Chandigarh: प्रिकॉशन डोज लगवाने में भी बुजुर्गों ने बाजी मारी, स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों की रफ्तार काफी धीमी
विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रिकॉशन डोज लगवाना बेहद जरूरी है क्योंकि वायरस कभी भी रूप बदलकर आक्रमण कर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि बचाव के लिए टीके की प्रिकॉशन डोज जल्द से जल्द लगवा ली जाए।

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चंडीगढ़ में कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत प्रिकॉशन डोज के चरण में भी बुजुर्ग लाभार्थियों की संख्या सबसे ज्यादा है जबकि अन्य वर्ग उनसे काफी पीछे है। खासतौर पर 18 से 44 साल के बीच के युवा वर्ग का परिणाम निराशाजनक है। वे अभियान में सबसे नीचे हैं जबकि स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के परिणाम में कुछ अंतर है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग बेहद चिंतित है।

विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रिकॉशन डोज लगवाना बेहद जरूरी है क्योंकि वायरस कभी भी रूप बदलकर आक्रमण कर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि बचाव के लिए टीके की प्रिकॉशन डोज जल्द से जल्द लगवा ली जाए। पीजीआई में कोरोना टीके के ट्रायल की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. मधु गुप्ता का कहना है कि जिन लोगों ने टीके की दोनों खुराक लगवाई है उनके लिए प्रिकॉशन डोज भी तय समय पर लेना जरूरी है क्योंकि पिछले दोनों खुराक का प्रभाव तय समय के साथ ही धीरे धीरे कम हो गया होगा। इसलिए सरकार ने ट्रायल और रिसर्च परिणाम के आधार पर बचाव के लिए प्रिकॉशन डोज लगाने की अनुमति दी है। इसे लगवाने में अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
पहले चरण में भी बुजुर्ग थे आगे
कोरोना टीकाकरण अभियान के पहले चरण में भी बुजुर्गों का परिणाम सबसे अच्छा था। सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्तियों के कर्मचारियों के साथ बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को पहले चरण में टीका लगाने की अनुमति दी थी। इसमें बुजुर्ग लाभार्थियों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जल्द जल्द टीका लगवाने का लक्ष्य पूरा किया था। इस वर्ग ने पहली और दूसरी खुराक का लक्ष्य मानक के अनुसार तय किए गए समय पर पूरा किया था।
लोगों को शुल्क समाप्त होने की उम्मीद
दूसरी तरफ लोगों को इस बात की उम्मीद है कि हो सकता है कि सरकार हरियाणा की ही तरह चंडीगढ़ में भी प्रिकॉशन डोज नि:शुल्क कर दे। इसके कारण भी प्रिकॉशन डोज के अभियान में सामान्य जनता ज्यादा रुचि नहीं दिखा रही जबकि बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग अपने मर्ज की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए शुल्क का मोह छोड़कर प्रिकॉशन डोज लगवा रहे हैं।
वर्ग कुल लाभार्थी प्रतिशत
60 साल से ज्यादा उम्र 32018 41.05 प्रतिशत
अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी 10165 45.32 प्रतिशत
स्वास्थ्यकर्मी 5734 21.85 प्रतिशत
45-59 साल 3715 0.44 प्रतिशत
18-44 साल 3285 0.39 प्रतिशत
कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। टीके की दोनों खुराक लगवाने के बाद भी प्रिकॉशन डोज लगवानी जरूरी है क्योंकि टीके के प्रभाव से ही संक्रमण की गंभीरता से बचा जा सकता है। बुजुर्गों का परिणाम इस बार भी बाकियों से अच्छा है। - डॉ. सुमन सिंह, निदेशक स्वास्थ्य