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बाजार, स्कूल और बार खुले... पर ओपीडी अब तक बंद, लोग पूछ रहे- क्या यहीं से फैलता है कोरोना
वीणा तिवारी, चंडीगढ़
Published by: खुशबू गोयल
Updated Thu, 24 Sep 2020 12:21 PM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : Pixabay
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कोरोना महामारी के कारण 29 मार्च से पीजीआई समेत चंडीगढ़ के सभी अस्पतालों की ओपीडी बंद है। इससे लोगों में रोष फैल रहा है। क्योंकि गंभीर मरीजों के साथ ही अन्य मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है जिस कारण मरीज और उनके परिजन काफी परेशान है। 6 महीने से ओपीडी बंद होने से लोगों को पेश आ रही मुश्किल को दूर करने के लिए पीजीआई, जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 में टेली कंसल्टेशन सुविधा का संचालन किया जा रहा है।
लेकिन उससे भी मरीजों को राहत नहीं मिल पा रही है। लोगों ने कहा कि अब जब अनलॉक के तहत पहले बाजार, होटल, रेस्टोरेंट, बार और अब स्कूल खोले गए हैं। वैसे ही प्रशासन को अस्पतालों की ओपीडी को खोलने संबंधी भी निर्णय लेना चाहिए क्योंकि इन चीजों से ज्यादा जरूरी गंभीर मरीजों को इलाज मुहैया कराना है। अगर अब भी अस्पतालों की ओपीडी नहीं खोली गई तो कुछ ही दिनों में गंभीर मरीजों की जान बचानी मुश्किल होगी।
कोविड की तरह नॉन-कोविड के लिए भी बनाए जाएं दिशा-निर्देश
वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के एडवाइजर डॉ. रमनीक सिंह बेदी का कहना है कि अब प्रशासन को नॉन-कोविड मरीजों के इलाज को लेकर भी गंभीर होना चाहिए क्योंकि अगर अब भी उन्हें इलाज मुहैया नहीं कराया गया तो अचानक स्थिति भयानक हो सकती है। अस्पतालों की ओपीडी शुरू करने के लिए प्रशासन को कोविड की तरह ही नॉन-कोविड मरीजों के इलाज की व्यवस्था से जुड़े दिशा-निर्देश बनाने होंगे जिससे संक्रमण से बचाव करते हुए उनका इलाज हो सके।
ओपीडी बंद होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी कैंसर, टीबी, स्किन और टीकाकरण से रोकी जाने वाली बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को हो रही है। प्रशासन को पीजीआई की ओपीडी के बजाय जीएमएसएच-16 व जीएमसीएच-32 की ओपीडी को संचालित कराने की व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि वहां की ओपीडी डेढ़ हजार से दो हजार ही है।
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लेकिन उससे भी मरीजों को राहत नहीं मिल पा रही है। लोगों ने कहा कि अब जब अनलॉक के तहत पहले बाजार, होटल, रेस्टोरेंट, बार और अब स्कूल खोले गए हैं। वैसे ही प्रशासन को अस्पतालों की ओपीडी को खोलने संबंधी भी निर्णय लेना चाहिए क्योंकि इन चीजों से ज्यादा जरूरी गंभीर मरीजों को इलाज मुहैया कराना है। अगर अब भी अस्पतालों की ओपीडी नहीं खोली गई तो कुछ ही दिनों में गंभीर मरीजों की जान बचानी मुश्किल होगी।
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कोविड की तरह नॉन-कोविड के लिए भी बनाए जाएं दिशा-निर्देश
वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के एडवाइजर डॉ. रमनीक सिंह बेदी का कहना है कि अब प्रशासन को नॉन-कोविड मरीजों के इलाज को लेकर भी गंभीर होना चाहिए क्योंकि अगर अब भी उन्हें इलाज मुहैया नहीं कराया गया तो अचानक स्थिति भयानक हो सकती है। अस्पतालों की ओपीडी शुरू करने के लिए प्रशासन को कोविड की तरह ही नॉन-कोविड मरीजों के इलाज की व्यवस्था से जुड़े दिशा-निर्देश बनाने होंगे जिससे संक्रमण से बचाव करते हुए उनका इलाज हो सके।
ओपीडी बंद होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी कैंसर, टीबी, स्किन और टीकाकरण से रोकी जाने वाली बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को हो रही है। प्रशासन को पीजीआई की ओपीडी के बजाय जीएमएसएच-16 व जीएमसीएच-32 की ओपीडी को संचालित कराने की व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि वहां की ओपीडी डेढ़ हजार से दो हजार ही है।
ओपीडी बंद रखने के फैसले पर क्या कहते हैं लोग
कोरोना के कारण सबसे ज्यादा परेशानी अन्य गंभीर मरीजों को झेलनी पड़ रही है। इलाज के नाम पर उनके साथ केवल खानापूर्ति की जा रही है। अगर यही स्थिति रही तो ऐसे मरीजों की जान बचाने मुश्किल होगी।
- हरजिंदर कौर, रामदरबार
मार्केट, होटल, रेस्टोरेंट यहां तक कि बार तक खोल दिए हैं। वहीं ओपीडी खोलने संबंधी निर्णय लेने में देरी की जा रही है जबकि इसकी गंभीरता को देखते इसे जल्द खोलने की जरूरत है।
- रितु चौहान, बहलाना
पीजीआई ओपीडी को बंद रखने का प्रशासन का फैसला उचित है। वहीं जीएमएसएच-16 और जीएमसीएच-32 की ओपीडी को खोला जा सकता है ताकि कम संख्या में ही सही पर मरीजों को इलाज मिल सके।
- नवीन शर्मा, हल्लोमाजरा
सरकार को उन गंभीर मरीजों के बारे में भी सोचना होगा जो 6 महीने से बिना इलाज के तड़प रहे हैं। कैंसर, टीबी और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के लिए ओपीडी खोलने पर विचार होना चाहिए। - शिल्पी सिंह, सेक्टर 52
कोरोना के नाम पर अब भी अस्पतालों की ओपीडी बंद रखना बिल्कुल गलत है। प्रशासन को इनके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। इनके इलाज की व्यवस्था की जानी बेहद जरूरी है।
- प्रेम रंधावा, हल्लोमाजरा
- हरजिंदर कौर, रामदरबार
मार्केट, होटल, रेस्टोरेंट यहां तक कि बार तक खोल दिए हैं। वहीं ओपीडी खोलने संबंधी निर्णय लेने में देरी की जा रही है जबकि इसकी गंभीरता को देखते इसे जल्द खोलने की जरूरत है।
- रितु चौहान, बहलाना
पीजीआई ओपीडी को बंद रखने का प्रशासन का फैसला उचित है। वहीं जीएमएसएच-16 और जीएमसीएच-32 की ओपीडी को खोला जा सकता है ताकि कम संख्या में ही सही पर मरीजों को इलाज मिल सके।
- नवीन शर्मा, हल्लोमाजरा
सरकार को उन गंभीर मरीजों के बारे में भी सोचना होगा जो 6 महीने से बिना इलाज के तड़प रहे हैं। कैंसर, टीबी और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के लिए ओपीडी खोलने पर विचार होना चाहिए। - शिल्पी सिंह, सेक्टर 52
कोरोना के नाम पर अब भी अस्पतालों की ओपीडी बंद रखना बिल्कुल गलत है। प्रशासन को इनके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। इनके इलाज की व्यवस्था की जानी बेहद जरूरी है।
- प्रेम रंधावा, हल्लोमाजरा