हरियाणा पंचायत चुनाव: जानें शैक्षाणिक योग्यता, खर्च की सीमा, दो चरणों में मतदान क्यों? समेत अहम बातें
चुनाव प्रक्रिया पूरा करने के लिए लगभग 36 हजार कर्मचारियों व अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 18 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मी तैनात होंगे।

विस्तार
हरियाणा में ग्रामीण संसद के चुनाव का बिगुल बज गया है। पहले चरण में 10 जिलों भिवानी, फतेहाबाद, झज्जर, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, नूंह, पंचकूला, यमुनानगर और पानीपत में पंचायत चुनाव होंगे। जिला परिषद-पंचायत समिति सदस्य के 30 अक्तूबर और सरपंच-पंच पद के लिए दो नवंबर को वोट पड़ेंगे। सरपंच-पंच के नतीजे मतदान के दिन ही आ जाएंगे, जिला परिषद और पंचायत समिति का का चुनाव परिणाम दोनों चरण पूरा होने पर एक साथ घोषित होगा।

चुनाव की घोषणा के साथ ही दस जिलों के ग्रामीण क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। शहरी क्षेत्रों में आचार संहिता प्रभावी नहीं रहेगी। 12 जिलों में दूसरे चरण में चुनाव होंगे, उनकी घोषणा पहले चरण के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद होगी। आइए जानते हैं हरियाणा के पंचायत चुनाव से जुड़ी अहम बातें...
यह रहेगी शैक्षणिक योग्यता
- पंच पद के अनारक्षित उम्मीदवार के लिए 10वीं, अनुसूचित जाति के पुरुष उम्मीदवार व किसी भी श्रेणी की महिला उम्मीदवार के लिए 8वीं व अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार के लिए 5वीं कक्षा पास होना जरूरी
- सरपंच पद के अनारक्षित उम्मीदवार के लिए 10वीं, अनुसूचित जाति के पुरुष उम्मीदवार व किसी भी श्रेणी की महिला उम्मीदवार के लिए (जिसमें अनुसूचित जाति की महिला भी शामिल है) 8वीं पास होना जरूरी
- पंचायत समिति सदस्य के अनारक्षित उम्मीदवार के लिए 10वीं, अनुसूचित जाति के पुरुष उम्मीदवार व किसी भी श्रेणी की महिला उम्मीदवार के लिए 8वीं पास होना जरूरी
- जिला परिषद सदस्य के अनारक्षित उम्मीदवार के लिए 10वीं, अनुसूचित जाति के पुरुष उम्मीदवार व किसी भी श्रेणी की महिला उम्मीदवार के लिए 8वीं पास होना जरूरी
- बीसी-ए के लिए शैक्षणिक योग्यता अनारक्षित वर्ग की तरह ही रहेगी
इतनी जमा करानी होगी जमानत राशि
- पंच पद के लिए अनारक्षित उम्मीदवार को 250 रुपये व महिला, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग उम्मीदवार को 125 रुपये
- सरपंच पद के लिए अनारक्षित उम्मीदवार को 500 रुपये व महिला, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग उम्मीदवार को 250 रुपये
- पंचायत समिति सदस्य के अनारक्षित उम्मीदवार को 750 रुपये व महिला, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग उम्मीदवार को 375
- जिला परिषद सदस्य के अनारक्षित उम्मीदवार को 1000 रुपये व महिला, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग उम्मीदवार को 500
- इस बार राशि में ढाई गुना का इजाफा किया गया है
चुनाव खर्च की सीमा
- पंच- 50 हजार
- सरपंच-2 लाख
- पंचायत समिति सदस्य-3.60 लाख
- जिला परिषद सदस्य-6 लाख
नूंह में सबसे अधिक, पंचकूला में कम संवेदनशील-अतिसंवेदनशील बूथ
हरियाणा के 10 जिलों में नूंह जिले में सबसे अधिक 683 और पंचकूला में सबसे कम 26 संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथ हैं। इसके बाद भिवानी में 424, जींद 373, कैथल 312, पानीपत 308, झज्जर 295, महेंद्रगढ़ 276, यमुनानगर 227, फतेहाबाद 97 बूथ हैं।
इन जिलों में दूसरे चरण में होंगे चुनाव: जिन 12 जिलों में पंचायत चुनाव बाद में कराए जाएंगे उनमें हिसार, रोहतक, अंबाला, रेवाड़ी, करनाल, कुरुक्षेत्र, सोनीपत, पलवल, सिरसा, चरखी-दादरी, गुरुग्राम और फरीदाबाद शामिल हैं।
36 हजार कर्मचारी व अधिकारी, 18 हजार सुरक्षा कर्मी रहेंगे तैनात
चुनाव प्रक्रिया पूरा करने के लिए लगभग 36 हजार कर्मचारियों व अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 18 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मी तैनात होंगे। 6649 बूथ पर दो-दो, 1328 संवेदनशील बूथों पर तीन-तीन और 3386 अति संवेदनशील बूथों पर चार-चार सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे।
35 हजार ईवीएम, 17628 बैलेट पेपर तैयार
सरपंच, पंचायत समिति, जिला परिषद का चुनाव ईवीएम और पंच का बैलेट पेपर से होगा। आयोग ने 35 हजार एम-टू ईवीएम और 17628 बैलेट पेपर तैयार रखे हैं। इन ईवीएम में वीवीपैट की सुविधा नहीं है। मतदाता अपने मतदान की पर्ची नहीं मांग सकेगा। नोटा भी उम्मीदवार रहेगा। अगर नोटा के वोट उम्मीदवारों से अधिक आए तो चुनाव रद्द होगा। दूसरी बार चुनाव कराने पर पूर्व उम्मीदवार पर्चा नहीं भर सकेंगे। अगर दूसरी बार भी नोटा के वोट अधिक रहते हैं तो दूसरे नंबर पर आने वाले प्रत्याशी को विजयी घोषित किया जाएगा।
इसलिए दो चरणों में चुनाव
राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि एक चरण में चुनाव कराने में 36 हजार से अधिक जवान और अधिकारी मतदान डयूटी में लगते। इसका सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ सकता था। त्योहार का सीजन है, आदमपुर उपचुनाव भी चल रहा है। साथ ही वीवीआईपी-वीआईपी मूवमेंट रहती है। इसलिए डीजीपी ने आयोग के साथ चर्चा कर दो चरणों में चुनाव कराने का आग्रह किया था।