मुख्तार अंसारी हुआ डिप्रेशन का शिकार, यूपी पुलिस लेने गई पंजाब तो लौटा दिया गया खाली हाथ
- रोपड़ जेल प्रशासन ने बीमारी को आधार बनाकर उत्तर प्रदेश पुलिस को नहीं सौंपा
- सिविल सर्जन बोले- मुख्तार अंसारी को डिप्रेशन, शुगर और रीढ़ की हड्डी में समस्या
विस्तार
कई मामलों में वांछित माफिया मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल प्रशासन ने उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने से मना कर दिया है। रोपड़ जेल प्रशासन ने इसकी वजह मुख्तार की बीमारी और डॉक्टरों की सलाह बताई है। वहीं जेल अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हैं। सिविल सर्जन दफ्तर से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्तार अंसारी का पहले फरवरी में मेडिकल कराया गया। इसके बाद 13 अगस्त को मेडिकल करवाया गया है।
सिविल सर्जन डॉ. दविंदर कुमार ने बताया कि डॉक्टरों का बोर्ड बनाकर मुख्तार अंसारी का मेडिकल किया गया था। उसकी रीढ़ की हड्डी में समस्या है और वह मधुमेह के अलावा डिप्रेशन की बीमारी से भी पीड़ित है। डॉक्टरों ने मुख्तार अंसारी को तीन महीने का बेड रेस्ट करने की सलाह दी है। रोपड़ जेल प्रशासन ने इसी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर यूपी पुलिस को मना किया है कि मुख्तार अंसारी इतना लंबा सफर करने के लिए सक्षम नहीं है।
सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस के करीब 15 कर्मचारी रोपड़ आए थे। यह पुलिसकर्मी शहर की जैन धर्मशाला में रहने के लिए कमरे लेने गए थे। बाद में वह यहां पर नहीं ठहरे। बताया गया इनमें से दो पुलिस कर्मचारी मुख्तार अंसारी को समन देने सोमवार को रोपड़ जिला जेल गए थे। मुख्तार अंसारी फरवरी 2019 से भी पहले से रोपड़ जेल में बंद है। यूपी पुलिस अंसारी पर दर्ज मामलों में अदालत में पेश करने के लिए उसे ले जाना चाहती है। सुरक्षा कारणों के चलते मुख्तार अंसारी को जेल में अन्य कैदियों से अलग रखा गया है।
रंगदारी मामले में अंसारी को प्रोडक्शन वारंट पर लाई थी मोहाली पुलिस
यूपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को मोहाली के एक रसूखदार बिल्डर से डेढ़ साल पहले 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में जिला पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लाई थी। अंसारी फिलहाल रोपड़ जेल में है और डेढ़ साल बाद भी मोहाली पुलिस के हाथ खाली हैं।
अंसारी पर मोहाली के सेक्टर-70 के एक बिल्डर से फोन कॉल कर 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। इस बाहुबली पर जिस बिल्डर को धमकाने का आरोप है, वह काफी हाईप्रोफाइल है। इस बिल्डर के पंजाब और हिमाचल सहित दिल्ली और राजस्थान में भी कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। उसकी शिकायत पर मोहाली के थाना मटौर में अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि अंसारी ने रंगदारी मांगने के आरोप से इंकार किया था।
पिछले साल की शुरुआत में मोहाली पुलिस यूपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई थी। अंसारी को 24 जनवरी, 2019 को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था। वहां से उसे रोपड़ जेल भेज दिया गया था। तब से अंसारी मेडिकल ग्राउंड पर रोपड़ जेल में डेरा जमाए है। अंसारी को यूपी वापस ले जाने के लिए वहां की पुलिस हाथ पैर मार रही है लेकिन रोपड़ जेल के मेडिकल बोर्ड ने उसे डिप्रेशन का शिकार बताते हुए आराम करने की सलाह दी है।
वहीं आनन-फानन में मुख्तार को मोहाली लाने और डेढ़ साल से ज्यादा रोपड़ जेल में बंद होने से पंजाब पुलिस की कवायद पर भी सवाल उठने लगे हैं। रंगदारी मांगने के मामलों में पहले वायस सैंपल को मैच किया जाता है लेकिन अंसारी के मामले में ऐसा नहीं हुआ। उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेने के बाद उसका वायस सैंपल लिया गया था। डेढ़ साल बाद भी इसकी रिपोर्ट लंबित है।
सूत्रों के अनुसार, यूपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पंजाब जेल यात्रा से यूपी पुलिस परेशान है। अब यूपी एसटीएफ बिना साक्ष्य के अंसारी को पंजाब ले जाने की वजह तलाशने के साथ उसकी वापसी के उपाय खंगालने में जुटी है।
डेढ़ साल से लंबित है आवाज के नमूने की रिपोर्ट
पहले से ही देश की एक जेल में बंद आरोपी का वॉयस सैंपल लेना पुलिस के लिए मुश्किल नहीं था, लेकिन पंजाब पुलिस ने अंसारी को मोहाली लाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। पुलिस की यही शैली उसे सवालों के घेरे में खड़ा करती है। उस पर रंगदारी के साधारण मामले में डेढ़ साल से मोहाली पुलिस के हाथ खाली हैं। आवाज के नमूने की रिपोर्ट भी अभी तक सामने नहीं आई है। यूपी पुलिस मुख्तार अंसारी को एकाएक पंजाब लाने के पीछे सोची समझी रणनीति मान रही है। मुख्तार अंसारी के पंजाब व हरियाणा में अंडरवर्ल्ड कनेक्शन के बारे में यूपी एसटीएफ के अफसर अधिक जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं।