Donkey Route: एजेंटों के 13 ठिकानों से 4.68 करोड़ कैश, 14.49 करोड़ के सोने व चांदी के बिस्कुट बरामद
अमेरिका ने पिछले दिनों डंकी रूट से हरियाणा और पंजाब के लोगों को डिपोर्ट किया था। दोनों प्रदेशों की पुलिस ने इनमें विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी। ईडी की जालंधर क्षेत्रीय कार्यालय ने विभिन्न प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू थी।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जालंधर क्षेत्रीय कार्यालय ने अमेरिका में डंकी रूट भेजकर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हरियाणा, पंजाब और नई दिल्ली में 13 स्थानों पर तलाशी अभियान में बड़ी सफलता मिली है। ईडी की यह तलाशी 18 और 19 दिसंबर को दो दिन तक चली। टीम ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत इस दौरान 4.68 करोड़ रुपये नकद, लगभग 8.07 करोड़ रुपये मूल्य के 5.9 किलोग्राम सोने के बिस्कुट, 2.7 लाख रुपये मूल्य के 20 ग्राम सोने के सिक्के और लगभग 6.42 करोड़ रुपये मूल्य के 313 किलोग्राम चांदी के बिस्कुट के साथ-साथ कई डिजिटल उपकरण और विभिन्न आपत्तिजनक रिकॉर्ड व दस्तावेज बरामद जब्त किए गए। इसके अलावा तलाशी के दौरान विभिन्न परिसरों से 50 से अधिक तृतीय पक्षों के मूल पासपोर्ट भी बरामद किए है। इनकी जिनकी जांच की जा रही है।
अमेरिका ने पिछले दिनों डंकी रूट से हरियाणा और पंजाब के लोगों को डिपोर्ट किया था। दोनों प्रदेशों की पुलिस ने इनमें विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी। ईडी की जालंधर क्षेत्रीय कार्यालय ने विभिन्न प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू थी। यह जांच फरवरी 2025 में अमेरिकी सरकार द्वारा सैन्य मालवाहक विमानों से 330 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजे जाने से संबंधित रही। इन सभी 330 व्यक्तियों ने अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश किया था। प्रवर्तन निदेशालय की टीम वीरवार सुबह करीब सात बजे एक साथ 13 स्थानों पर तलाशी शुरू की थी। ईडी की टीम ने पानीपत के अहर गांव में भाजपा नेता बलवान शर्मा, सोनीपत के खरखोदा खंड में पंचायत सचिव अहर गांव के प्रवीण और कुराना गांव में प्रदीप उर्फ काला के घर दबिश दी। प्रवीण खेल कोटे से पंचायत सचिव बने थे। वे अपने कुराना गांव के प्रदीप उर्फ काला के साथ साझेदारी में विदेश भेजने का काम करते हैं। वहीं करनाल के निसिंग में बलबीर, कुरुक्षेत्र के पिहोवा में विशाला चावला और यमुनानगर के साहिल सैनी के घर दबिश दी है। इनके अलावा दिल्ली में सतपाल मुल्तानी और तरुण खोसला के घर दबिश दी है।
भोले भाले लोगों को प्रलोभन दे करते थे ठगी
ईडी की जांच में सामने आया कि विभिन्न एजेंट और उनके सहयोगी भोले-भाले लोगों को अमेरिका में कानूनी रूप से भेजने के बहाने ठगते थे और इसके लिए मोटी रकम वसूलते थे। यह सब ट्रैवल एजेंटों, बिचौलियों, दलालों, विदेशी सहयोगियों, हवाला संचालकों, आवास और अन्य रसद व्यवस्था प्रदाताओं जैसे लोगों के एक जटिल जाल के माध्यम से किया जाता था। हालांकि, बाद में वे लोगों को दक्षिण अमेरिकी देशों के खतरनाक रास्तों से भेजते थे और उन्हें अमेरिका-मेक्सिको सीमा के रास्ते अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने के लिए मजबूर करते थे। पूरे रास्ते लोगों को प्रताड़ित किया जाता था, उनसे और भी अधिक पैसे वसूले जाते थे और उनसे अवैध काम करवाए जाते थे। ऐसे एजेंट और उनके सहयोगी झूठे बहाने बनाकर विभिन्न लोगों को ठग कर और उनसे बड़ी रकम वसूल कर अपराध की आय अर्जित करते थे।
ईडी ने जुलाई में 19 स्थानों की थी तलाशी
ईडी ने इससे पहले इस मामले में नौ और 11 जुलाई को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत 19 स्थानों पर तलाशी ली थी। यहां फर्जी आव्रजन स्टांप, फर्जी वीजा स्टांप, रिकॉर्ड और डिजिटल उपकरणों सहित आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री बरामद की थी। ईडी ने इसके अलावा 15 दिसंबर को कृषि भूमि, आवासीय परिसर, व्यावसायिक परिसर और बैंक खातों सहित लगभग 5.41 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था। ये संपत्तियां उन विभिन्न एजेंटों द्वारा अपराध की आय से प्राप्त या समकक्ष की थीं। इनमें अवैध रूप से लोगों को अमेरिका भेजने में शामिल थे। ईडी में आगामी जांच कर रही है।