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भारत-पाक सीजफायर पर सियासत: पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार को घेरा, किये तीखे सवाल
अमर उजाला ब्यूरो, रायपुर
Published by: ललित कुमार सिंह
Updated Mon, 12 May 2025 02:49 PM IST
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सार
Politics on Indo-Pak ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने पर छत्तीसगढ़ की सियासत गरमाई हुई है। प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने मामले में केंद्र सरकार को घेरा है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने नई दिल्ली में प्रेसवार्ता ली।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार
Politics on Indo-Pak ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने पर छत्तीसगढ़ की सियासत गरमाई हुई है। प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने मामले में केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने नई दिल्ली में प्रेसवार्ता लेकर केंद्र सरकार से तीखे सवाल किये हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर के एलान के साथ ही पहलगाम हमले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। जब भी संकट आया कांग्रेस ने राजनीति की बजाय देशहित को आगे रखा। वर्ष 1971 में अमेरिका के दबाव के बाद भी इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े करवाये। आतंकवाद से लड़ाई में राजनीति नहीं राष्ट्रवाद होना चाहिये। ऐसे समय में दुश्मन के सामने कमजोरी नहीं ताकत दिखाएं। सरकार बताए कि क्या अमेरिका के दबाव में हममें अपनी नीति बदल दी? इस मामले को लेकर कांग्रेस ने अपने तमाम कार्यक्रम रद्द किए संकट के समय जब पूरा देश एकजुट था तब सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता राजनीतिक बयानबाजी कर रहे थे।
पूर्व सीएम ने सवाल करते हुए कहा कि क्या हम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? क्या हमने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार कर लिया है? इस सीजफायर की शर्ते क्या हैं? क्या अब शिमल समझौता अब रद्द हो गया है? पहगाम हमले को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार के साथ खड़ी रही, लेकिन हम पारदर्शिता की मांग करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से सीज फायर का ऐलान क्या कूटनीतिक नाकामी नहीं है? हम आतंक के खिलाफ लड़ रहे थे, बीच में कश्मीर का मुद्दा आ गया! संसद का विशेष सत्र बुलाकर बताया जाए कि संघर्ष विराम की शर्तें क्या हैं? सर्वदलीय बैठक बुलाकर शंकाओं का समाधान किया जाए।
भूपेश बघेल ने सीजफायर के साथ-साथ पहलगाम आतंकी हमले पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी प्रवक्ता का ये कहना कि बदला ले लिया गया है, ऐसे में कई सवाल खड़े होते है। पहलगाम के चारों आतंकियों का क्या हुआ? वो आतंकी मारे गये या नहीं? पकड़े गये या नहीं? सरकार इस मामले को स्पष्ट करें। सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी किसकी है? क्या गृहमंत्री इस्तीफा दे रहे हैं?
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। जब भी संकट आया कांग्रेस ने राजनीति की बजाय देशहित को आगे रखा। वर्ष 1971 में अमेरिका के दबाव के बाद भी इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े करवाये। आतंकवाद से लड़ाई में राजनीति नहीं राष्ट्रवाद होना चाहिये। ऐसे समय में दुश्मन के सामने कमजोरी नहीं ताकत दिखाएं। सरकार बताए कि क्या अमेरिका के दबाव में हममें अपनी नीति बदल दी? इस मामले को लेकर कांग्रेस ने अपने तमाम कार्यक्रम रद्द किए संकट के समय जब पूरा देश एकजुट था तब सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता राजनीतिक बयानबाजी कर रहे थे।
पूर्व सीएम ने सवाल करते हुए कहा कि क्या हम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? क्या हमने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार कर लिया है? इस सीजफायर की शर्ते क्या हैं? क्या अब शिमल समझौता अब रद्द हो गया है? पहगाम हमले को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार के साथ खड़ी रही, लेकिन हम पारदर्शिता की मांग करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से सीज फायर का ऐलान क्या कूटनीतिक नाकामी नहीं है? हम आतंक के खिलाफ लड़ रहे थे, बीच में कश्मीर का मुद्दा आ गया! संसद का विशेष सत्र बुलाकर बताया जाए कि संघर्ष विराम की शर्तें क्या हैं? सर्वदलीय बैठक बुलाकर शंकाओं का समाधान किया जाए।
भूपेश बघेल ने सीजफायर के साथ-साथ पहलगाम आतंकी हमले पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी प्रवक्ता का ये कहना कि बदला ले लिया गया है, ऐसे में कई सवाल खड़े होते है। पहलगाम के चारों आतंकियों का क्या हुआ? वो आतंकी मारे गये या नहीं? पकड़े गये या नहीं? सरकार इस मामले को स्पष्ट करें। सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी किसकी है? क्या गृहमंत्री इस्तीफा दे रहे हैं?