चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे जाम: मांगों के लिए किसानों ने रोका ट्रैफिक, दोनों तरफ लगी लंबी लाइनें, पुलिस बल तैनात
किसान सड़क पर बैठे हुए हैं और दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइनें लग गई हैं। किसान अपने साथ ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर पहुंचे हैं।

विस्तार
भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर के ब्लॉक अध्यक्ष जसविंदर सिंह टिवाणा के नेतृत्व में किसानों ने मांगों को लेकर शुक्रवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर स्थित गांव सरसीणी के बस अड्डे पर जाम लगा दिया। इस मौके पर यूनियन प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल पहुंचे। किसान सुबह करीब साढ़े नौ बजे ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और दरियां सड़क पर बिछाकर बैठ गए। सुबह से शुरू हुआ धरना शाम करीब साढ़े पांच बजे समाप्त हुआ। इस दौरान चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर यातायात पूरी तरह प्रभावित रहा और राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

धरने के कारण दिल्ली से चंडीगढ़ आने वाला यातायात पूरी तरह बंद रहा, जबकि चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यातायात को जीरकपुर फ्लाईओवर पर चढ़ने के बजाय पटियाला रोड से होते हुए लालड़ू आईटीआई से डायवर्ट किया गया। धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस और सेना की गाड़ियों को आने-जाने दिया।
किसानों ने एडीसी (जी) विराज श्याम कर्ण तिड़के के आश्वासन पर धरना समाप्त कर दिया। उन्होंने किसानों को विश्वास दिलवाया कि 15 दिन में काम शुरू कर करीब दो महीने में पूरा कर दिया जाएगा। जबकि मुआवजे संबंधी उन्होंने कहा कि किसानों की यह मांग उपायुक्त मोहाली को भेज जल्द पूरी करवाई जाएगी। इस मौके पर एसडीएम डेराबस्सी हिमांशु गुप्ता सहित काफी संख्या में पुलिस प्रशासन मौजूद था।
बारिश से किसान हुआ तबाह: डल्लेवाल
किसान अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि बरसात और बाढ़ के कारण किसानों सहित लोगों का काफी नुकसान हुआ है। किसान पूरी तरह तबाह हो गया है लेकिन सरकार बाढ़ से पीड़ित किसानों और लोगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है। पीड़ित किसानों को हुए नुकसान का प्रर्याप्त मुआवजा न देकर भद्दा मजाक किया है। किसानों की मांगें पूरी करवाने के लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे। इस मौके पर किसान नेता प्रेम सिंह राणा, सुभाष राणा, हरविंदर सिंह टोनी, जसवंत सिंह आलमगीर, जसविंदर सिंह मलकपुर सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे।
दो से तीन घंटे जाम में फंसे रहे लोग
धरने के दौरान हजारों मुसाफिरों को दिक्कतें उठानी पड़ीं। लोग दो से तीन घंटे तक जाम में फंसे रहे। ट्रैफिक डायवर्ट का बंदोबस्त भी नाकाफी साबित हुए। एसपी (डी) मनप्रीत सिंह ने बताया कि उन्हें सरसीणी में धरना लगाने की सूचना थी, हाईवे जाम करने की नहीं। जाम के कारण लोगों को परेशानी पेश आई है। सरकार समेत धरनाकारी किसानों को राहगीर कोसते दिखे। उनका कहना था कि लड़ाई सरकार से हो तो जनता को क्यों परेशान किया जा रहा है। धरना उठने के दो घंटे बाद भी ट्रैफिक सामान्य नहीं हो पाया।
झरमड़ी ने चार पीड़ित किसानों के परिवारों की आर्थिक मदद की
धरने के दौरान ब्लॉक समिति के पूर्व अध्यक्ष बहादुर सिंह झरमडी ने दो परिवारों को 40-40 हजार रुपये और दो अन्य परिवारों को 11-11 हजार रुपये के चेक दिए। इनमें से एक चेक सरसीणी के युवक के परिवार को दिया गया जिसका कुछ दिन पहले धरने के दौरान पैर कट गया था। धरने में भाकियू राजेवाल के अध्यक्ष करम सिंह कारकौर, कादियान यूनियन के लखविंदर सिंह साधापुर सहित विभिन्न पार्टियों और कर्मचारी संगठनों के नेता मौजूद रहे।
एनके शर्मा ने किसानों के धरने को दिया समर्थन
शिरोमणि अकाली दल के डेराबस्सी हलके से पूर्व विधायक एनके शर्मा किसानों के पक्ष में खड़े होकर धरने में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित गांवों के लोगों का काफी नुकसान हुआ है, जहां घग्गर नदी से प्रभावित हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है, वहीं रेत की परत के कारण किसानों की जमीन भी बर्बाद हो गई है। किसानों ने कहा कि उनके परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है क्योंकि उनका परिवार खेती पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों को पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया तो शिरोमणि अकाली दल बड़े स्तर पर संघर्ष करेगा।
किसानों की मुख्य मांगें
- घग्गर नदी के किनारे टिवाना गांव से लेकर नए बने अंबाला चंडीगढ़ मार्ग तक बांध पक्का किया जाए
- बाढ़ के कारण प्रभावित हुई जमीन का मुआवजा से कम एक लाख रुपया प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाए
- बाढ़ के कारण जमीन में अधिक मिट्टी बहने के कारण फसलों के खराब होने का मुआवजा दिया जाए, 50000 प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए।
- किसानों ने कहा कि मुआवजा देने की जमीन पांच एकड़ तक की शर्त को हटाकर कुल खराब हुई जमीन का मुआवजा दिया जाए।
- बाढ़ के कारण प्रभावित हुई ट्यूबवेल पानी की पाइप लाइन सरकार द्वारा डाली जाए।
- बाढ़ के कारण प्रभावित हुई बिजली की लाइनों को ठीक करवाया जाए।
- ब्लॉक डेराबस्सी के घग्गर और झरमल नदी और बरसाती नालों में आ रही फैक्ट्री का गंदा पानी तुरंत बंद किया जाए या फिर साफ करके छोड़ जाए।
- बाढ़ के कारण गांव टिवाना में बने हुए घग्घर पर बने हुए काजवा टूटने के कारण रास्ता बंद हो गया घग्गर नदी को पक्का पुल बनाया जाए।
- बाढ़ के कारण गिरे मकान मालिकों को मुआवजा दिया जाए।
- बरसात के बाढ़ के कारण टूटी हुई इलाके की सड़कों को तुरंत ठीक किया जाए।