Haryana Assembly: भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, चर्चा के दौरान वंदे मातरम पर बहस; जमकर हंगामा
विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उनके प्रस्ताव में उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
विस्तार
हरियाणा में बीजेपी सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से गिर गया क्योंकि विपक्षी पार्टी के विधायकों ने राज्य विधानसभा से वॉकआउट कर दिया था। विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उनके प्रस्ताव में उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
#WATCH | Chandigarh: The no-confidence motion brought by the Congress against the ruling BJP government in Haryana has been defeated.
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(Source: Haryana Legislative Assembly) pic.twitter.com/nBos529W5K— ANI (@ANI) December 19, 2025
सैनी ने कहा कि फरवरी 2024 में भी कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद वॉकआउट किया था। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि वे आरोप लगाते हैं और फिर भाग जाते हैं। कांग्रेस विधायकों की गैरमौजूदगी में, स्पीकर ने प्रस्ताव पर वोटिंग करवाई, जिसे पांच घंटे की बहस के बाद खारिज कर दिया गया, जो रात 10.15 बजे तक चली।
चर्चा के दौरान वंदे मातरम पर बहस, हंगामा
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर रात तक सदन में चर्चा जारी रही। सदन की कार्यवाही को एक घंटे के लिए बढ़ाया गया। इससे पहले विधानसभा में वंदे मातरम पर जमकर बहस के बाद दोनों तरफ से नारेबाजी हुई। मुख्यमंत्री बोले वंदे मातरम पवित्र चीज है तो इससे अन्य मुद्दों को नहीं जोड़ा जाना चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वंदे मातरम तो मेरे दादा ने भी कहा था। कांग्रेस एमएलए आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि वंदे मातरम की कुछ पंक्तियों का संदर्भ देकर प्रदूषण और महिलाओं के मुद्दे पर बात करनी शुरू की थी, जिसके बाद सदन में बहस शुरू हुई। अनिल विज ने भी कहा कि वंदे मातरम से किसी और अन्य मुद्दे को नहीं जोड़ना चाहिए।
अविश्वास प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष के हस्ताक्षर नहीं, सीएम बोले- कांग्रेस को हुड्डा पर यकीन नहीं
कांग्रेस ने सैनी सरकार के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव दिया उस पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर नहीं थे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रश्नकाल के बाद यह खुलासा करते हुए कहा, कांग्रेस को हुड्डा पर यकीन नहीं, देश की जनता को कांग्रेस पर नहीं। इस पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया।
प्रश्नकाल खत्म होते ही मुख्यमंत्री ने कहा, विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहा है लेकिन यह परंपरा के अनुरूप नहीं है। मैंने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का स्वागत किया। उन्होंने भी भावपूर्ण ढंग से कहा, आज तक मैंने कभी नहीं देखा कि किसी विपक्ष के नेता का इस प्रकार स्वागत हुआ हो मगर दो घंटे बाद ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आई। सीएम ने कहा, जब उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी मंगवाई तो उसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ही हस्ताक्षर नहीं थे। मैंने सोचा कि मेरी नजदीक की नजर ठीक नहीं है तो चश्मा साफ किया और दोबारा देखा तो उसमें विपक्ष के नेता के हस्ताक्षर ही नहीं मिले।
सीएम सैनी ने कहा, मैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विपक्ष का नेता मानता हूं। यह बात सदन में भी कह चुका हूं। यह रिकॉर्ड भी है मगर आपत्ति उनके ही नेताओं ने दर्ज कराई है। शायद कांग्रेस को उन पर भरोसा नहीं है। सीएम ने शेर पढ़ा, लाओ तो कत्ल-नामा मिरा, मैं भी देख लूं किस किस की मोहर है सर-ए-महजर लगी हुई।
हंगामा इतना बढ़ा कि कांग्रेसी विधायक नारे लगाते हुए वेल तक पहुंच गए। भाजपा विधायकों ने भी कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच हुड्डा खड़े हुए और मुख्यमंत्री के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, अविश्वास प्रस्ताव पर नियमानुसार 18 विधायकों के हस्ताक्षर होने चाहिए जो हैं। मेरे हस्ताक्षर हों या नहीं इससे फर्क नहीं पड़ता। सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मैं ही लेकर आया हूं। मैंने प्रेस कांफ्रेंस कर खुद कहा था कि कांग्रेस पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रही है। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा बंद करा दी।