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Gorakhpur News: चार करोड़ के गहने, एक करोड़ नकद और 18 संपत्तियों के दस्तावेज जब्त

Gorakhpur Bureau गोरखपुर ब्यूरो
Updated Sat, 20 Dec 2025 01:18 AM IST
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Jewelry worth four crore rupees, one crore in cash, and documents for 18 properties were seized.
गोरखपुर मेडिकल रोड स्थित एमबी हीरो के शोरूम पर इनकम टैक्स का छापा शुक्रवार को भी जारी रहा।फोटो
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आयकर छापा : सीए के यहां मिले व्यापारियों के लेन-देन से जुड़े अहम कागजात, 100 करोड़ से अधिक की कर चोरी की आशंका
गोरखपुर-कुशीनगर में पांच बड़े कारोबारियों के ठिकानों पर जांच चौथे दिन भी जांच जारी



रियल एस्टेट और शराब कारोबार में ब्लैक मनी के निवेश के सबूत मिले



अमर उजाला ब्यूरो



गोरखपुर। फर्जी बिलिंग के जरिये कम मुनाफा दिखाकर 100 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी की आशंका के बीच आयकर विभाग की ओर से जांच चौथे दिन भी जारी रही। टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर गोरखपुर और कुशीनगर के पांच बड़े कारोबारियों के ठिकानों से आयकर विभाग की टीमों को 18 संपत्तियों से जुड़े अहम दस्तावेज मिले हैं। जांच के दौरान चार करोड़ रुपये से अधिक के गहने और करीब एक करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं।



इसके अलावा एक सीए के यहां छानबीन में व्यापारियों की ओर से लेन-देन से जुड़े अहम कागजात भी मिले हैं। आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में मंगलवार से शुरू हुई इस कार्रवाई में 220 से अधिक अधिकारी जांच कर रहे हैं। गोरखपुर मंडल के अलग-अलग स्थानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसके लिए 30 से अधिक वाहनों के जरिये टीमें विभिन्न ठिकानों तक पहुंचीं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में कर चोरी, फर्जी बिलिंग, कैश लेन-देन, स्टांप चोरी और बेनामी संपत्तियों से जुड़े कई अहम दस्तावेज अधिकारियों के हाथ लगे हैं। इधर चार दिन तक चली आयकर की जांच देर रात करीब 10.30 बजे पूरी हो गई। इसके बाद महाराजपुर, देवरिया, कुशीनगर और शहर की टीमें लौट गईं।
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फर्जी बिलों से घटाया गया मुनाफा



प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि संबंधित कारोबारी फर्जी खरीद-बिक्री के बिलों के जरिये अपने कारोबार का मुनाफा कम दिखा रहे थे। इससे आयकर की देनदारी घटाई जा रही थी। कागजातों से संकेत मिले हैं कि कई फर्मों के बीच आपसी तालमेल से बिलिंग की गई और नकद लेन-देन को खातों से बाहर रखा गया। अधिकारियों का मानना है कि वास्तविक कारोबार और घोषित आय में बड़ा अंतर है।



रियल एस्टेट और शराब कारोबार पर फोकस



जांच के दौरान रियल एस्टेट और शराब कारोबार से जुड़े कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं। रियल एस्टेट में ब्लैक मनी निवेश के पुख्ता सबूत मिलने की बात कही जा रही है। गोरखपुर में दो ठिकानों और देवरिया में एक शराब फैक्टरी से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने की पुष्टि विभागीय स्तर पर की गई है। दस्तावेजों से यह भी संकेत मिला है कि जमीन और भवन की खरीद में वास्तविक कीमत से कम मूल्य दिखाकर स्टांप शुल्क की चोरी की गई।



सीए के यहां मिले लेन-देन के रिकॉर्ड



जांच के दौरान एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के ठिकाने से भी कुछ व्यापारियों के लेन-देन से जुड़े अहम कागजात मिले हैं। इनमें कई हाल ही में खरीदी गई संपत्तियों के दस्तावेज शामिल हैं। आयकर अधिकारियों के अनुसार, इन संपत्तियों की खरीद में बड़े पैमाने पर नकद भुगतान किए जाने के संकेत हैं, जिनका हिसाब खातों में दर्ज नहीं है।



ऑटोमोबाइल और टैंकर कारोबारियों के ठिकानों पर तलाशी



शुक्रवार को आयकर की टीम ऑटोमोबाइल कारोबारी के मेडिकल रोड स्थित बाइक शोरूम, बलदेव प्लाजा में उनके सहयोगी के कार्यालय, सिविल लाइंस और स्पोर्ट्स कॉलेज रोड स्थित आवास पर जमी रही। इसके अलावा टैंकर कारोबारी की गीडा स्थित फैक्टरी और बरगदवां की साल्वेंट फैक्टरी में भी कागजात खंगाले गए। स्पोर्ट्स कॉलेज रोड स्थित आवास से भी निवेश से जुड़े कई दस्तावेज बरामद होने की जानकारी मिली है।



अभी जारी रहेगी कार्रवाई



आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जब्त दस्तावेजों और डिजिटल डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है। प्रारंभिक आकलन में कर चोरी की राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक होने की आशंका जताई जा रही है। सर्च ऑपरेशन और पूछताछ आगे भी जारी रह सकती है। विभाग का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद कर निर्धारण और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

छानबीन के दौरान कर्मचारी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की टीम द्वारा देवरिया स्थित एक शराब फैक्ट्री में की जा रही छानबीन के दौरान एक कर्मचारी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। चर्चा है कि आयकर टीम के अधिकारियों ने अन्य कर्मचारियों की मदद से तत्काल उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उपचार के बाद उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। कर्मचारी की तबीयत स्थिर होने के बाद आयकर विभाग की टीम जांच से संबंधित दस्तावेज अपने साथ लेकर फैक्ट्री से वापस लौट गई। छापेमारी और जांच की कार्रवाई को लेकर विभाग की ओर से आधिकारिक रूप से कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
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