पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री विजय सांपला मंगलवार को जालंधर स्थित सर्किट हाउस में भाजपा अनुसूचित मोर्चा की बैठक में शरीक होने पहुंचे। सांपला के आने की सूचना पर वहां पहुंचे किसानों ने मीटिंग रूम में ताला लगा दिया और सांपला गो बैक के नारे लगाए। इससे भड़के सांपला ने आरोप लगाया कि ये जो धरने पर लोग बैठे हैं उन्हें फिल्लौर से खरीदकर लाया गया है। इस दौरान उनके साथ मौजूद सूबे के संगठन मंत्री दिनेश कुमार ने भी प्रदर्शन का विरोध किया।
सांपला ने कहा कि पंजाब में सिर्फ किसानी ही मुद्दा नहीं है। यहां अनुसूचित जाति पर अत्याचार और लचर कानून-व्यवस्था भी गंभीर मुद्दा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या रास्ते में कहीं किसान नहीं हैं? वह होशियारपुर से आ रहे हैं लेकिन रास्ते में किसी ने उनका विरोध नहीं किया। यह खरीदकर लाई गई टोली है, जो यहां प्रदर्शन कर रही है।
सांपला ने कहा कि सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता के अलावा बैठक का भी आयोजन किया गया था। इस बात की जानकारी एडीसी जसबीर सिंह को दे दी गई थी। पुलिस और प्रशासन ने हमारा साथ देने के बजाय यहां पर ताला लगवा दिया और बाहर से लाए गए लोगों को धरने पर बैठा दिया। उन्होंने कहा कि मैं किसानों से बात करने को तैयार हूं। तीनों कृषि कानून किसानों के हित में बनाए गए हैं। इस मौके पर एसीएसटी आयोग के पूर्व चेयरमैन राजेश बाघा, गो सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन कीमती भगत, भाजपा नेता अमित तनेजा, प्रदेश एससी मोर्चा प्रधान राजकुमार अटवाल और पूर्व प्रधान मंजीत बाली मौजूद रहे।
सांपला ने कैप्टन पर साधा निशाना
सांपला ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा है कि मंगलवार को कानून के खिलाफ प्रस्ताव विधानसभा में पेश कर कैप्टन ने असांविधानिक कार्य किया है। कैप्टन को कुर्सी पर गैरकानूनी काम करने के लिए नहीं बैठाया गया है। अगर उनसे सरकार नहीं चलाई जा रही है तो कुर्सी छोड़ सकते हैं।
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री विजय सांपला मंगलवार को जालंधर स्थित सर्किट हाउस में भाजपा अनुसूचित मोर्चा की बैठक में शरीक होने पहुंचे। सांपला के आने की सूचना पर वहां पहुंचे किसानों ने मीटिंग रूम में ताला लगा दिया और सांपला गो बैक के नारे लगाए। इससे भड़के सांपला ने आरोप लगाया कि ये जो धरने पर लोग बैठे हैं उन्हें फिल्लौर से खरीदकर लाया गया है। इस दौरान उनके साथ मौजूद सूबे के संगठन मंत्री दिनेश कुमार ने भी प्रदर्शन का विरोध किया।
सांपला ने कहा कि पंजाब में सिर्फ किसानी ही मुद्दा नहीं है। यहां अनुसूचित जाति पर अत्याचार और लचर कानून-व्यवस्था भी गंभीर मुद्दा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या रास्ते में कहीं किसान नहीं हैं? वह होशियारपुर से आ रहे हैं लेकिन रास्ते में किसी ने उनका विरोध नहीं किया। यह खरीदकर लाई गई टोली है, जो यहां प्रदर्शन कर रही है।
सांपला ने कहा कि सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता के अलावा बैठक का भी आयोजन किया गया था। इस बात की जानकारी एडीसी जसबीर सिंह को दे दी गई थी। पुलिस और प्रशासन ने हमारा साथ देने के बजाय यहां पर ताला लगवा दिया और बाहर से लाए गए लोगों को धरने पर बैठा दिया। उन्होंने कहा कि मैं किसानों से बात करने को तैयार हूं। तीनों कृषि कानून किसानों के हित में बनाए गए हैं। इस मौके पर एसीएसटी आयोग के पूर्व चेयरमैन राजेश बाघा, गो सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन कीमती भगत, भाजपा नेता अमित तनेजा, प्रदेश एससी मोर्चा प्रधान राजकुमार अटवाल और पूर्व प्रधान मंजीत बाली मौजूद रहे।
सांपला ने कैप्टन पर साधा निशाना
सांपला ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा है कि मंगलवार को कानून के खिलाफ प्रस्ताव विधानसभा में पेश कर कैप्टन ने असांविधानिक कार्य किया है। कैप्टन को कुर्सी पर गैरकानूनी काम करने के लिए नहीं बैठाया गया है। अगर उनसे सरकार नहीं चलाई जा रही है तो कुर्सी छोड़ सकते हैं।