सुखबीर सिंह संधू: नए चुनाव आयुक्त का पंजाब से गहरा नाता, अमृतसर से की पढ़ाई, उत्तराखंड में भी निभाई सेवा
डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने 2007 से 2012 तक पंजाब में प्रकाश सिंह बादल सरकार में सीएम के विशेष सचिव के रूप में जिम्मेदारी निभा चुके हैं। वह लुधियाना नगर निगम के कमिश्नर भी रह चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित भी किया जा चुका है।
 
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मूलरूप से पंजाब के रहने वाले रिटायर आईएएस डॉ. सुखबीर सिंह संधू को गुरुवार को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। डॉ. संधू 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। उनका जन्म पंजाब में 1963 में हुआ था।
 
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने अमृतसर स्थित गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से अपनी शिक्षा-दीक्षा हासिल की है। डॉ. संधू ने सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और जीएनडीयू से इतिहास में मास्टर डिग्री की। उन्होंने लॉ ग्रेजुएट की डिग्री भी हासिल की है।
डॉ. संधू एलबीएस नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएसएए) मसूरी में नियमित तौर पर स्पीकर रहे हैं। उन्हें हार्वर्ड बिजनेस स्कूल बोस्टन (अमेरिका) से निमंत्रण भी मिल चुका है। इस दौरान उन्होंने भारतीय शहरों को तनावमुक्त करने पर अपने विचार रखे थे। वे उत्तराखंड कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उत्तराखंड सरकार में रहते हुए उन्हें एक अगस्त 2023 से 31 जनवरी 2024 तक एक्सटेंशन दी गई थी।
डॉ. संधू की गिनती ईमानदारी आईएएस अधिकारियों में होती है। यही कारण है कि उत्तराखंड में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केदरनाथ धाम के कायाकल्प प्रोजेक्ट में उन्होंने विशेष भूमिका निभाई है। आईएएस संधू ने जुलाई 2021 में उत्तराखंड सरकार में 17वें मुख्य सचिव के रूप में पदभार संभाला था। इससे पहले वे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के चेयरमैन भी रह चुके हैं।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                उन्होंने केंद्र, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पंजाब सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं भी दी हैं। वह वर्ष 2007 से 2012 तक पंजाब में बादल सरकार के कार्यकाल में पंजाब के मुख्यमंत्री के विशेष सचिव के रूप में जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उन्हें नगर निगम लुधियाना का कमिश्नर भी लगाया गया था। लुधियाना में उनकी सेवाओं के लिए उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है। वह गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति डॉ. जसपाल सिंह संधू के रिश्तेदार हैं। हर विभाग का कार्यभार संभालते हुए उन्होंने प्रदेश के प्रति अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई।