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पंजाब में खेत लापता: पानी के कारण एक लाख एकड़ से ज्यादा जमीन की निशानदेही खत्म, किसान परेशान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Wed, 17 Sep 2025 08:02 AM IST
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सार

पंजाब में बाढ़ से 4.89 लाख एकड़ कृषि भूमि प्रभावित हुई है। सबसे अधिक नुकसान फाजिल्का, कपूरथला, मानसा, पटियाला, अमृतसर, फिरोजपुर में हुआ है।

Due to floods marking of more than one lakh acres of land is lost in Punjab
अमृतसर में बाढ़ से बर्बाद खेत से गुजरता किसान - फोटो : एजेंसी
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विस्तार
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पंजाब में बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई। लाखों एकड़ जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हो गई। लोग घर से बेघर हो गए। हजारों एकड़ खेती योग्य जमीन को नदियां लील गई। अब जैसे-जैसे पानी उतर रहा है किसानों के लिए अपनी जमीन पहचानने का संकट भी पैदा हो गया है। 

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पानी में बहकर आए रेत और गाद के कारण उनकी जमीन की निशानदेही खत्म हो गई है। अब किसान यह नहीं समझ पा रहे कि कौन से खेत उनके हैं। बाढ़ से परेशान किसान अब अपने खेतों को ढूंढने में लगे हैं। निशानदेही खत्म होने से सीमांकन विवाद बढ़ने की भी आशंका है, जिससे राजस्व विभाग की परेशानी भी बढ़ने वाली है।

हालात सामान्य होने पर दोबारा होगी निशानदेही

किसान मजदूर मोर्चा के नेता गुरअमनीत सिंह ने कहा कि बाढ़ ने खेतों की निशानदेही खत्म कर दी है। एक लाख एकड़ कृषि भूमि ऐसी है, जहां सब कुछ साफ हो गया है। किसान अपने खेतों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं। प्रदेश के एक राजस्व अधिकारी ने बताया कि सभी जिलों में ही यह समस्या है। वह सब कुछ सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि राहत कार्यों में किसी भी तरह की रुकावट न आए। उसके बाद ही दोबारा निशानदेही शुरू कर देंगे। 

ससराली में 600 एकड़ कृषि भूमि नदी में समाई

वहीं कांग्रेस सांसद अमर सिंह ने बताया कि उनके लोकसभा क्षेत्र में गांव ससराली पड़ता है, जहां सतलुज ने रास्ता बदला और 500 से 600 एकड़ कृषि भूमि नदी में समा गई। सरकार को पूरे मामले की जांच करवाकर किसानों को राहत प्रदान करनी चाहिए।

सतलुज में समाई 200 एकड़ जमीन

सतलुज में आई बाढ़ में गांवों की 200 एकड़ जमीन दरिया में समा गई है। किसान प्रवीण धवन ने बताया कि अभी तक तो उन्हें कहीं से भी ऐसी उम्मीद नजर नहीं आ रही है कि सरकार उन्हें जमीन के बदले कुछ देगी।

पानी उतरने के बाद नए सिरे से होगी हदबंदी: डीसी

बाढ़ का पानी भरने और रेत आ जाने के किसानों के खेतों की हदबंदी खत्म हो गई है। डीसी साक्षी साहनी ने कहा कि पूरी तरह से पानी निकलने और रेत हटने के बाद अगर कोई समस्या सामने आती है तो रेवेन्यू विभाग के पास सारा रिकाॅर्ड मौजूद है। उसी के मुताबिक दोबारा से हदबंदी बना ली जाएगी। वहीं अजनाला से विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि अगर किसी किसान के खेत की हदबंदी प्रभावित हुई तो उसका रेवेन्यू रिकाॅर्ड जांच कर उसकी जमीन की निशानदेही अगली फसल से पहले कर दी जाएगी।
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