जमीन में दबे हैं कई हथियार?: सरेंडर नक्सली महज 12; तीन एके-47, चार इंसास, एक SLR समेत कई आधुनिक हथियार जब्त
CG Naxalites surrender News: छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्च पर बड़ी कामयाबी मिली है।
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CG Naxalites surrender News: छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्च पर बड़ी कामयाबी मिली है। प्रदेश के खैरागढ़ जिले के बकरकट्टा थाना क्षेत्र के कुम्ही गांव में 12 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इसमें एक करोड़ रुपये के इनामी खूंखार नक्सली रामधेर मज्जी सहित 12 नक्सलियों ने सोमवार की सुबह सरेंडर किया।
सरेंडर नक्सलियों में छह महिलाएं भी शामिल हैं। मज्जी छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र पुलिस के लिए बड़ी चुनौती था। वह एमएमसी जोन में नक्सलियों के केंद्रीय कमेटी मेंबर के रूप में काम कर रहा था। सरेंडर करने वालों में बड़े नक्सली कैडर्स में सीसी मेंबर, डीवीसीएम, एसीएम और अन्य स्तर के बड़े नक्सली शामिल हैं। एके-47 और अन्य हथियारों के साथ इन नक्सलियों ने सरेंडर किया है। माना जा रहा है कि मज्जी के आत्मसमर्पण करने के बाद नक्सलियों का एमएमसी जोन लगभग खत्म हो गया है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक करोड़ के इनामी मज्जी समेत महज 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, लेकिन हथियारों की संख्या ज्यादा है। सिर्फ 12 नक्सलियों के पास से इतने आधुनिक और बड़े हथियार मिलना बड़ा सवाल खड़ा करता है। इन हथियारों में तीन एके 47, चार इंसास और दो थ्री नॉट थ्री, एक अन्य रायफल और इनकी मैगजीन शामिल है।
प्रश्न यह है कि महज 12 नक्सलियों के पास इतनी बड़ी मात्रा में हथियार आये कहां से? करीब 12 से ज्यादा आधुनिक और बड़े हथियारों से लैस हैं यानी इनके पास ऐसे कई हथियार मौजूद हैं। जिसे वो अपने सुरक्षित पहनारगार में बरसात में छिपा रखे थे। बरसात बीतने के बाद अब ठंड के मौसम में निकालकर जवानों से लड़ने के लिये आगे आ रहे हैं। सुरक्षा बलों के लूटे हथियारों से ही फोर्स को चुनौती देने में लगे हैं।
जमीन, सुरंग और गुफा में दबे हैं कई हथियार?
सूत्रों के मुताबिक , नक्सली अपने आधुनिक और बड़े हथियारों को किसी सुरक्षित पहनगार या जमीन या गुफा या सुरंग में गाड़ रखे हैं। जिसे वो बरसात बीतने के बाद अब निकालकर सामने ला रहे हैं। फोर्स की सर्चिग के दौरान कई ऐसे नक्सली सुरंगें भी मिली थीं। माना जा रहा है कि ऐसी कई गुफा हैं जो पुलिस के पहुंच से दूर हैं। इन गुफा या पहाड़ी में नक्सली अपने हथियार छुपा रखे हैं। बता दें कि बीजापुर के 'कर्रेगुट्टा पहाड़ी' जिसे नक्सलयों के राजधानी कही जाती है। इस पड़ाड़ी में भी भी कई गुफा और सुरंगें मिली थीं। नक्सली जवानों के खिलाफ लड़ाई में इसे वो अपनी अंतिम हथियार के रुप में पेश कर चुनौती देने लगे हैं, लेकिन सुरक्षा बल के जवान बरसात के समय से ही इन नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। एक के बाद एक करके कई बड़े नक्सली मारे जा रहे हैं। माओवादी संगठन कमजोर पड़ता देख बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर करने में ही भलाई समझ रहे हैं।

इन हथियारों के साथ नक्सलियों ने किया सरेंडर
- रामधेर मज्जी- सीसीएम- एके-47
- चंदू उसेंडी - डीवीसीएम - 30 कार्बन
- ललिता - डीवीसीएम
- जानकी - डीवीसीएम - इंसास राइफल
- प्रेम -डीवीसीएम- एके-47
- रामसिंह दादा- एसीएम - 303
- सुकेश पोट्टम -एसीएम - एके-47
- लक्ष्मी- पीएम - इंसास
- शीला - पीएम - इंसास
- सागर -पीएम - एसएलआर
- कविता - पीएम - 303
- योगिता -पीएम- कुछ नहीं