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Gorakhpur News: सील के बावजूद खुला दिखा अस्पताल, दोहरी व्यवस्था पर उठे सवाल
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पिपराइच में सील के बावजूद खुला दिखा निजी अस्पताल । स्रोत संवाद
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- बिना पंजीकरण चल रहे पैथालॉजी और निजी हॉस्पिटल के सील होने के दावे के बीच परिसर बाहर से खुला रहा
- मेडिकल एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी में विवेचना शुरू, रिपोर्ट के आधार पर चार्जशीट की तैयारी
संवाद न्यूज एजेंसी
पिपराइच। थाना क्षेत्र में बिना पंजीकरण के चल रहे पैथालॉजी और निजी हॉस्पिटल को सील किए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से सील की कार्रवाई के दावे के बावजूद संबंधित अस्पताल बाहर से खुला नजर आया, जिससे क्षेत्र में दोहरी व्यवस्था लागू होने की चर्चा तेज हो गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब केंद्र को सील किया जा चुका है, तो वह बाहर से कैसे खुला दिखाई दे रहा है।
मौके पर मौजूद अस्पताल की कर्मचारी अवंतिका ने बताया कि परिसर इसलिए खुला रखा गया है क्योंकि वहां पालतू बिल्ली रहती है। इसी वजह से बाहर से दरवाजा खुला दिख रहा है। दूसरी ओर सीएचसी अधीक्षक डॉ. मणि शेखर ने स्पष्ट किया कि संबंधित पैथालॉजी और निजी हॉस्पिटल पूरी तरह सील हैं। बाहर से खुला दिखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सीलिंग कार्रवाई का पालन कराया गया है और अंदरूनी कक्ष सील हैं।
मामले की विवेचना कर रहे एसएसआई अजीत चतुर्वेदी ने बताया कि प्रकरण में विवेचना शुरू कर दी गई है। यह जांच मेडिकल एक्ट के तहत की जा रही है। मेडिकल जांच टीम अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि जिन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई है, उनमें तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। इसलिए जांच पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने कहा कि यह मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं था। जानकारी मिलने के बाद संबंधित प्रकरण की जांच कराई जाएगी और तथ्य सामने आने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
यह था मामला
दरअसल, 13 दिसंबर को पिपराइच क्षेत्र में स्थित पैथालॉजी और निजी अस्पतालों की जांच की गई थी। जांच के दौरान विनायक पैथालॉजी और सावित्री मेडिकल स्टोर व हॉस्पिटल के पास वैध पंजीकरण, मानक से जुड़े कागजात और प्रशिक्षित चिकित्सक नहीं पाए गए थे। इसके बाद सीएचसी अधीक्षक की तहरीर पर पिपराइच थाने में दोनों संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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- मेडिकल एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी में विवेचना शुरू, रिपोर्ट के आधार पर चार्जशीट की तैयारी
संवाद न्यूज एजेंसी
पिपराइच। थाना क्षेत्र में बिना पंजीकरण के चल रहे पैथालॉजी और निजी हॉस्पिटल को सील किए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से सील की कार्रवाई के दावे के बावजूद संबंधित अस्पताल बाहर से खुला नजर आया, जिससे क्षेत्र में दोहरी व्यवस्था लागू होने की चर्चा तेज हो गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब केंद्र को सील किया जा चुका है, तो वह बाहर से कैसे खुला दिखाई दे रहा है।
मौके पर मौजूद अस्पताल की कर्मचारी अवंतिका ने बताया कि परिसर इसलिए खुला रखा गया है क्योंकि वहां पालतू बिल्ली रहती है। इसी वजह से बाहर से दरवाजा खुला दिख रहा है। दूसरी ओर सीएचसी अधीक्षक डॉ. मणि शेखर ने स्पष्ट किया कि संबंधित पैथालॉजी और निजी हॉस्पिटल पूरी तरह सील हैं। बाहर से खुला दिखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सीलिंग कार्रवाई का पालन कराया गया है और अंदरूनी कक्ष सील हैं।
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मामले की विवेचना कर रहे एसएसआई अजीत चतुर्वेदी ने बताया कि प्रकरण में विवेचना शुरू कर दी गई है। यह जांच मेडिकल एक्ट के तहत की जा रही है। मेडिकल जांच टीम अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि जिन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई है, उनमें तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। इसलिए जांच पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने कहा कि यह मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं था। जानकारी मिलने के बाद संबंधित प्रकरण की जांच कराई जाएगी और तथ्य सामने आने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
यह था मामला
दरअसल, 13 दिसंबर को पिपराइच क्षेत्र में स्थित पैथालॉजी और निजी अस्पतालों की जांच की गई थी। जांच के दौरान विनायक पैथालॉजी और सावित्री मेडिकल स्टोर व हॉस्पिटल के पास वैध पंजीकरण, मानक से जुड़े कागजात और प्रशिक्षित चिकित्सक नहीं पाए गए थे। इसके बाद सीएचसी अधीक्षक की तहरीर पर पिपराइच थाने में दोनों संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
