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CG: छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 'रक्षक पाठ्यक्रम' के लिए छह विश्वविद्यालयों के साथ किया एमओयू

अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर Published by: अमन कोशले Updated Wed, 10 Dec 2025 03:24 PM IST
सार

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों के बीच 'रक्षक पाठ्यक्रम' के लिए एमओयू हुआ।

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Chhattisgarh State Child Rights Protection Commission signs MoU with six universities for 'Rakshak Course'
'रक्षक पाठ्यक्रम' के लिए छह विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू - फोटो : अमर उजाला
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों के बीच 'रक्षक पाठ्यक्रम' के लिए एमओयू हुआ। बाल अधिकार एवं संरक्षण पर आधारित यह देश का पहला शैक्षणिक पाठ्यक्रम है, जो युवाओं को बाल संरक्षण की व्यापक समझ और विशेषज्ञता प्रदान करेगा।
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि रक्षक पाठ्यक्रम छात्रों के सुरक्षित और जिम्मेदार भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम युवाओं को रोजगार के अवसर देने के साथ-साथ बाल संरक्षण के क्षेत्र में प्रशिक्षित, जागरूक और संवेदनशील मानव संसाधन तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि बच्चे कई बार भ्रमित होकर गलत दिशा में चले जाते हैं, ऐसे में उन्हें सही मार्ग पर लाना समाज का सामूहिक दायित्व है।
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एक वर्षीय स्नातकोत्तर 'पीजी डिप्लोमा इन चाइल्ड राइट्स एंड प्रोटेक्शन' पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर, आंजनेय विश्वविद्यालय रायपुर, एमिटी विश्वविद्यालय रायपुर और श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई-दुर्ग विश्वविद्यालयों में प्रारम्भ होगा।

क्या है रक्षक पाठ्यक्रम
अब तक प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में ऐसा पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं था जो युवाओं को बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आयोग ने “रक्षक – बाल अधिकार संरक्षण पर एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम” विकसित किया है। यह पाठ्यक्रम युवाओं को विधिक और सैद्धांतिक ज्ञान, विभागीय योजनाओं, संस्थागत प्रक्रियाओं, बाल संरक्षण इकाइयों, प्रायोगिक कार्यप्रणालियों और वास्तविक स्थितियों की गहन समझ प्रदान करेगा। विशेष बात यह है कि पाठ्यक्रम के संचालन, प्रशिक्षण, परामर्श और मार्गदर्शन की संपूर्ण सुविधा आयोग द्वारा विश्वविद्यालयों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से कुलसचिव प्रो. शैलेंद्र पटेल और प्रो. ए. के. श्रीवास्तव, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा के कुलपति प्रो. राजेंद्र लाकपाले एवं कुलसचिव शारदा प्रसाद त्रिपाठी, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति एवं रायपुर संभाग आयुक्त महादेव कावरे और कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा, आंजनेय विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. टी. रामाराव और कुलसचिव डॉ. रूपाली चौधरी, एमिटी विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. पीयूष कांत पाण्डेय और कुलसचिव डॉ. सुरेश ध्यानी, श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई-दुर्ग के चांसलर डॉ. आई. पी. मिश्रा, कुलपति डॉ. ए. के. झा एवं डॉ. जया मिश्रा, आयोग के सचिव प्रतीक खरे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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