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Bilaspur News: हाईकोर्ट ने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर रद्द करने का दिया आदेश, पढ़ें क्या है पूरा मामला

अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर Published by: विजय पुंडीर Updated Wed, 03 Sep 2025 10:28 PM IST
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High court ordered cancellation of FIR against the doctor
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
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हाईकोर्ट ने डीकेएस अस्पताल रायपुर के सर्जन डॉ. प्रवेश शुक्ला के खिलाफ एसीबी, ईओडब्ल्यू व पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि अधिकारियों ने यााचिकाकर्ता के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की है। डॉ. शुक्ला ने अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से याचिका दायर की थी।

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11 जुलाई 2023 को याचिकाकर्ता को दाऊ कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल रायपुर में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन के पद पर संविदा नियुक्ति दी गई थी। 1 जुलाई 2024 को प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस जारी कर आरोप लगाया कि 8 जून 2024 को ओपीडी ड्यूटी के दौरान शराब घोटाले के विचाराधीन आरोपी अनवर ढेबर को इलाज के लिए जेल से लाया गया, उसे आगे के इलाज के लिए रेफर किया गया था। नोटिस में आरोप था कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन होने के नाते ओपीडी में इलाज करते समय उन्होंने मरीज को अन्य सरकारी अस्पताल एम्स में रेफर कर दिया था। क्योंकि जीआई. एंडोस्कोपी (कोलोनोस्कोपी) उपकरण विभाग में उपलब्ध नहीं था। जबकि उस दौरान उपकरण उपलब्ध था और अन्य मामलों की जांच की गई थी। यदि उपकरण विभाग में उपलब्ध नहीं था, तो अन्य अस्पताल में रेफर करने के बजाय अस्पताल के अन्य विभाग से यह जांच करवा सकते थे। डॉ. शुक्ला के आचरण को अनुशासनहीनता बताया गया। 
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याचिकाकर्ता ने कारण बताओ नोटिस का विधिवत जवाब दिया और बताया कि वयस्क कोलोनोस्कोपी अन्य एंडोस्कोपी से अलग है। याचिकाकर्ता द्वारा मरीज को विशेष रूप से सलाह दी गई थी कि वह किसी अन्य सरकारी अस्पताल या एम्स, रायपुर से गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की मेडिकल राय और कोलोनोस्कोपी करवा ले। 8 अगस्त 2024 को याचिकाकर्ता की सेवाएं अस्पताल से समाप्त कर दी गईं। साथ ही गोल बाजार पुलिस स्टेशन, रायपुर में एफआईआर भी करा दी गई।

याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत अस्पताल से जानकारी मांगी, जिसमें बताया गया कि कोलोनोस्कोपी (लोअर जीआई एंडोस्कोपी) उपकरण वर्ष 2022 से आज तक काम करने की स्थिति में नहीं है। विभागाध्यक्ष ने यह भी बताया कि 1 जनवरी 2024 से 31 अगस्त 2024 तक कोई वयस्क कोलोनोस्कोपी परीक्षण नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता ने संबंधित दस्तावेज से भी जानकारी मिली कि अस्पताल में लोअर जीआई एंडोस्कोपी (कोलोनोस्कोपी) से संबंधित एक भी उपचार नहीं किया गया है। इस आधार पर बर्खास्तगी के खिलाफ डॉ. शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर दिया ।

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