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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का छत्तीसगढ़ दौरा कल : अंबिकापुर में जनजातीय गौरव दिवस समारोह में होंगी शामिल

अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर/ अम्बिकापुर Published by: अमन कोशले Updated Wed, 19 Nov 2025 06:06 PM IST
सार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ प्रवास प्रस्तावित है। इस दौरान वे अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस के मुख्य कार्यक्रम में शामिल होंगी।

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President Draupadi Murmu will visit Chhattisgarh on November 20: participate in Tribal Pride Day
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दौरा कल - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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73 वर्ष बाद सरगुजा में पहली महिला जनजातीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का 20 नवंबर को आगमन होगा। द्रौपदी मुर्मू पहली महिला राष्ट्रपति है जो सरगुजा जिला के अंबिकापुर आएंगी। इसके पूर्व 1952 में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद पंडों जनजाति की दशा का प्रत्यक्ष अध्ययन करने पहुंचे थे सरगुजा के पंडों नगर पहुंचे थे। उनकी इस यात्रा की स्मृति में आज भी सरगुजा में देश का एकमात्र ग्रामीण राष्ट्रपति भवन स्मारक मौजूद है।73 वर्ष बाद, सरगुजा एक बार फिर वही गौरवशाली क्षण जीने जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अंबिकापुर आगमन को लेकर  उमंग और गर्व का वातावरण निर्मित है।जनजातीय समुदाय इस अवसर को अपने इतिहास और सम्मान से जुड़े नए अध्याय के रूप में देख रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि 1952 ने सरगुजा को राष्ट्रीय पहचान दी थी, और 2025 यह गौरव पुनः स्थापित करेगा।

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भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयंती के अवसर पर 20 नवंबर 2025 को सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह 2025 का भव्य आयोजन होगा। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंचेंगी।भारत की प्रथम जनजातीय महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सरगुजा प्रवास को लेकर तैयारी लगभग पूर्ण हो गई है।उनके स्वागत की तैयारियों से अंबिकापुर और सरगुजा में उत्साह का वातावरण है।

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1952 में सरगुजा आए थे  डॉ राजेंद्र प्रसाद 
1952 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद सरगुजा प्रवास पर आए हुए थे।सरगुजा में आदिवासियों के बीच  राजेंद्र गए और आदिवासियों की पंडो और कोरवा जनजातियों को राष्ट्रपति ने गोद लिया। सरगुजा से ही राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र की घोषणा 22 नवंबर 1952 को  हुई थी। राष्ट्रपति ने सबसे पहले बसंत पंडो उम्र 8 वर्ष को गोद लिया था,आज बसंत की उम्र 80 साल की हो चुकी है. बसंत पंडो ने बताया कि  तब राष्ट्रपति ने उनको गोद लेकर उनका नामकरण खुद किया था।बसंत पंडो को गोद लिए जाने के बाद पंडो जनजाति के लोगों को राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने का दर्जा मिला। पंडो जनजाति के लोगों को बसाने कि लिए बकायदा 13 कालोनियां बसाई गई,इन कालोनियों में पंडो जनजाति के लोग रहने लगे।देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के बाद दूसरी बार राष्ट्रपति का सरगुजा दौरा होने जा रहा है। 80 बसंत पंडो के साथ पूरा पंडो समाज इसको लेकर काफी खुश है. पंडो समाज के लोग चाहते हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उनकी मुलाकात कराई जाए. पंडो समाज ने प्रशासन से निवेदन भी किया है की उनकी मुलाक़ात राष्ट्रपति से कराई जाए।


सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पहुंची एसपीजी की टीम- 
अंबिकापुर में 20 नवंबर को आयोजित होने वाला जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी।राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जिले में सुरक्षा से लेकर मंच तक हर स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं।सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंगलवार को एसपीजी की टीम पहुंची और पूरे शहर का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जिला प्रशासन पूरी तत्परता के साथ तैयारियों में जुटा है। तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे अपर कलेक्टर सुनील कुमार नायक ने बताया कि गांधी स्टेडियम में हेलीपैड का निर्माण पूरा कर लिया गया है। हेलीपैड से लेकर पीजी कॉलेज ग्राउंड तक सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और अन्य सभी व्यवस्था किया जा रहा है गांधी स्टेडियम में हेलीपैड बनाया गया है और पीजी कॉलेज ग्राउंड में मुख्य कार्यक्रम की व्यवस्था की जा रही है।पीजी कॉलेज ग्राउंड में होने वाले मुख्य समारोह में जनजातीय नृत्य महोत्सव में विजयी दलों को राष्ट्रपति सम्मानित करेंगी। साथ ही राज्य सरकार की नई महत्वपूर्ण योजनाए मुख्यमंत्री अखरा विकास योजना और मुख्यमंत्री गुनिया बैगा सम्मान निधि का शुभारंभ भी राष्ट्रपति के हाथों होना है।इन योजनाओं से जनजातीय समुदाय की संस्कृति, परंपरा और भाईचारे को नई पहचान मिलेंगी कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति के साथ गवर्नर, मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, सांसद, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहेंगे।जिले में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं और पूरे शहर में तैयारियों का दौर तेज़ है।

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