SMVDIMA College Controversy: 42 मुस्लिम छात्रों के प्रवेश पर बवाल, संघर्ष समिति सड़कों पर उतरने को तैयार
श्री माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में 50 में से 42 सीटें मुस्लिम छात्रों को दिए जाने के विरोध में हिंदू संगठनों ने जिले-जिले में कोर ग्रुप बनाकर बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। संघर्ष समिति, विहिप और अन्य संगठनों ने श्राइन बोर्ड पर आस्था से जुड़े संस्थानों की सीटों में संतुलन की मांग करते हुए प्रवेश प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
विस्तार
श्री सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम दधीधि ने कहा कि सभी सिविल सोसायटी व राजनीतिक दलों के ऐसे लोग जो किसी पद पर नहीं हैं उनको मिलाकर एक कोर ग्रुप बनाया जाएगा। इस पर सोमवार को होने वाली बैठक में इसकी विस्तृत रूपरेखा तय होगी। दधीचि ने पूरे मुद्दे पर कहा कि संघर्ष समिति को ही किसी तरह के निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है।
संयोजक के साथ वार्ता के बाद यह तय हुआ है कि जम्मू संभाग के हर जिले में कोर ग्रुप बनाए जाएंगे। जिला स्तर पर 11 सदस्यीय कोर ग्रुप बनाया जाएगा जो रणनीति के तहत मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन, ज्ञापन का सिलसिला जारी रखेगा। इसमें सिविल सोसायटी के अधिक से अधिक लोग शामिल होकर संघर्ष की धार को तेज करें इसके लिए बड़ा कोर ग्रुप आगे बनेगा।
संघर्ष समिति के बैनर तले हर हाल में इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। साथ ही सभी सनातन धर्म सभा की समितियों को पत्र लिखकर समर्थन मांगा जाएगा।
सभी मिलकर इस लड़ाई को जीतेंगे
ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस नेहरू नगर के अध्यक्ष दीपक गुप्ता ने कहा कि सभी मिलकर संघर्ष समिति के बैनर तले इस लड़ाई को लड़ेंगे। अभी तक जम्मू के अंदर वर्ष 2008 से अब तक चाहे सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मांग हो या एम्स लाने की मांग रही हो। हमने सड़कों पर उतरकर संघर्ष किया है। साथ ही जम्मू को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर भी हमने अपनी बात रखी थी। अब आगे इस मुद्दे पर जम्मू अन्याय बर्दाश्त नहीं करने वाला।
हिंदुओं के पैसे से इस्लामीकरण नहीं होने देंगे : विहिप
विश्व हिंदू परिषद के जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि हिंदुओं के पैसे से सनातन धर्म की संस्थाओं का इस्लामीकरण नहीं होने देंगे। हिंदुओं के पैसे का इस्तेमाल हिंदुओं के लिए ही होना चाहिए। श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में 50 में से 42 सीटों पर मुस्लिम छात्रों को प्रवेश देने के फैसले को सहन नहीं करेंगे। यह लड़ाई सभी को साथ लेकर लड़ेंगे।
गुप्ता ने संघर्ष समिति के गठन से पहले ही इस मुद्दे पर विरोध जताया था। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने इस पूरे मुद्दे पर एकजुटता की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड की तरफ से संचालित हो रहे संस्थानों में सिर्फ सनातन धर्म के छात्रों को प्रवेश दिया जाना चाहिए। मुस्लिम छात्रों के प्रवेश में हो सकता है इसमें किसी ने शरारत की हो।
उन्होंने कहा कि डोगरा अब उठकर खड़ा हो गया है, जल्द ही इसका समाधान निकलेगा। भाजपा की पहल अच्छी है वह एलजी से मिलकर अपना विरोध दर्ज करा चुकी है। जम्मू को अलग राज्य का दर्जा देने की उठ रही मांग को लेकर गुप्ता ने कहा कि इस विषय पर संगठन स्तर पर कोई राय नहीं है। विहिप के अंदर इस विषय को लेकर कभी कोई चर्चा नहीं हुई है।
छात्रों के भविष्य से न करें खिलवाड़ :गुप्ता
नेशनल काॅन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता राजेश गुप्ता ने भाजपा के नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा की हालिया की गई टिप्पणी पर आक्रोश प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एक्सीलेंस कटड़ा में प्रवेश को लेकर नेता प्रतिपक्ष की टिप्पणी धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा है। अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ जहरीली नफरत फैलाकर नेता प्रतिपक्ष हिंदू समुदाय को भड़काने का वह काम कर रहे हैं।
अभी एसएमवीडीयू परिसर में ही चल रहा मेडिकल कालेज
श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस वर्तमान में एसएमवीडीयू परिसर में ही चल रहा है। श्राइन बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक, मेडिकल कालेज की बिल्डिंग का निर्माण शुरू हो चुका है। पीआरओ के मुताबिक, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आय के कई स्रोत हैं जिसमें किराया और चढ़ावा भी शामिल है।
पीआरओ ने बताया कि श्राइन बोर्ड अपनी आय से ही अपनी संस्थाओं के निर्माण और संचालन पर खर्च करता है। कॉलेज में एमबीबीएस की सीटों पर प्रवेश के लिए नीट यूजी 2025 के आधार पर प्रवेश दिया जा रहा है। इसमें मेरिट व परीक्षा में मिली रैंक के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया संचालित की जा रही है।
वर्ष 2025-26 की एमबीबीएस प्रवेश सूची की बात करें तो इसमें 50 सीटों में से 42 छात्र मुस्लिम, सात हिंदू व एक सिख छात्र को प्रवेश दिया गया है। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया है कि इतने कम संख्या में हिंदू छात्रों का प्रवेश कैसे लिया जा रहा है। बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद आदि हिंदू संगठनों की मांग है कि श्राइन बोर्ड के अधिनियम में संशोधन कर सभी संस्थानों में 90 प्रतिशत सीटें सनातन समाज के छात्रों के लिए आरक्षित की जाएं। मुस्लिम संगठनों का मेडिकल कॉलेज संचालित करने में कोई योगदान फिलहाल सामने नहीं आया है।
1986 में बने एक्ट में बदलाव को लेकर पुनर्विचार करने की जरूरत
भाजपा को जो कुछ कहना था हमने एलजी को सौंपे गए ज्ञापन में कह दिया है। हमें लगता है कि मौजूदा हालात में हमें श्राइन बोर्ड के 1986 में बने एक्ट पर पुनर्विचार करना चाहिए। मेरी जहां तक जानकारी है, उसके मुताबिक इस एक्ट को 1988 में लागू किया गया। जिस तरह के हालात हैं, उसमें एक्ट पर पुनर्विचार की जरूरत है। -शाम लाल शर्मा, विधायक, भाजपा
मेडिकल कॉलेज धर्म के आधार पर प्रवेश नहीं कर सकते : तनवीर
श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मामले में एनसी विधायक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज धर्म के आधार पर एडमिशन नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जब आप संस्थाओं को धर्म के आधार पर बांटते हैं तो आप सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं कर रहे होते, आप समाज को अंदर से बांट रहे होते हैं।
अगर हॉस्पिटल, स्कूल, यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज धर्म के आधार पर एडमिशन तय करने लगें तो हम कैसा देश बन जाएंगे। कल, क्या किसी मरीज का इलाज उसके धर्म के हिसाब से होगा, क्या ज्यादातर लोगों की मांगों को पूरा करने के लिए मेरिट को किनारे कर दिया जाएगा... यह तबाही का नुस्खा है।
सज्जाद लोन ने भी की आलोचना
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन ने कहा कि एमबीबीएस एडमिशन में हिंदुओं के लिए आरक्षण की मांग कर भाजपा मेडिकल साइंस को सांप्रदायिक करने की खतरनाक कोशिश करती दिखाई दे रही है। यह बहस देश के सबसे मुश्किल और मेरिट पर आधारित परीक्षा के राजनीतिकरण की ओर जाती दिखाई दे रही है।