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Gorakhpur News: दुबई से 21 दिन बाद गांव पहुंचा सोनू का शव, मचा कोहराम
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- आबूधाबी में आत्महत्या की सूचना के बाद परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
- प्रशासनिक प्रयासों से स्वदेश लाया गया शव
संवाद न्यूज एजेंसी
जानीपुर। गोला थाना क्षेत्र के धौरहरा गांव में शुक्रवार को दुबई से 21 दिन बाद मजदूर सोनू (41) का शव गांव पहुंचा। एकलौते बेटे का शव देख पिता रामबृक्ष बेसुध हो गए। जबकि पत्नी बबीता और बच्चे दहाड़े मारकर रोने लगे।
धौरहरा निवासी सोनू परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए दुबई गया था। वह दुबई के आबूधाबी शहर में एक निजी कंपनी में काम करता था। बीते कई वर्षों से वहीं रहकर मेहनत मजदूरी कर रहा था। परिजनों के अनुसार, 29 नवंबर को दुबई से फोन आया कि सोनू ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली है। यह खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। परिजनों का कहना है कि जब उन्हें आत्महत्या से जुड़ी तस्वीरें दिखाई गईं तो उन्हें संदेह हुआ। तस्वीरें देखकर परिवार को आशंका है कि सोनू की हत्या कर शव को फंदे से लटकाया गया है। इसी कारण परिजन शुरू से ही मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
शव गांव लाने के लिए करनी पड़ी भागदौड़
बेटे का अंतिम संस्कार गांव में ही करने की इच्छा लेकर पिता रामबृक्ष ने प्रशासन से गुहार लगाई थी। इसके लिए उन्हें जिला मुख्यालय से लेकर संबंधित अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़े। काफी प्रयासों और औपचारिकताओं के बाद 21 दिन बाद शुक्रवार को सोनू का शव दुबई से भारत लाया जा सका। शुक्रवार को दिन में करीब 11 बजे दिन में जैसे ही शव धौरहरा गांव पहुंचा, माहौल गमगीन हो गया।
पीछे छूट गया भरा-पूरा परिवार
मृतक सोनू के परिवार में पत्नी बबीता के अलावा एक बेटा अंशुमान और एक बेटी सुनिधि है। पिता रामबृक्ष पहले ही तीन बेटियों की शादी कर चुके हैं। सोनू ही उनका इकलौता सहारा था। अब बेटे की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और बच्चों का भविष्य चिंता का विषय बन गया है। परिजनों ने बताया कि सोनू का अंतिम संस्कार गोला मुक्तिपथ पर किया जाएगा।
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- प्रशासनिक प्रयासों से स्वदेश लाया गया शव
संवाद न्यूज एजेंसी
जानीपुर। गोला थाना क्षेत्र के धौरहरा गांव में शुक्रवार को दुबई से 21 दिन बाद मजदूर सोनू (41) का शव गांव पहुंचा। एकलौते बेटे का शव देख पिता रामबृक्ष बेसुध हो गए। जबकि पत्नी बबीता और बच्चे दहाड़े मारकर रोने लगे।
धौरहरा निवासी सोनू परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए दुबई गया था। वह दुबई के आबूधाबी शहर में एक निजी कंपनी में काम करता था। बीते कई वर्षों से वहीं रहकर मेहनत मजदूरी कर रहा था। परिजनों के अनुसार, 29 नवंबर को दुबई से फोन आया कि सोनू ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली है। यह खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। परिजनों का कहना है कि जब उन्हें आत्महत्या से जुड़ी तस्वीरें दिखाई गईं तो उन्हें संदेह हुआ। तस्वीरें देखकर परिवार को आशंका है कि सोनू की हत्या कर शव को फंदे से लटकाया गया है। इसी कारण परिजन शुरू से ही मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
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शव गांव लाने के लिए करनी पड़ी भागदौड़
बेटे का अंतिम संस्कार गांव में ही करने की इच्छा लेकर पिता रामबृक्ष ने प्रशासन से गुहार लगाई थी। इसके लिए उन्हें जिला मुख्यालय से लेकर संबंधित अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़े। काफी प्रयासों और औपचारिकताओं के बाद 21 दिन बाद शुक्रवार को सोनू का शव दुबई से भारत लाया जा सका। शुक्रवार को दिन में करीब 11 बजे दिन में जैसे ही शव धौरहरा गांव पहुंचा, माहौल गमगीन हो गया।
पीछे छूट गया भरा-पूरा परिवार
मृतक सोनू के परिवार में पत्नी बबीता के अलावा एक बेटा अंशुमान और एक बेटी सुनिधि है। पिता रामबृक्ष पहले ही तीन बेटियों की शादी कर चुके हैं। सोनू ही उनका इकलौता सहारा था। अब बेटे की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और बच्चों का भविष्य चिंता का विषय बन गया है। परिजनों ने बताया कि सोनू का अंतिम संस्कार गोला मुक्तिपथ पर किया जाएगा।
