सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Chandigarh ›   Negligence of Chandigarh Health Department pregnant women tetanus injection

चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही: नाै साल में आधे से ज्यादा गर्भवतियों को नहीं लगा टिटनेस का इंजेक्शन

वीणा तिवारी, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sat, 11 Jan 2025 05:00 PM IST
विज्ञापन
सार

टिटनेस के डोज लेने से प्रीमेच्योर बर्थ की समस्या से बचाव के साथ ही गर्भवती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु दोनों की सुरक्षा होती है।

Negligence of Chandigarh Health Department pregnant women tetanus injection
इंजेक्शन (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

मरीजों की जान बचाने की जिम्मेदारी निभाने वाला स्वास्थ्य विभाग चंडीगढ़ की गर्भवतियों के साथ ही उनके गर्भ में पल रहे शिशु को मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रहा है। स्थिति यह है कि गर्भावस्था के दौरान बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले टेटनस का इंजेक्शन लगाने में विभाग पिछले 9 वर्षों से लगातार लापरवाही बरत रहा है।

loader
Trending Videos


नतीजन 2015 से 2023 के बीच में हजारों गर्भवतियों को टिटनेस की पहली और दूसरी डोज नहीं लगाई गई है।  

सेंट्रल ऑडिट रिपोर्ट में हुई पुष्टि

इस लापरवाही की पुष्टि सेंट्रल ऑडिट रिपोर्ट में हुई है। जिसमें बताया गया है कि चंडीगढ़ के रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ 11 के रिकॉर्ड की जांच के दौरान यह मामला सामने आया, जिसमें 2015 से 2023 के बीच में पंजीकृत 55 से 60% गर्भवतियों को टिटनेस की पहली व दूसरी डोज नहीं लगाई गई। रिपोर्ट के अनुसार कुल 315661 पंजीकृत गर्भवतियों में से 142193 को पहली और 124886 को दूसरी डोज लगी है। यानी 173468 पहली और 190775 दूसरी डोज से वंचित रहीं।

गंभीर बात यह है कि इस संबंध में ऑडिट ने जब विभाग से इसका कारण पूछा तो उन्हें यह जवाब दिया गया कि उन गर्भवती महिलाओं ने निजी केंद्रों से टिटनेस का इंजेक्शन लगवाया है। जबकि ऑडिट की आपत्ति है कि यह जवाब तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि सार्वजनिक या निजी क्षेत्र से टिटनेस का इंजेक्शन प्राप्त करने वाले पंजीकृत महिलाओं का उचित रिकॉर्ड मिशन द्वारा बनाए रखा जाना चाहिए था। ऐसी स्थिति में मिशन के तहत प्राप्त लक्ष्य की जानकारी नहीं मिल पा रही है।

इसलिए जरूरी है ये डोज

टिटनेस इंफेक्शन के कारण, हर साल कई नवजात शिशुओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है। टिटनेस शॉट लेने से, प्रीमेच्योर बर्थ की समस्या से भी बचाव होता है। टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन लगवाने से, प्रेग्नेंट महिला और भ्रूण दोनों को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में चोट लगने पर इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में, शरीर को संक्रमण से बचाने के लिए इंजेक्शन लगवाना चाहिए।टिटनेस, एक गंभीर रोग है जो क्लोस्ट्रीडियम बैक्टीरिया के कारण होता है। ये बैक्टीरिया, धूल-मिट्टी, लार आदि में पाया जाता है। अगर शरीर में चोट लगी है, तो चोट या कटे हुए भाग से ये बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर लेता है। लोहे की चीज से चोट लगने पर भी टिटनेस का इंजेक्शन लगाया जाता है। टिटनेस इन्फेक्शन होने पर, मांसपेशियों में दर्द और खिंचाव महसूस होता है। टिटनेस इन्फेक्शन होने पर, भोजन निगलने में भी तकलीफ महसूस होती है।

विज्ञापन
विज्ञापन

इतनी गर्भवतियों में से महज इनको लगी डोज

साल            पंजीकृत गर्भवती      पहली डोज     दूसरी डोज
2015-16          55682            39878         16261
2016-17          60667            17055         17472
2017-18          41894            19951          13488
2018-19          43029            20943          15869
2019-20          35171            20503          19834
2020-21          21179            15600          13371
2021-22          26004             15770         13862
2022-23          32035             16567         14729
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed