गोकशी के विरुद्ध हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, जिलों में स्पेशल काऊ टास्क फोर्स का होगा गठन

मवेशी तस्करी और गोकशी मामलों में शामिल लोगों पर हरियाणा सरकार नकेल कसने जा रही है। हरियाणा सरकार अब जिला स्तर पर 11 सदस्यीय ‘स्पेशल काऊ टास्क फोर्स’ का गठन करेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गो सेवा आयोग की बैठक में संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इस फोर्स में सरकारी और गैर-सरकारी सदस्य शामिल होंगे। जिनमें पुलिस, पशुपालन, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारी और हरियाणा गो सेवा आयोग, गोरक्षक समितियों और गो-सेवकों के पांच सदस्य शामिल किए जाएं। टास्क फोर्स की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राज्यभर में मुखबिरों और उनके खुफिया नेटवर्क के माध्यम से मवेशियों की तस्करी और गोकशी के बारे में जानकारी जुटाना और मुखबिरों से प्राप्त जानकारी के बाद अवैध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी गोशालाओं को अनुदान राशि प्रदान करेगी। राशि उपयोगी और अनुपयोगी पशुओं के अनुपात के अनुसार देंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार 33 प्रतिशत से कम अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गोशालाओं को कोई सरकारी अनुदान प्रदान नहीं किया जाएगा।
33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गोशालाओं को प्रति वर्ष 100 रुपये प्रति पशुधन मिलेगा। 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गोशालाओं को प्रति वर्ष 200 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। 76 प्रतिशत से 99 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गोशालाओं को प्रति वर्ष 300 रुपये प्रति पशुधन देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शत-प्रतिशत अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गोशालाओं को प्रति वर्ष 400 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। नंदी और अनुपयोगी गायों को रखने वाली गोशालाओं को प्रति वर्ष 400 रुपये प्रति पशुधन मिलेगा। उन्होंने हरियाणा गो सेवा अयोग को उपरोक्त नियमों और शर्तों के अनुसार एक विस्तृत बजट कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
संबंधित अधिकारियों और हरियाणा गो सेवा अयोग के सदस्यों को कहा कि गोशालाओं में रखे जाने वाले आवारा पशुओं की संख्या का सत्यापन किया जाए। प्रदेशभर की गोशालाओं में वर्तमान में रखे जा रहे उपयोगी, अनुपयोगी और निराश्रित पशुओं सहित कुल पशुओं की संख्या का डाटा भी तैयार करें।
आयोग की सिफारिश पर ही मिलेगा गोशालाओं को अनुदान
बैठक में निर्णय लिया गया कि गोशालाओं को दिया जा रहा अनुदान केवल हरियाणा गो सेवा आयोग की सिफारिशों पर प्रदान किया जाएगा। उपयोगी और अनुपयोगी पशुओं की श्रेणियों को फिर से परिभाषित करेंगे। गोशालाओं से बिजली की दरें दो रुपये प्रति यूनिट ली जाएंगी। बैठक में नई गोशालाओं को सस्ती दरों पर पंचायती जमीन उपलब्ध कराने के संबंध में भी निर्णय लिया गया।