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Raipur News: मुख्यमंत्री के OSD बनकर फर्जी कॉल से प्रोफेसर को दी धमकी, सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज
अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर
Published by: अमन कोशले
Updated Wed, 17 Dec 2025 05:01 PM IST
सार
रायपुर में मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (OSD) होने का झांसा देकर फोन पर दबाव बनाने और धमकी देने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में सिविल लाइन थाना पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज कर तकनीकी जांच शुरू कर दी है।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (OSD) होने का झांसा देकर फोन पर दबाव बनाने और धमकी देने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में सिविल लाइन थाना पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज कर तकनीकी जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता चिंतामणी पंडा, जो शिवानंद नगर के निवासी और नरदहा स्थित आंजनेय यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, को 15 दिसंबर की दोपहर एक अनजान मोबाइल नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताते हुए उनसे बातचीत की।
आरोप है कि फोन करने वाले ने उनके पारिवारिक विवाद का हवाला देते हुए सुलह न होने की स्थिति में गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। कॉल के दौरान पत्नी की ओर से शिकायत को उच्च अधिकारियों और कॉलेज प्रबंधन तक भेजने की बात कही गई, साथ ही “सबक सिखाने” जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर डराने का प्रयास किया गया।
इस कॉल के बाद शिकायतकर्ता मानसिक रूप से परेशान हो गए और मामले को संदिग्ध मानते हुए पुलिस से संपर्क किया। उन्हें आशंका है कि आरोपी ने फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री कार्यालय की साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है।
तकनीकी जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने शिकायत के साथ उपलब्ध कराए गए कॉल रिकॉर्ड और मोबाइल एप्लीकेशन से जुड़े स्क्रीनशॉट को जांच में शामिल किया है। थाना प्रभारी के मुताबिक मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR), लोकेशन और अन्य साइबर साक्ष्यों के आधार पर आरोपी तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सरकारी पदनाम का दुरुपयोग कर किसी को धमकाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। मामले में जल्द ही आरोपी की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता चिंतामणी पंडा, जो शिवानंद नगर के निवासी और नरदहा स्थित आंजनेय यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, को 15 दिसंबर की दोपहर एक अनजान मोबाइल नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताते हुए उनसे बातचीत की।
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आरोप है कि फोन करने वाले ने उनके पारिवारिक विवाद का हवाला देते हुए सुलह न होने की स्थिति में गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। कॉल के दौरान पत्नी की ओर से शिकायत को उच्च अधिकारियों और कॉलेज प्रबंधन तक भेजने की बात कही गई, साथ ही “सबक सिखाने” जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर डराने का प्रयास किया गया।
इस कॉल के बाद शिकायतकर्ता मानसिक रूप से परेशान हो गए और मामले को संदिग्ध मानते हुए पुलिस से संपर्क किया। उन्हें आशंका है कि आरोपी ने फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री कार्यालय की साख को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है।
तकनीकी जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने शिकायत के साथ उपलब्ध कराए गए कॉल रिकॉर्ड और मोबाइल एप्लीकेशन से जुड़े स्क्रीनशॉट को जांच में शामिल किया है। थाना प्रभारी के मुताबिक मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR), लोकेशन और अन्य साइबर साक्ष्यों के आधार पर आरोपी तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सरकारी पदनाम का दुरुपयोग कर किसी को धमकाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। मामले में जल्द ही आरोपी की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।