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CG News: आरक्षक भर्ती विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला, चार उम्मीदवार रहेंगे प्रक्रिया में शामिल, याचिका खारिज
अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर
Published by: अमन कोशले
Updated Thu, 11 Sep 2025 02:55 PM IST
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सार
भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर आठ याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जनहित याचिका दाखिल की। जिस पर मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश विभू दत्त गुरु खंडपीठ में सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।

आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी के आरोप पर हाईकोर्ट सख्त, जनहित याचिका खारिज
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
उच्च न्यायालय में जिला पुलिस बल आरक्षक संवर्ग चयन परीक्षा 2023-24 की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर आठ याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जनहित याचिका दाखिल की। जिस पर मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश विभू दत्त गुरु खंडपीठ में सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
याचिकाकर्ता के वकील बी पी सिंह ने न्यायालय को बताया कि इस मामले में बड़ी गड़बड़ी की गई है, जिन उम्मीदवारों पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे और जांच की गई थी उन्हें फिर से प्रक्रिया में शामिल किया गया है। इसके अलावा कंपनी इसमें शामिल थी। अभी वह काम कर रही है। महाधिवक्ता ने शासन का पक्ष रखते हुए बताया कि भर्ती की प्रक्रिया के शुरुआत में राजनांदगांव में गड़बड़ी सामने आई थी इसके बाद प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी और स्वत: संज्ञान लेकर जांच कराई गई। फिर राजनांदगांव सहित 9 जिलों में गड़बड़ी की जांच की गई जिसमें 5 जगह पर योग्य उम्मीदवार मिले। वहीं बचे चार जगह जिसमें राजनांदगांव शामिल था उसमें जांच कर फिर कार्रवाई की गई और कुछ अधिकारियों पर विभागीय जांच भी कराई गई है।
सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष बताया गया कि याचिकाकर्ता के रूप में आठ उम्मीदवार में से 4 उम्मीदवार फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए 14 सितंबर 2025 को परीक्षा देंगे। जिस पर न्यायालय ने कहा चूँकि आठ में से चार उम्मीदवारों को 14-09-2025 को आयोजित होने वाले शारीरिक प्रशिक्षण में शामिल होना है और अन्य याचिकाकर्ता जिनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया है, उन्हें उचित मंच के समक्ष उम्मीदवारों की अंतिम नियुक्ति को चुनौती देने का अधिकार है।

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याचिकाकर्ता के वकील बी पी सिंह ने न्यायालय को बताया कि इस मामले में बड़ी गड़बड़ी की गई है, जिन उम्मीदवारों पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे और जांच की गई थी उन्हें फिर से प्रक्रिया में शामिल किया गया है। इसके अलावा कंपनी इसमें शामिल थी। अभी वह काम कर रही है। महाधिवक्ता ने शासन का पक्ष रखते हुए बताया कि भर्ती की प्रक्रिया के शुरुआत में राजनांदगांव में गड़बड़ी सामने आई थी इसके बाद प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी और स्वत: संज्ञान लेकर जांच कराई गई। फिर राजनांदगांव सहित 9 जिलों में गड़बड़ी की जांच की गई जिसमें 5 जगह पर योग्य उम्मीदवार मिले। वहीं बचे चार जगह जिसमें राजनांदगांव शामिल था उसमें जांच कर फिर कार्रवाई की गई और कुछ अधिकारियों पर विभागीय जांच भी कराई गई है।
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सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष बताया गया कि याचिकाकर्ता के रूप में आठ उम्मीदवार में से 4 उम्मीदवार फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए 14 सितंबर 2025 को परीक्षा देंगे। जिस पर न्यायालय ने कहा चूँकि आठ में से चार उम्मीदवारों को 14-09-2025 को आयोजित होने वाले शारीरिक प्रशिक्षण में शामिल होना है और अन्य याचिकाकर्ता जिनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया है, उन्हें उचित मंच के समक्ष उम्मीदवारों की अंतिम नियुक्ति को चुनौती देने का अधिकार है।