसाः 'रावण' भी कुचले गए ट्रेन से, राम-लक्ष्मण को तैयार करके ट्रैक पर आ गए थे","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
अमृतसर ट्रेन हादसाः 'रावण' भी कुचले गए ट्रेन से, राम-लक्ष्मण को तैयार करके ट्रैक पर आ गए थे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अमृतसर(पंजाब)
Updated Sun, 21 Oct 2018 09:03 AM IST
विज्ञापन

दलबीर सिंह
अमृतसर ट्रेन हादसे का एक और खौफनाक सच सामने आया, जिसने सभी को चौंका दिया। पता चला है कि हादसे में 'रावण' भी मारे गए, जो उस वक्त ट्रैक पर ही मौजूद थे। इस खबर को सुनकर लोगों के होश उड़ गए। मृतक की पहचान दलबीर सिंह के रूप में हुई है। इस समय दलबीर का परिवार सदमे में है।
बताया जा रहा है कि दलबीर की मौत की खबर सुनकर उनकी मां और पत्नी बेहोश हो गई। उनके भाई को यकीन नहीं हो रहा है कि ऐसा हो गया। दलबीर 10 साल से रावण का किरदार निभा रहे थे और कल वे घर से जल्दी निकल गए थे, ये कहकर कि उन्हें राम और लक्ष्मण को तैयार करना है।
दलबीर की पत्नी ने बताया कि वे एक खुशमिजाज इंसान थे। उन्हें रावण बनना और लोगों का मनोरंजन करना पसंद था। अपना काम करने के बाद वे जरूर लोगों के बीच पहुंच गए होंगे, लेकिन क्या पता था कि ये उनका आखिरी वक्त होगा।
विज्ञापन

Trending Videos
बताया जा रहा है कि दलबीर की मौत की खबर सुनकर उनकी मां और पत्नी बेहोश हो गई। उनके भाई को यकीन नहीं हो रहा है कि ऐसा हो गया। दलबीर 10 साल से रावण का किरदार निभा रहे थे और कल वे घर से जल्दी निकल गए थे, ये कहकर कि उन्हें राम और लक्ष्मण को तैयार करना है।
विज्ञापन
विज्ञापन
दलबीर की पत्नी ने बताया कि वे एक खुशमिजाज इंसान थे। उन्हें रावण बनना और लोगों का मनोरंजन करना पसंद था। अपना काम करने के बाद वे जरूर लोगों के बीच पहुंच गए होंगे, लेकिन क्या पता था कि ये उनका आखिरी वक्त होगा।
बचने का मौका ही नहीं मिला

अमृतसर रेल हादसा
19 अक्तूबर 2018 का दिन, दशहरे का त्योहार और जश्न का माहौल, पर उस समय मातम छा गया, जब पंजाब के अमृतसर में ट्रैक पर खड़े होकर जलते रावण को देख रहे लोगों को ट्रेन रौंदकर गुजर गई। पल भर में 61 लोगों की मौत हो गई, 70 से ज्यादा घायल हो गए। भयावह मंजर पसर गया और देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई।
जौड़ा बाजार फाटक के पास दशहरा पर्व के दौरान रावण दहन के वक्त शुक्रवार शाम 6.45 बजे मैदान में भारी भीड़ के कारण लोग पास ही रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर कार्यक्रम देख रहे थे। इसी दौरान जालंधर-अमृतसर डेमू ट्रेन आ गई। पटाखों के शोर से लोग हॉर्न नहीं सुन पाए और ट्रेन उन्हें रौंदती हुई गुजर गई। मृतकों में बच्चे, महिलाएं व 16 से 19 साल के युवा भी हैं।
चश्मदीद सन्नी ने बताया, हादसे के पहले जौड़ा फाटक से अन्य दो ट्रेनें भी गुजरीं, तब लोग ट्रैक से हट गए। इसके बाद जब रावण जल रहा था, तब डेमू ट्रेन 74943 गुजरी। लोग पटाखों की आवाज के कारण हॉर्न नहीं सुन पाए और बचने का मौका भी नहीं मिला। रेलवे इतिहास में ऐसा भीषण हादसा कभी नहीं हुआ। घटनास्थल पर 150 मीटर तक शव बिखर गए।
जौड़ा बाजार फाटक के पास दशहरा पर्व के दौरान रावण दहन के वक्त शुक्रवार शाम 6.45 बजे मैदान में भारी भीड़ के कारण लोग पास ही रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर कार्यक्रम देख रहे थे। इसी दौरान जालंधर-अमृतसर डेमू ट्रेन आ गई। पटाखों के शोर से लोग हॉर्न नहीं सुन पाए और ट्रेन उन्हें रौंदती हुई गुजर गई। मृतकों में बच्चे, महिलाएं व 16 से 19 साल के युवा भी हैं।
चश्मदीद सन्नी ने बताया, हादसे के पहले जौड़ा फाटक से अन्य दो ट्रेनें भी गुजरीं, तब लोग ट्रैक से हट गए। इसके बाद जब रावण जल रहा था, तब डेमू ट्रेन 74943 गुजरी। लोग पटाखों की आवाज के कारण हॉर्न नहीं सुन पाए और बचने का मौका भी नहीं मिला। रेलवे इतिहास में ऐसा भीषण हादसा कभी नहीं हुआ। घटनास्थल पर 150 मीटर तक शव बिखर गए।