रायगढ़: कार बेचने के नाम पर 1 लाख 50 हजार रूपये लिए, पैसे लेने के बाद मुकरा, पीड़ित ने पुलिस से लगाई गुहार
रायगढ़ जिले में पुराना स्कार्पियो बेचने के नाम पर 1 लाख 50 हजार रूपये लेने के बावजूद वाहन नही देने का मामला सामने आया है। प्रार्थी की शिकायत के बाद पुलिस अपराध दर्ज कर मामले को जांच में ले लिया है।
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रायगढ़ जिले में पुराना स्कार्पियो बेचने के नाम पर 1 लाख 50 हजार रूपये लेने के बावजूद वाहन नही देने का मामला सामने आया है। प्रार्थी की शिकायत के बाद पुलिस अपराध दर्ज कर मामले को जांच में ले लिया है। मामला लैलूंगा थाना क्षेत्र का है। शंकर डेल्की 21 साल निवासी गेरूपानी ने लैलूंगा थाने में रिपोर्ट लिखाते हुए बताया कि वह ड्रायवरी का काम करता है। प्रार्थी ने बताया कि 05 जनवरी को वह धरमजयगढ के पीपरमार जाकर पुस्तम पैंकरा के जेसीबी गाडी को चला रहा था इसी दौरान त्रिनाथ यादव उर्फ सोनू से उसकी मुलाकात हुई और उसने कहा कि उसे अपना स्कार्पियो क्रमांक सीजी 13 4061 को 1 लाख 50 हजार में बेचना है। जिसके बाद प्रार्थी उसे लेने को तैयार हो गया। प्रार्थी ने बताया कि 14 फरवरी को त्रिनाथ यादव उर्फ सोनू यादव ने पटेल मोबाईल धरमजयगढ के मोबाईल फोन में 05 हजार डालने को कहा इस दौरान उसने अपने दोस्त निर्मल कुमार सिदार के मोबाईल नंबर से फोन के माध्यम से 5 हजार रूपये फोन प कर दिया। जिसके बाद 15 फरवरी को त्रिनाथ यादव ने मनीष गुप्ता के मोबाईल फोन नंबर पर 5 हजार रूपये डालने को कहा, जिसके बाद उसने रकम डाला।
प्रार्थी ने बताया कि 10 मार्च को उसे श्यामप्रसाद गुप्ता के पास लेकर गया और श्याम प्रसाद गुप्ता के क्यूआर कोड में फोन प करने बोला गया। इस दौरान क्यूआर कोड में 20 हजार रूपये डाला गया। इसके बाद 11 मार्च को त्रिनाथ यादव ने श्याम प्रसाद गुप्ता के भारतीय स्टेट बैंक खाता नंबर का फोटो भेजकर खता में पैसा डालने को कहा गया। तब प्रार्थी ने उक्त एकाउंट नंबर में 80 हजार रूपये डाल दिया गया। 14 मार्च को त्रिनाथ यादव ने अपने स्कार्पियो वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का फोटो कॉपी दिया गया। इसके बाद त्रिनाथ यादव ने प्रार्थी को श्याम प्रसाद गुप्ता के पास लेकर पहुंचा और वहां भी क्यू आर कोड में 40 हजार रूपये डालने को कहा गया, इस तरह कुल 1 लाख 50 हजार रूपये त्रिनाथ यादव को दिया गया। जिसके बाद उसने वाहन एवं चाबी प्रार्थी को दिया गया था।
चाबी और गाड़ी लेकर चला गया
प्रार्थी ने बताया कि 13 जून को उक्त स्कापिर्यो वाहन को ग्राम शिवपुर से चेचिया बारात जाने के लिये किराये पर उसका बड़ा भाई त्रिनाथ डेल्की लेकर गया था, इस दौरान प्रार्थी के बड़े भाई ने उसे फोन करके बताया कि त्रिनाथ यादव चेचिया पहुंचकर स्कापिर्यो वाहन को मेरा गाड़ी कहकर चाबी और गाड़ी को लेकर चला गया। गाड़ी नही देने की स्थिति में पैसा वापस मांगने पर त्रिनाथ ने उससे कहा कि ना गाड़ी दूंगा और ना ही पैसा वापस करूंगा, तुमको जो करना है कर लो कहते हुए झगड़ा विवाद करने लगा। तब प्रार्थी वापस अपने गांव लौट आया।