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CG News: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने काशीनाथ गोरे को दी श्रद्धांजलि, बोले- 'वसुधैव कुटुंबकम' है संघ का मूलमंत्र
अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर
Published by: अनुज कुमार
Updated Sat, 30 Aug 2025 10:23 PM IST
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सार
संघ प्रमुख मोहन भागवत और छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने बिलासपुर में पूर्व संघचालक काशीनाथ गोरे की स्मृति में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में हिस्सा लिया।

रमन सिंह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सिम्स ऑडिटोरियम में लोकहितकारी स्वर्गीय काशीनाथ गोरे की स्मारिका का विमोचन संघ प्रमुख मोहन भागवत और विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की तस्वीर पर पुष्प अर्पण और नमन से हुई। सबसे पहले डॉक्टर रमन सिंह ने श्रद्धांजलि देते हुए काशीनाथ गोरे से जुड़ा एक पुराना किस्सा साझा किया।

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उन्होंने बताया कि डॉक्टर रहने के दौरान काशीनाथ जी उन्हें एक देवार मोहल्ले ले गए, जहां चारों ओर सूअर थे, लेकिन वहां उनकी बच्चियों ने पैर पखारकर सम्मान किया। उस दिन के बाद मजाकिया अंदाज में लोग उन्हें शनिचर डॉक्टर कहने लगे और उन्होंने इसे अपने जीवन का टर्निंग पॉइंट बताया।
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वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि काशीनाथ गोरे सच्चे लोकहितकारी स्वयंसेवक थे। उन्होंने संघ के 100 साल की यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि स्वयंसेवक अपने घर से, फिर पड़ोस और फिर देश तक सेवा भाव से कुटुंब को बढ़ाता है। इसी वजह से हम "वसुधैव कुटुंबकम" कहते हैं। भागवत ने कहा कि हर कोई काशीनाथ नहीं बन सकता लेकिन हर किसी में स्वयंसेवक बनने का भाव होना चाहिए
कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि लोग सोचते हैं कि वे शिवाजी महाराज जैसे महान व्यक्तित्व नहीं बन सकते। वे एक महान व्यक्ति थे। लोग सोचते हैं कि अगर किसी को शिवाजी जैसा बनना है, तो वह पड़ोसी के घर में हो, अपने घर में नहीं। हमें एक अच्छा इंसान बनने, अपने परिवार और समाज को खुश रखने और यथासंभव प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहने का प्रयास करना चाहिए।