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हरियाणा: प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा के लिए नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर, ऑनलाइन किया जा सकेगा आवेदन
अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Thu, 03 Feb 2022 01:59 AM IST
सार
सरकार ने आवेदन के लिए ऑनलाइन प्रणाली का इंतजाम किया है। हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार ने पूरी व्यवस्था की जानकारी दी। जो इसी सप्ताह लागू होगी।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हरियाणा में प्रेम विवाह के लिए प्रेमी जोड़ों को अब सुरक्षा के आवेदन के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सुरक्षा के आवेदन के लिए ऑनलाइन प्रणाली आरंभ की जा रही है जिसे इसी सप्ताह अमल में लाया जाएगा। यह जानकारी हरियाणा सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को दी है।
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हरियाणा सरकार ने बताया कि पहले प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा थाने या फिर एसपी ऑफिस जाकर मांगपत्र देना पड़ता था। ऐसे में बाहर रहते हुए उनकी सुरक्षा को खतरा था। अब प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा के लिए थाने या एसपी ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी।
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ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुरक्षा के लिए आवेदन किया जा सकेगा। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि पंजाब में हाल ही में चुनाव हैं और ऐसे में उन्हें इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दी जाए।
इससे पहले हरियाणा सरकार ने बताया था कि राज्य सरकार ने सभी जिलों में प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया है। सभी जिलों में प्रोटेक्शन होम स्थापित करने का जिम्मा भी इसी विभाग को दिया गया है। केंद्र सरकार को 60 प्रतिशत राशि की मांग को लेकर एक पत्र भी लिखा गया था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सभी जिलों में प्रेमी जोड़ों की शिकायत पर कार्रवाई के लिए डीसी द्वारा कमेटियों का गठन किया गया है।
सभी जिलों में वन स्टाप सेंटर भी खोला गया है जहां किसी भी तरह से पीड़ित महिला को रहने की सुविधा देकर उचित सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। सभी जिलों में कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा कानूनी सहायता व जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है। डायल 112 व दुर्गा शक्ति एप 24 घंटे महिलाओं के सहायता के लिए उपलब्ध है।
हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को एक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ को प्रेमी जोड़ों को आश्रय घर व कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने को कहा था। हाईकोर्ट ने सरकार व कानूनी सेवा प्राधिकरण को स्थानीय स्तर पर टेलीफोन सेवा और इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले 247 हेल्प डेस्क स्थापित करने का सुझाव दिया था।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि रोजाना दायर होने वाले ऐसे कई मामलों के बीच खतरे के वास्तविक मामलों की अक्सर अनदेखी हो जाती है और कोर्ट पर केसों का अनावश्यक बोझ बढ़ रहा है। जोड़ों को सुरक्षा प्रदान करने का काम प्रशासन करे ताकि कोर्ट पर बोझ कम हो सके।