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CG News: किसानों से दलहन-तिलहन उपार्जन को केंद्र सरकार की स्वीकृति, खरीफ के लिए 425 करोड़ रुपए मंजूर
अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर
Published by: अमन कोशले
Updated Sun, 21 Dec 2025 02:03 PM IST
सार
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) के अंतर्गत प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत छत्तीसगढ़ में दलहन और तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) के अंतर्गत प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत छत्तीसगढ़ में दलहन और तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम के बीच हुई चर्चा के बाद केंद्र ने खरीफ सीजन के लिए 425 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की।
छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ और रबी मिलाकर कुल 1 लाख 22 हजार मीट्रिक टन दलहन-तिलहन उपार्जन का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। इसमें खरीफ के लिए 50 हजार मीट्रिक टन और रबी के लिए 72 हजार मीट्रिक टन शामिल हैं। फिलहाल केंद्र ने खरीफ की फसलों के लिए मंजूरी दी है। इसके तहत अरहर 21,330 मीट्रिक टन, उड़द 25,530 मीट्रिक टन, मूंग 240 मीट्रिक टन, सोयाबीन 4,210 मीट्रिक टन और मूंगफली 4,210 मीट्रिक टन की खरीदी की जाएगी। इस पर कुल 425 करोड़ रुपए व्यय होंगे। साथ ही आवश्यकता होने पर सोयाबीन और मूंगफली के लिए अतिरिक्त स्वीकृति देने का आश्वासन भी दिया गया है।
भारत सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए अरहर का समर्थन मूल्य 8,000 रुपए प्रति क्विंटल, मूंग 8,768 रुपए, उड़द 7,800 रुपए, मूंगफली 7,800 रुपए और सोयाबीन 5,328 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है।
राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। मार्कफेड के माध्यम से सहकारी समितियों द्वारा उपार्जन किया जाएगा। इसके लिए 22 जिलों में 222 उपार्जन केंद्र अधिसूचित किए जा चुके हैं। किसानों का पंजीयन कृषि विभाग के एकीकृत किसान पोर्टल पर जारी है। जिन किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है, वे नजदीकी सहकारी समिति में संपर्क कर पंजीयन करा सकते हैं।
प्रदेश सरकार का कहना है कि दलहन-तिलहन की समर्थन मूल्य पर खरीदी से किसानों को उचित मूल्य मिलेगा, आय में वृद्धि होगी और फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह पहल छत्तीसगढ़ को दाल और खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ और रबी मिलाकर कुल 1 लाख 22 हजार मीट्रिक टन दलहन-तिलहन उपार्जन का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। इसमें खरीफ के लिए 50 हजार मीट्रिक टन और रबी के लिए 72 हजार मीट्रिक टन शामिल हैं। फिलहाल केंद्र ने खरीफ की फसलों के लिए मंजूरी दी है। इसके तहत अरहर 21,330 मीट्रिक टन, उड़द 25,530 मीट्रिक टन, मूंग 240 मीट्रिक टन, सोयाबीन 4,210 मीट्रिक टन और मूंगफली 4,210 मीट्रिक टन की खरीदी की जाएगी। इस पर कुल 425 करोड़ रुपए व्यय होंगे। साथ ही आवश्यकता होने पर सोयाबीन और मूंगफली के लिए अतिरिक्त स्वीकृति देने का आश्वासन भी दिया गया है।
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भारत सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए अरहर का समर्थन मूल्य 8,000 रुपए प्रति क्विंटल, मूंग 8,768 रुपए, उड़द 7,800 रुपए, मूंगफली 7,800 रुपए और सोयाबीन 5,328 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है।
राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। मार्कफेड के माध्यम से सहकारी समितियों द्वारा उपार्जन किया जाएगा। इसके लिए 22 जिलों में 222 उपार्जन केंद्र अधिसूचित किए जा चुके हैं। किसानों का पंजीयन कृषि विभाग के एकीकृत किसान पोर्टल पर जारी है। जिन किसानों का पंजीयन नहीं हुआ है, वे नजदीकी सहकारी समिति में संपर्क कर पंजीयन करा सकते हैं।
प्रदेश सरकार का कहना है कि दलहन-तिलहन की समर्थन मूल्य पर खरीदी से किसानों को उचित मूल्य मिलेगा, आय में वृद्धि होगी और फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह पहल छत्तीसगढ़ को दाल और खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।