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Indian Army DGMO Briefing: वायुसेना ने कहा- हमारी वायु रक्षा प्रणाली देश के लिए दीवार की तरह खड़ी थी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली। Published by: ज्योति भास्कर Updated Mon, 12 May 2025 02:38 PM IST
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सार

Indian Army DGMO Briefing: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ सीजफायर समझौता लागू के बाद दोनों देशों की सीमाओं पर हालात कैसे हैं? सीजफायर के बाद फिलहाल पाकिस्तान का रुख कैसा है? सैनिकों को क्या दिशा-निर्देश दिए गए हैं? आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ है? ऐसे तमाम सवालों पर भारतीय सेना के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने विस्तार से जानकारी दी। जानिए सैन्य अधिकारियों ने क्या अपडेट्स साझा किए

Indian Army DGMO Briefing India PAK Ceasefire Rajiv Ghai IAF AK Bharti Navy AN Pramod
एके भारती, डीजीएओ - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज भारतीय सेना के तीनों विंग के महानिदेशक स्तर के अधिकारियों ने लगातार दूसरे दिन प्रेस वार्ता की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ब्रीफिंग की शुरुआत करते हुए एयरमार्शल एके भारती ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देना जारी रखा, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की लड़ाई केवल आतंकवादियों के खिलाफ है।
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आतंकियों के खिलाफ थी भारतीय सेना की कार्रवाई
एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि रविवार को हमने विस्तार से बताया था कि भारत ने किस तरह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कार्रवाई की थी। हमने स्पष्ट किया था कि हमने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था, पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों को नहीं। हालांकि, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ थी। 7 मई को हमने आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया था, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवाद का साथ देने का फैसला किया। उनका जो भी नुकसान हुआ, इसके लिए वे खुद जिम्मेदार हैं। हमारी तरफ से एयर डिफेंस सिस्टम देश के लिए दीवार की तरह खड़ा था। इसे भेदना दुश्मन के लिए नामुमकिन था।
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पाकिस्तान की पीएल-15 मिसाइल, चीनी ड्रोन्स किए गए ढेर
इस दौरान एके भारती ने बताया कि, हमारे पुराने हथियारों ने भी युद्ध में कमाल का काम किया और पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। आकाश सिस्टम से हमने पाकिस्तान द्वारा भेजे गए ड्रोन्स को तबाह किया। एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि हमने पाकिस्तान की पीएल-15 मिसाइल और चीनी ड्रोन्स को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। लेजर गन से पाकिस्तानी ड्रोन्स को निशाना बनाया गया।

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डीजीएमओ राजीव घई - फोटो : अमर उजाला
'एयर डिफेंस ग्रिड के सामने पाकिस्तान के हमले असफल'
वहीं डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि 'जब जब पाकिस्तान ने हमारे एयर फील्ड में लगातार हमले किए, वो हमारे मजबूत एयर डिफेंस ग्रिड के सामने असफल हो गए। हमारा एयर डिफेंस इतना मजबूत था कि पाकिस्तान के पास कोई मौका नहीं था। जो दुर्दशा कल आपने पाकिस्तानी एयरफील्ड की देखी। वहीं हमारी सभी एयरफील्ड सही हैं। हम अपनी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की भी तारीफ करना चाहता हूं। इन्होंने बहुत बहादुरी से हमारा साथ दिया। उनके काउंटर अलार्म सिस्टम भी हमारे एयर डिफेंस सिस्टम का हिस्सा थे, जिन्होंने पाकिस्तान के नापाक इरादों का विनाश किया।'

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लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, डीजीएमओ - फोटो : अमर उजाला
'पहलगाम तक उनके पाप का घड़ा भर चुका था'
इस दौरान डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर की एयर डिफेंस कार्रवाई को हमें एक संदर्भ में समझने की जरूरत है। पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों के कैरेक्टर में बदलाव आ रहा था, अब हमारी सेना के साथ-साथ निर्दोष लोगों पर भी हमला हो रहा था। 2024 में शिवखोड़ी मंदिर की ओर जाने वाले तीर्थयात्री और इस साल अप्रैल में पहलगाम में मासूम पर्यटक। पहलगाम तक उनके पाप का घड़ा भर चुका था... क्योंकि आतंकियों पर हमारे सटीक हमले LOC और IB को पार किए बना किए गए थे, हमें पूरा अंदेशा था कि पाकिस्तान का हमला भी सीमा पार से ही होगा, इसलिए हमने एयर डिफेंस की तैयारी की थी... जब 9-10 मई को पाकिस्तान की वायुसेना ने हमारे एयर फील्ड और लॉजिस्टिक इंस्टॉलेशन पर हमला किया, तो वे इस मजबूत एयर डिफेंस ग्रिड के सामने विफल हुए'।

'हमारे एयरफील्ड हर प्रकार से ऑपरेशनल है'
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि, 'जो दुर्दशा आपने पहले और कल पाकिस्तान एयरफील्ड की देखी और एयर मार्शल की प्रस्तुति आज देखी। हमारे एयरफील्ड हर प्रकार से ऑपरेशनल है। पाकिस्तान के ड्रोन हमारे ग्रिड के कारण नष्ट हुई....मैं यहां पर अपने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की सहराना करता हूं...जिसके कारण पाकिस्तान की नापाक हरकतों का विनाश किया गया।'

इसके बाद तीनों सेनाओं के डीजी ऑपरेशन ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब दिए।
  • सवाल- प्रेस कॉन्फ्रेंस से जो पहले वीडियो दिखाया गया, उसमें कल शिव ताडंव और आज राष्ट्रकवि रामधारी दिनकर की कविता 'कृष्ण की चेतावनी' की कुछ पंक्ति दिखाई गई है। इससे किस तरह का संदेश दिया जा रहा है?
  • जवाब- इसके जवाब में डीजीएओ एयर मार्शल एके भारती ने रामचरित मानस की चौपाई कही- विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति। तो समझदार के लिए इशारा ही काफी है। और जहां तक तुर्किये के ड्रोन का सवाल है या आपने देखा उसके क्या हाल हुए है। चाहे तुर्किये के ड्रोन्स हो या और कहीं के ड्रोन्स हो, हमारा काउंटर यूए सिस्टम, हमारे प्रशिक्षित एयर डिफेंस ऑपरेटर पूरी तरह सक्षम हैं और हमारे देश के पास काउंटर यूए सिस्टम की स्वदेशी क्षमता है, इसने दिखाया है कि चाहे किसी भी तरह की तकनीक आए, हम उसका मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। इसके बारे में मुझे ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है। आपने खुद ही अपने आखों से देख लिया है हमने इनका क्या हश्र किया है। 
 
  • सवाल- कल डीजीआईएसपीआर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जबकि आप लगातार सैटेलाइट इमेज के जरिए सबूत दे रहे हैं। जिसमें एयर स्ट्राइक से होने वाले नुकसान के सबूत भी दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ से कोई भी सबूत नहीं आ रहा है, आप क्या मानते हैं क्या वो लोग अपने लोगों को धोखा दे रहे हैं या वे कोई अलग प्रोपेगैंडा फैला रहे हैं?
  • जवाब- वो क्या कर रहे हैं, क्यों कर रहे हैं। वहां से सूचनाएं क्यों नहीं आ रही है। ये सब पहले से ही अपेक्षित था। वे अपने लोगों को गुमराह करने के लिए कुछ भी करेंगे। और नुकसान की सूचना को कम करने का प्रयास करेंगे। मैं आपको एक चीज साफ बताना चाहूंगा जो मैंने कल भी बताया था। हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ हैं, हमारी लड़ाई पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान के लोगों के साथ नहीं है। हम अपने उद्देश्य को लेकर एकदम स्पष्ट हैं। वहीं दूसरी तरफ से मीडिया क्या चला रही है और क्या प्रोपेगैंडा फैलाया जा रहा है और क्या कहानी बता रहे हैं। इसका जबाव देना हमारा काम नहीं है। हमने अपना काम किया, जो हमें करना था, जो हमसे उम्मीद की जा रही थी।
 
  • सवाल- पाकिस्तान ने कल जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी उसमें एक शब्द का इस्तेमाल किया गया था 'दिस इज न्यू ऑर्ट ऑफ वॉर', तो हमने देखा कि आसमान में दोनों देशों की एयरफोर्स के एयरक्रॉफ्ट थे। 26 मई के बाद इस संघर्ष में ड्रोन का रोल ज्यादा देखने को मिला है। इस संघर्ष में एयरक्राफ्ट की संख्या और ड्रोन के रोल पर थोड़ा और जानकारी दें।
  • जवाब- जैसा कि मैंने कल कहा था, इस लड़ाई की जानकारी अभी हम साझा नहीं कर सकते हैं। क्योंकि इसमें काफी कुछ ऑपरेशनल जानकारी होगी। इस वजह से हम इस पर ज्यादा जानकारी नहीं दे पाएंगे। हां, यह एक दूसरे तरह का वॉरफेयर था और होना तय था। हम लोग पिछली लड़ाई, अगली कभी भी जो लड़ाई होगी, भगवान करे न हो, लेकिन अगर हुई तो यह पिछली लड़ाई की तरह नहीं होगी। हर एक लड़ाई जो है अलग तरीके से लड़ी जाती है और टेक्नोलॉजी एडवांस हो रही है, हम भी इसके हिस्सा है। ये एक बिल्ली-चूहे का गेम है और आपको हमेशा अपने दुश्मन को मात देने के लिए आगे रहना होगा। यही होने वाला है, यह पूरी तरह से अलग लड़ाई थी, इसमें कुछ नई चीजें देखने को मिली और हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार, प्रशिक्षित और इससे लड़ने के लिए पूरी तरह सज्ज थे। 
 
  • सवाल- सोशल मीडिया पर खबरें सामने आ रही है कि हमने किराना हिल्स को निशाना बनाया है, जो एक न्यूक्लियर स्टोरेज फैसिलिटी है। क्या है इसमें सत्यता है कि हमने किनारा हिल्स को निशाना बनाया है या हम इस तरह की खबरों से अलर्ट रहें?
  • जवाब- शुक्रिया, हमें ये बताने के लिए कि, किराना हिल्स हाउसेस में कोई न्यूक्लियर फैसिलिटी है, ये इसके बारे में हम नहीं जानते थे। हमने किराना हिल्स को निशाना नहीं बनाया है, वहां जो कुछ भी है। मैंने इसके बारे में कुछ भी नहीं कल कुछ भी नहीं ब्रीफ किया था।
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