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CG: पंडो जनजाति क्यों कहे जाते हैं 'राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र'? बसंत ने राष्ट्रपति मुर्मू को सुनाई वो कहानी...
अमर उजाला ब्यूरो, रायपुर
Published by: ललित कुमार सिंह
Updated Thu, 20 Nov 2025 07:21 PM IST
सार
CG News: President Draupadi Murmu; राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में जनजातीय समाज प्रमुखों से मिलीं ।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जनजातीय समाज प्रमुखों का किया सम्मान
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
CG News: President Draupadi Murmu; राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में जनजातीय समाज प्रमुखों से मिलीं । इस दौरान 'राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र' कहे जाने वाले पंडो जनजाति के लोगों से मिलकर उनका कुशलक्षेम पूछा। बसंत पंडो से मिलकर उनका हाल-चाल पूछा। उन्हें शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान बसंत ने राष्ट्रपति को 'राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र' कहे जाने का पूरा वाकया बताया।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जनजातीय समाज प्रमुखों का किया सम्मान
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू को बताया कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद जब वर्ष 1952 में अंबिकापुर आए थे, तब वे आठ वर्ष के थे। राष्ट्रपति ने उन्हें गोद लिया और उनका नामकरण किया था। बसंत पंडो को गोद लेने के बाद पंडो जनजाति को 'राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र' कहलाने का दर्जा प्राप्त हुआ। इस पर राष्ट्रपति मुर्मू ने भी बसन्त पंडो को कहा कि आप मेरे भी पुत्र की तरह हैं।
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शहीद गुंडाधूर को नमन करतीं राष्ट्रपति मुर्मू
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
राष्ट्रपति ने जनजातीय समाज प्रमुखों, पीवीटीजी समुदाय के समाज प्रमुखों, जनजातीय समाज के उत्थान में विशेष योगदान देने वालों, जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम में सेनानियों के परिजनों से मुलाकात की। सभी के साथ समूह फोटो खिंचवाई। राष्ट्रपति मुर्मु ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले जनजातीय जननायकों एवं सेनानियों के परिजनों का सम्मान किया। राष्ट्रपति ने सोनाखान क्रांति के जननायक शहीद वीर नारायण सिंह एवं शहीद वीर नारायण सिंह के सेनापति, परलकोट क्रांति के जननायक शहीद गेंदसिंह, झण्डा सत्याग्रह के जननायक सुकदेव पातर, भूमकाल क्रांति के जननायक श् बन्टु धुरवा, जंगल सत्याग्रह के जननायक शहीद रामधीन गोड़, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजनाथ भगत एवं माझी राम गोंड़ के परिजनों से भेंट की।
जनजातीय समाज के लोगों का अभिवादन करतीं राष्ट्रपति मुर्मू
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
इन जनजातीय समाज प्रमुखों से मुलाकात
राष्ट्रपति ने बिरहोर जनजाति के राजेश बिरहोर, अबुझमाड़िया जनजाति के रामजी ध्रुव, बैगा जनजाति के एतवारी राम मछिया एवं पहाड़ी कोरवा जनजाति के जोगीराम से सौजन्य भेंट की और हाल-चाल पूछा। राष्ट्रपति ने इसी तरह उरांव जनजाति के मंगल उरांव, नगेशिया जनजाति के धनराम नागेश, खैरवार जनजाति के वीर सिंह खैरवार, कंवर जनजाति केसंजय सिंह, नागवंशी जनजाति के लक्कू राम नागवंशी, मुरिया जनजाति के धनीराम शोरी, गोंड़ जनजाति केमोहन सिंह, पंण्डो जनजाति केविनोद कुमार पंण्डो एवं चेरवा जनजाति के डीएन चेरवा से भी भेंट की।
राष्ट्रपति ने बिरहोर जनजाति के राजेश बिरहोर, अबुझमाड़िया जनजाति के रामजी ध्रुव, बैगा जनजाति के एतवारी राम मछिया एवं पहाड़ी कोरवा जनजाति के जोगीराम से सौजन्य भेंट की और हाल-चाल पूछा। राष्ट्रपति ने इसी तरह उरांव जनजाति के मंगल उरांव, नगेशिया जनजाति के धनराम नागेश, खैरवार जनजाति के वीर सिंह खैरवार, कंवर जनजाति केसंजय सिंह, नागवंशी जनजाति के लक्कू राम नागवंशी, मुरिया जनजाति के धनीराम शोरी, गोंड़ जनजाति केमोहन सिंह, पंण्डो जनजाति केविनोद कुमार पंण्डो एवं चेरवा जनजाति के डीएन चेरवा से भी भेंट की।
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मुख्यमंत्री जनजातीय ग्राम अखरा विकास योजना का शुभारंभ
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
मुख्यमंत्री जनजातीय ग्राम अखरा विकास योजना का शुभारंभ
सीएम साय ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मुख्यमंत्री जनजातीय ग्राम अखरा विकास योजना का शुभारंभ कर जनजातीय समाज के गौरव, स्वाभिमान और सांस्कृतिक पहचान को समृद्ध करने के सुशासन सरकार के संकल्प को मजबूत किया। यह योजना जनजातीय समाज के उस सांस्कृतिक विरासत को संवारने का संकल्प है, जिसे "अखरा" जैसे पवित्र स्थल पीढ़ियों से संजोकर रखते आए हैं। जनजाति बहुल ग्रामों में अखरा का विकास यहां की आस्था, परंपरा और पहचान की गरिमा को संरक्षित करने का प्रयास है। सुशासन सरकार जनजातीय संस्कृति, आस्था, विरासत और स्वाभिमान को संरक्षित व संवर्धित करने के लिए संकल्पित है।
सीएम साय ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मुख्यमंत्री जनजातीय ग्राम अखरा विकास योजना का शुभारंभ कर जनजातीय समाज के गौरव, स्वाभिमान और सांस्कृतिक पहचान को समृद्ध करने के सुशासन सरकार के संकल्प को मजबूत किया। यह योजना जनजातीय समाज के उस सांस्कृतिक विरासत को संवारने का संकल्प है, जिसे "अखरा" जैसे पवित्र स्थल पीढ़ियों से संजोकर रखते आए हैं। जनजाति बहुल ग्रामों में अखरा का विकास यहां की आस्था, परंपरा और पहचान की गरिमा को संरक्षित करने का प्रयास है। सुशासन सरकार जनजातीय संस्कृति, आस्था, विरासत और स्वाभिमान को संरक्षित व संवर्धित करने के लिए संकल्पित है।