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जीएसटी कलेक्शन की खामियां होंगी दूर: विस में पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (संशोधन) बिल पास

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sat, 01 Oct 2022 09:55 AM IST
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सार

पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक्ट 2017 के सेक्शन-16 में संशोधन से सरकार को अधिकार होगा कि वह ऐसे डिफाल्टरों को कुछ विशेष हालात में इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने से रोक सके।

Punjab Goods and Services Tax (Amendment) Bill 2022 passed in Assembly
पंजाब विधानसभा - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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पंजाब सरकर ने जीएसटी कलेक्शन की खामियों को दूर कर दिया है। इससे रिटर्न भरने की व्यवस्था सुधरेगी। विधानसभा में पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (संशोधन) बिल 2022 शुक्रवार को ध्वनिमत से पारित हो गया।

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वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने दावा किया कि इस संशोधन बिल से जीएसटी कलेक्शन की उन खामियों को दूर किया गया है, जिसके तहत जाली बिलिंग, रिफंड में देरी और गड़बड़ी होती थी। इसके अलावा रिटर्न भरने की व्यवस्था भी सुधारी गई है। चीमा ने कहा कि नए बिल से व्यापारियों को तो फायदा होगा ही, राजस्व भी बढ़ेगा। 

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सरकार की एक्शन लेने की शक्ति बढ़ेगी

पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक्ट 2017 के सेक्शन-16 में संशोधन से सरकार को अधिकार होगा कि वह ऐसे डिफाल्टरों को कुछ विशेष हालात में इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने से रोक सके। इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने का समय 30 सितंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर किया है। इससे व्यापारी जो भी खर्च कर चुके हैं, उनका क्रेडिट 30 नवंबर तक ले सकेंगे और रिटर्न भी भर सकेंगे।

रिटर्न भरने की व्यवस्था सरल बनाई

रिटर्न भरने की व्यवस्था को सरल बनाने के लिए एक्ट की धारा 37, 38 और 39 में संशोधन किया है। धारा 39 में जाली बिलिंग और धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट के खतरे की जांच करने व अनुपालन में सुधार के लिए रिटर्न प्रस्तुत करने की शर्त के रूप में बाहरी आपूर्ति का विवरण देने के लिए संशोधन किया गया है। इस तरह आपूर्ति का विवरण दिए बिना करदाता रिटर्न फाइल नहीं कर सकेंगे। यह संशोधन जाली बिल रोकने में सहायक होगा।

देरी से स्टेटमेंट दाखिल करने पर विलंब शुल्क

अनुपालन में सुधार के लिए ई-कॉमर्स ऑपरेटरों जैसे टैक्स-कलेक्टरों करदाताओं की ओर से देरी से स्टेटमेंट दाखिल करने पर विलंब शुल्क की शुरुआत की गई है। करदाताओं द्वारा इनपुट टेक्स क्रेडिट के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और सरकार को सशक्त बनाने के लिए, अनुपालन में सुधार के उद्देश्य से धारा 49 में संशोधन किया गया है।

मंत्री का कथन

वित्त मंत्री ने कहा कि काफी समय से यह मांग थी कि ब्याज केवल उस इनपुट टेक्स क्रेडिट पर लगाया जाए, जो गलत तरीके से लिया और उपयोग किया गया है। इसके लिए सेक्शन-50 में संशोधन किया है। धारा 54 में संशोधन के तहत एसईजेड में व्यापार कर रहे या निर्यात करने वाले कारोबारियों के रिफंड को सुव्यवस्थित करने का समय उनके द्वारा रिटर्न फाइल करने के दो साल बाद तय किया गया है।

ऐसे समझें इनपुट टैक्स क्रेडिट

जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट से मतलब ऐसे सिस्टम से है, इसमें आपको पहले कहीं चुकाए गए जीएसटी के बदले क्रेडिट मिल जाते हैं। बाद में अगर कभी आपको जीएसटी चुकाने की जरूरत पड़ती है, तो पैसों के बदले, इन क्रेडिट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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