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हरियाणा: अडानी से 500 मेगावाट बिजली मिलनी हुई शुरू, 9 हजार से घटकर 8300 मेगावाट तक आई बिजली की मांग
अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Wed, 11 May 2022 01:17 AM IST
सार
वर्तमान में प्रदेश में सभी संसाधनों से 8500 मेगावॉट उपलब्ध है, जबकि बिजली की मांग लगभग 8300 मेगावॉट प्रतिदिन की है।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : ANI
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विस्तार
हरियाणा के लोगों के लिए राहत की बात है कि अडानी पावर कंपनी से चल रहा विवाद सुलझ गया है और अडानी से 500 मेगावाट बिजली मिलनी भी शुरू हो गई है। इसके अलावा, उम्मीद है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ से 350 और एमपी से 150 मेगावाट बिजली भी मिलनी शुरू हो जाएगी।
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बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में सभी संसाधनों से 8500 मेगावॉट उपलब्ध है, जबकि बिजली की मांग लगभग 8300 मेगावॉट प्रतिदिन की है। कुछ दिनों तक गर्मी कम होने के चलते बिजली की मांग घटी है। 9 मई से अडानी से बिजली मिलनी शुरू हो गई है। इसके अलावा, भी तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में पीक ऑवर की अवधि 15 जून से 20 जुलाई होती है। जुलाई में केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा व पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में मानसून पहले ही आ जाता है। इसलिए उन राज्यों से उत्तरी भारत के राज्य बिजली लेते हैं, क्योंकि वहां उन समय बिजली की अतिरिक्त मांग नहीं होती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रणजीत सिंह ने कहा कि खेदढ़ स्थित राजीव गांधी ताप बिजली परियोजना में थर्मल राख पहले एनजीटी के नियमों के अनुसार प्लांट अपने स्तर पर ढुलाई करता था। लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि इस कार्य के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। वहां स्थित गोशाला एक धार्मिक संस्थान द्वारा चलाई जा रही है और उसे राख उठाने का कार्य निविदा प्रक्त्रिस्या से हटकर नहीं दिया जा सकता है।